राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 320/2013
Executive Engineer, U.P. State Electricity Bord, Meerut.
…….Appellant
Versus
Shiv kumar S/o Shri Om Prakash 22, Subhash Puri, Kankar Khera Meerut.
……….Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री वी0एस0 बिसारिया,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 01.12.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 1037/1993 शिव कुमार बनाम राज्य विद्युत परिषद में जिला उपभोक्ता आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 25.11.1997 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया है कि दि0 29.12.1992 से दि0 16.08.1994 तक की अवधि के लिए मीटर रीडिंग के आधार पर विद्युत बिल जारी किया जाए, पूर्व में जमा राशि का समायोजन किया जाए, बिल प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर जमा करें।
3. इन निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अवैध, अनुचित व मनमाना निर्णय साक्ष्य के विपरीत पारित किया है जो प्रत्यर्थी/परिवादी ने दि0 29.12.1991 से विद्युत आपूर्ति के उपभोग की उद्घोषणा की थी। इसलिए इसी तिथि से विद्युत शुल्क वसूला जाना था, मीटर बाद में स्थापित हुआ था।
4. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन एवं प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री वी0एस0 बिसारिया को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि जब स्वयं उपभोक्ता ने घोषणा की है कि दि0 29.11.1991 से विद्युत का उपभोग किया जा रहा है तब मीटर स्थापित करने की तिथि से विद्युत शुल्क वसूल करने का आदेश देना अनुचित है।
6. प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्युत मीटर लगने की तिथि से ही विद्युत आपूर्ति माना जाना उचित है।
7. विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने के उद्देश्य से स्वयं प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा दि0 29.11.1991 को घोषणा की गई है कि वह विद्युत का उपभोग कर रहा है। इसी के पश्चात नियमित कनेक्शन जारी करने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। इसलिए दि0 29.11.1991 से ही विद्युत बिल वसूलना उचित है। मीटर स्थापित करना महत्वपूर्ण नहीं है। अपील सं0- 1073/2015 में भी इस पीठ द्वारा इसी आशय का निष्कर्ष दिया गया है कि जब विद्युत कनेक्शन स्वयं उपभोक्ता द्वारा स्वीकार कर लिया गया है तब मीटर की स्थापना की तिथि महत्वपूर्ण नहीं है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
8. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि दि0 29.11.1991 से ही उपभोक्ता द्वारा विद्युत शुल्क देय होगा। शेष निर्णय एवं आदेश अपास्त किया जाता है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3