Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/3069

Union Of India post office - Complainant(s)

Versus

Shiv Kumar - Opp.Party(s)

P L Nigam, Dr. Uday Veer Singh

01 Sep 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/3069
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Union Of India post office
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Shiv Kumar
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Virendra Singh PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ।

                                                          (सुरक्षित)

अपील सं0-3069/2002

(जिला मंच ज्‍योतिबा फुले नगर द्वारा परिवाद सं0-९६/२००६ में पारित आदेश दिनांक:०१/११/२००२ के विरूद्ध)

  1. Union of India through Secretary Ministry of Communication New Delhi.
  2. Post Master Post office Maheshwara  District J.P. Nagar.                                                       …………..Appellants.

Versus

Shiv Kumar S/o Sri Gulab Datt R/o Village Basli P.O. pipli kala District J.P. Nagar.

                                           …………Respondent.

समक्ष:-

1 मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

2 मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: डा0 उदयवीर सिंह विद्वान अधिवक्‍ता ।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से उपस्थित: श्री वी0एस0 बिसारिया विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक:06/11/2015

मा0 श्री संजय कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित।

निर्णय

     यह अपीलपरिवाद सं0-९६/२००० शिवकुमार बनाम डाकघर जे0पी0 नगर के निर्णय/आदेशदिनांक ०१/११/२००२ से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत की गयी है। जिला फोरम ने दिनांक ०१/११/२००२ को परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि वह परिवादी को परिपक्‍वता की धनराशि एवं उस पर १८ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतान की तिथि तक, आंखों की रोशनी के संबंध में शारीरिक क्षति में अंकन ५०००/-रू0, भुगतान की पैरवी में अंकन १०००/-रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में अंकन ५००/-रू0 का भुगतान अंदर तीस दिन में करे।

     परिवादी का कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि उसने जनवरी १९९५ में आर0 सं0-३०३८४ पोस्‍ट आफिस महेशरा में १००/-रू0 प्रतिमाह की दर से पंचवर्षीय योजना के अन्‍तर्गत धन निवेश किया था। योजना दिसम्‍बर १९९९ को परिपक्‍व हो गयी। उसने अपनी पासबुक दिनांक १७/०१/२००० को अंतिम भुगतान हेतु विपक्षी सं0-२ के पास भेजा। तब विपक्षी सं0-२ ने पासबुक विपक्षी सं0-१ के पास भेजी किन्‍तु वहां परिवादी को संतोषजनक उत्‍तर नहीं मिला। परिवादी डाकघर में जमा की धनराशि से जनवरी २००० में आंखों का आपरेशन का कार्यक्रम बताया लेकिन

परिवादी को विपक्षीगण द्वारा उसकी जमा धनराशि नहीं लौटाई गयी । परिवादी ने दिनांक २१/०६/२००० को विपक्षीगण को यह कहते हुए नोटिस दिया कि उसकी परिपक्‍वता की राशि उसे भुगतान की जाए लेकिन फिर भी कोई जानकारी नहीं दी गयी। परिवादी ने अपने द्वारा जमा की गई धनराशि पर १८ प्रतिशत चक्रवृद्धि

 

-२-

 ब्‍याज, धन न मिलने के कारण आर्थिक व मानसिक क्षति में १००००/-रू0 व वाद व्‍यय में २०००/-रू0 दिलाए जाने हेतु परिवाद प्रस्‍तुत किया।

     विपक्षीगण ने अपने प्रतिवाद पत्र में यह कहा है कि वादी ने वाद दायर करने से पूर्व दफा ८० का नोटिस नहीं दिया। इ‍सलिए वाद पोषणीय नहीं है। डाकखाना महेशरा से कोई भी पास बुक भुगतान से पूर्व रजबपुर डाकखाने को जाती है और फिर उसे जिला डाकपाल जे0पी0 नगर को भेजा जाता है जिसमें समय लगता है। वादी का नोटिस दिनांक ०५/०७/२००० को प्राप्‍त हुआ जिस पर ०६/०७/२००० को पूर्ण भुगतान का आदेश डाकघर महेशरा को दिया गया। परिपक्‍वता की अवधि के बाद की अवधि का ब्‍याज भी वादी को भेजा गया जो उसने नहीं लिया। डाकखाना महेशरा एक छोटे से गांव में स्थित है जिसमें धन नहीं रखा जाता है।  पत्र सं0-२७९ दिनांकित २२/०७/२००० द्वारा वादी को भेजा गया लेकिन उसने भुगतान नहीं लिया। सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। इसलिए परिवादी कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।  

     अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता डा0 उदय वीर सिंह एवं प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री वी0एस0 बिसारिया के तर्कों को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया गया।

     अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने पांचवर्षीय फिक्‍स डिपाजिट जमा योजना के अन्‍तर्गत निवेश किया था जिसकी किस्‍तें प्रतिमाह १००/-रू0 की थी जो दिसम्‍बर १९९९ में परिपक्‍व होनी थी। डाकघर महेशरा से कोई भी पासबुक भुगतान के पूर्व रजबपुर डाकखाने को भेजी जाती है‍ जिसमें समय लगता है। वादी का नोटिस दिनांक ०५/०७/२००० को प्राप्‍त होने के बाद दिनांक ०६/०७/२००० के पूर्व भुगतान का आदेश महेशरा डाकघर को दिया गया। परिपक्‍वता की अवधि के बाद की अवधि का ब्‍याज भी वादी को भेजा गया था जिसे परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने स्‍वीकार नहीं किया। डाकघर महेशरा एक छोटा गांव है जिसमें पैसा नहीं रखा जाता है। जिला फोरम ने ब्‍याज की दर १८  प्रतिशत दिलाई है जो बहुत ज्‍यादा है। डाक विभाग की सेवा में कोई कमी नहीं है। जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश सही एवं उचित नहीं है, खारिज होने योग्‍य है।

     प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क दिया कि जिला फोरम का आदेश सही एवं उचित है । जिला फोरम ने सभी तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए निर्णय पारित किया है । जमा धनराशि अभी भी डाकघर/अपीलार्थी के पास है, इसलिए परिवादी उस जमा धनराशि पर भी ब्‍याज पाने का अधिकारी है। जिला फोरम ने ब्‍याज की दर १८ प्रतिशत जो दिलाई है वह सही एवं उचित है।

     आधार अपील एवं संपूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया जिससे यह प्रतीत होता है कि परिवादी ने डाकघर में फिक्‍स डिपाजिट जमा योजना के अन्‍तर्गत एक खाता खोला था जिसकी किस्‍त प्रतिमाह १००/-रू0 जमा किया जाना

-३-

 निश्चित था। फिक्‍स डिपाजिट की अवधि दिसम्‍बर १९९९ में परिपक्‍व हो गयी । प्रश्‍नगत प्रकरण में परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा जमा धनराशि अभी भी डाकघर द्वारा भुगतान नहीं की गयी है। जिला फोरम ने जमा धनराशि पर ब्‍याज १८ प्रतिशत जो दिलाई है, वह अत्‍यधिक है। जमा धनराशि पर ६ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज दिलाया जाना उचित पाया जाता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

     अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम के निर्णय/आदेश दिनांक ०१/११/२००२ में १८ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर ६ प्रतिशत ब्‍याज संशोधित किया जाता है। शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।

 

 

(जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                               (संजय कुमार)

   पीठा0सदस्‍य                                       सदस्‍य

सत्‍येन्‍द्र कुमार

आशु0 कोर्ट0 ३

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Virendra Singh]
PRESIDENT

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