Uttar Pradesh

StateCommission

A/790/2015

Uppcl - Complainant(s)

Versus

Shiv Kumar Katiyar - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

13 Sep 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/790/2015
(Arisen out of Order Dated 18/02/2015 in Case No. C/625/2010 of District Kanpur Nagar)
 
1. Uppcl
Kanpur Nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Shiv Kumar Katiyar
Kanpur Nagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 13 Sep 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-790/2015

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 625/2010 में पारित आदेश दिनांक 18.02.2015 के विरूद्ध)

Uttar Pradesh Power Corporation Ltd. Through Adhishashi Abhiyanta, Vidyut Vitran Khand-II, Vidyut Parishad Colony, Govind Nagar, Kanpur Nagar.

                               .................अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

Shiv Kumar Katiyar son of Late Devi Prasad Katiyar, resident of Village Gogumau, Pargana & Tehsil Bilhaur, District Kanpur Nagar.           

                                .................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा,                                     

                           विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री राम सिंह यादव,

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 30.10.2017

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-625/2010 शिवकुमार कटियार बनाम उत्‍तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लि0 में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय और आदेश                               दिनांक 18.02.2015 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

''परिवादी का प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी, प्रस्‍तुत निर्णय पारित करने  के

 

-2-

30 दिन के अंदर परिवादी को रू0 2,42,306.00 क्षतिपूर्ति के रूप में तथा रू0 5000.00 वाद व्‍यय के रूप में अदा करे। यदि विपक्षी निर्धारित समय के अंदर परिवादी को क्षतिपूर्ति व परिवाद व्‍यय की धनराशि अदा नहीं करता है तो परिवादी को यह अधिकार होगा कि वह दौरान मुकदमा तथा वसूली अ‍वधि तक 8% ब्‍याज सहित राजस्‍व वसूली की भॉंति जरिये फोरम विपक्षी से उपरोक्‍त समस्‍त धनराशि प्राप्‍त कर सकेगा।''

     जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी उत्‍तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लि0 ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा और प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री राम सिंह यादव उपस्थित आए हैं।

मैंने उभय पक्ष के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसके व उसके लड़कों के नाम करीब             22 बीघा कृषि भूमि है, जिसमें एक नलकूप लगा है, जिसका विद्युत कनेक्‍शन सं0-5211/05824 है, जिसका उपयोग खेतों की सिंचाई व कृषि कार्य के लिए किया जाता है।

परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि उसने अपने ग्राम गोगूमऊ स्थित खेत सं0-131 रकबा 0.647 हेक्‍टेयर व आराजी सं0-183 रकबा 2.401 हेक्‍टेयर में रकबा        1.000 हेक्‍टेयर में मक्‍का व शेष रकबा 1.401 हेक्‍टेयर में धान की फसल बोई थी। उक्‍त फसल बोते समय उसने दिनांक 01.06.2009 व दिनांक 02.06.2009 को प्रियांशु-द्वियांशु खाद्य एवं बीज एवं कीटनाशक भण्‍डार कुर्मी खेड़ा चौबेपुर कानपुर नगर से यूरिया व डी0ए0पी0 खाद मक्‍का व धान का बीज व कीटनाशक दवायें कुल 29,306/-रू0 में खरीदी थी तथा उसका प्रयोग खेतों  में  बुआई  के

 

-3-

समय किया था, परन्‍तु बुआई के करीब एक माह बाद               दिनांक 01.08.2009 से उसके ट्यूबवेल की विद्युत आपूर्ति बन्‍द हो गयी। बरसात न होने के कारण व सूखा पड़ने के कारण उसे खेतों में खड़ी फसल को पानी देना था। अत: उसने दिनांक 02.08.2009 को विद्युत स्‍टेशन चौबेपुर में शिकायत पुस्तिका में विद्युत न आने की शिकायत दर्ज की। तब दिनांक 03.08.2009 को विद्युत कर्मचारी श्री श्‍यामू ने मौके पर जाकर ट्रांसफार्मर को देखा तो बताया कि ट्रांसफार्मर से एक फेस नहीं निकल रहा है। अत: बदला जाएगा। उसके बाद उक्‍त कर्मचारी ने ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना क्षेत्रीय जूनियर इंजीनियर विनोद कुमार को दी। तब जूनियर इंजीनियर ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी से विद्युत बिल जमा होने की पुष्टि के लिए रसीदों की फोटोप्रति मांगी, जिन्‍हें प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने जूनियर इंजीनियर के पास भिजवाया। फिर भी ट्रांसफार्मर ठीक नहीं हुआ। उसके बाद दिनांक 12.08.2009 को प्रत्‍यर्थी/परिवादी  उपखण्‍ड कार्यालय गया तब जूनियर इंजीनियर ने कहा कि अभी बनवा देते हैं। उसके बाद उन्‍होंने कहा कि स्‍टीमेट कल बनवा दूँगा। परेशान होकर दिनांक 17.08.2009 को प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अधीक्षण अभियन्‍ता, विद्युत वितरण खण्‍ड कानपुर मण्‍डल विद्युत परिषद कालोनी कानपुर नगर को प्रार्थना पत्र दिया और उसकी प्रति मुख्‍य अभियन्‍ता कानपुर क्षेत्र विद्युत परिषद कानपुर नगर को दी। उसके बाद‍ भी ट्रांसफार्मर बदला नहीं गया। उसके बाद भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने प्रार्थना पत्र दिया और तहसील दिवस में शिकायत की, परन्‍तु ट्रांसफार्मर बदला नहीं गया और प्रत्‍यर्थी/परिवादी की धान व मक्‍का की फसल सूख गयी। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत कर अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा सेवा में की गयी त्रुटि के आधार पर प्रतिकर की मांग की है।

जिला फोरम के आक्षेपित निर्णय और आदेश के अनुसार अपीलार्थी/विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, परन्‍तु पर्याप्‍त अवसर देने के बाद भी अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: जिला  फोरम  ने  अपीलार्थी/विपक्षी  के

 

-4-

विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से करते हुए आक्षेपित निर्णय और आदेश उपरोक्‍त प्रकार से पारित किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी/विपक्षी को भेजी गयी नोटिस उसे प्राप्‍त नहीं हुई है। इस कारण अपीलार्थी/विपक्षी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। अत: आक्षेपित निर्णय और आदेश को अपास्‍त करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को अपना कथन व साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने का अवसर दिया जाए।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि नोटिस तामीला के बाद भी अपीलार्थी/विपक्षी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। अत: जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से कार्यवाही कर कोई त्रुटि नहीं की है। जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है। अत: इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।  

मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

निर्विवाद रूप से आक्षेपित निर्णय और आदेश एकपक्षीय रूप से अपीलार्थी/विपक्षी की अनुपस्थिति में पारित किया गया है। अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि अपीलार्थी/विपक्षी को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर अपना लिखित कथन व साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने का अवसर दिया जाए, परन्‍तु अपीलार्थी/विपक्षी के जिला फोरम के समक्ष उपस्थित न होने के कारण जो परिवाद के निस्‍तारण में विलम्‍ब हो रहा है उसकी क्षतिपूर्ति हेतु अपीलार्थी/विपक्षी से प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 10,000/-रू0 हर्जा दिलाया जाना न्‍यायहित में आवश्‍यक है।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश 10,000/-रू0 हर्जा पर अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध अपास्‍त किया जाता है तथा पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित की जाती है कि वह अपीलार्थी/विपक्षी  को  हाजिरी  की

 

-5-

तिथि से 30 दिन के अन्‍दर लिखित कथन प्रस्‍तुत करने का अवसर देते हुए उभय पक्ष को साक्ष्‍य और सुनवाई का अवसर देकर विधि के अनुसार पुन: निर्णय यथाशीघ्र पारित करें।

अपीलार्थी द्वारा धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत जमा धनराशि 25,000/-रू0 से उपरोक्‍त हर्जा 10,000/-रू0 की अदायगी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को की जाएगी और शेष धनराशि सम्‍पूर्ण धनराशि पर अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी/विपक्षी को वापस की जाएगी।

अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 04.12.2017 को उपस्थित हों। हाजिरी हेतु इस निश्चित तिथि से 30 दिन का समय अपीलार्थी/विपक्षी को लिखित कथन प्रस्‍तुत करने हेतु जिला फोरम द्वारा दिया जाएगा और उसके बाद पुन: लिखित कथन हेतु स्‍थगन स्‍वीकार नहीं किया जाएगा। तदोपरान्‍त जिला फोरम उभय पक्ष को साक्ष्‍य और सुनवाई का अवसर देकर विधि के अनुसार यथाशीघ्र निर्णय पारित करेगा।

 

 

 

    (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

                           अध्‍यक्ष

 

जितेन्‍द्र आशु0                        

कोर्ट नं0-1            

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
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