Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/778

Ford India Ltd - Complainant(s)

Versus

Shiv Kumar Solanki - Opp.Party(s)

Vishal Kumar ,Prateek Agrawal

28 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/778
( Date of Filing : 20 Apr 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ford India Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Shiv Kumar Solanki
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Oct 2024
Final Order / Judgement

                                              (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-778/2012

(जिला आयोग, महोबा द्वारा परिवाद संख्‍या-27/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.3.2012 के विरूद्ध)

                                    

फोर्ड इण्डिया प्रा0लि0, एस.पी. कोईल पोस्‍ट, चेनगलपट्टु, तमिलनाडू 603204, इण्डिया।

अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2

बनाम

1.    शिव कुमार सोलंकी, निवासी महालक्ष्‍मी ग्रेनाइट, बांदा रोड, कबरई, तहसील व जिला महोबा।

     अलटरनेट एड्रेस 1233 गोन्‍दू कम्‍पाउण्‍ड, सी‍परी बाजार, झांसी।

2.    SWARN CARS PVT. LTD., निकट भाई बन्‍नो साहब गुरूद्वारा 109/362, जी.टी. रोड, जरीब की चौकी, कानपुर।

       प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : श्री प्रतीक अग्रवाल।

प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित    : श्री कुलदीप सिंह।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

दिनांक:  28.10.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.     परिवाद संख्‍या-27/2009, शिवकुमार सोलंकी बनाम प्रबंधक, स्‍वनि कार्स प्रा0लि0 तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, महोबा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.03.2012 के विरूद्ध विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी तथा प्रत्‍यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए परिवादी द्वारा क्रय की गई प्रश्‍नगत इंडीवर कार के स्‍थान पर दूसरी नई इंडीवर कार प्रदान करने तथा विक्रय मूल्‍य अंकन 16,33,000/-रू0 9 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 50,000/-रू0 एवं वाहन को किराए पर लेने की एवज में अंकन 20,000/-रू0 तथा परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 2,000/-रू0 अदा करने के लिए आदेशित किया है।

2.     परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी मूल रूप से झांसी का निवासी है, वर्तमान में कस्‍बा कबरई में अपना व्‍यापार कर रहा है, जहां पर विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी आते थे और उनसे वार्ता के आधार पर विपक्षी सं0-2 के डीलर विपक्षी सं0-1 से अंकन 16,33,000/-रू0 की एक कार क्रय की गई।

3.     विपक्षी की ओर से प्रारम्भिक आपत्ति की गई थी कि महोबा स्थित जनपद में कोई वादकारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ, इस आपत्ति को निरस्‍त करते हुए विद्वान जिला आयोग, महोबा द्वारा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश पारित किया है। अपील के ज्ञापन में भी क्षेत्राधिकार की आपत्ति को उठाया गया है।

4.     अत: सर्वप्रथम क्षेत्राधिकार के बिन्‍दु को सुनिश्चित करना आवश्‍यक है।

5.     परिवादी ने परिवाद पत्र में स्‍वंय कथन किया है कि वह जनपद झांसी का निवासी है और कस्‍बा कबरई, महोबा में व्‍यापार कर रहा है तथा विपक्षी सं0-1 से वाहन क्रय किया, जिसकी निर्माता कंपनी विपक्षी सं0-2 है, जिनका कार्यालय क्रमश: कानपुर एवं चेन्‍नई में मौजूद है। परिवादी का कथन है कि विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी कबरई में उसके पास आते थे, इसलिए वादकारण कबरई महोबा में उत्‍पन्‍न होना गया। उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 11 के अनुसार उपभोक्‍ता परिवाद वहां प्रस्‍तुत किया जा सकता है जहां विपक्षी का मुख्‍यालय स्थित है या शाखा स्थित है। प्रस्‍तुत केस में जनपद महोबा में न तो मुख्‍यालय स्थित है और न ही शाखा स्थित है। विपक्षी सं0-1 के किसी कर्मचारी के आने मात्र से यह नहीं कहा जा सकता कि जनपद महोबा में वादकारण उत्‍पन्‍न हुआ है, इसलिए यह उपभोक्‍ता परिवाद क्षेत्राधिकार विहीन है। तदनुसार क्षेत्राधिकार विहीन पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने तथा प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

6.     प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है तथा क्षेत्राधिकार विहीन परिवाद खारिज किया जाता है। यद्यपि परिवादी को अधिकार होगा कि वह सक्षम न्‍यायालय के समक्ष अपना उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत कर सकते हैं, जिसमें विद्वान जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत परिवाद की तिथि से लेकर इस आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश की तिथि तक समय की गणना समयावधि के उद्देश्‍य से नहीं की जाएगी और परिवादी को मर्यादा अधिनियम की धारा 14 का समुचित लाभ प्राप्‍त होगा।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(सुधा उपाध्‍याय)                         (सुशील कुमार)

 सदस्‍य                                सदस्‍य

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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