Uttar Pradesh

StateCommission

A/277/2019

Reliance Retail Ltd - Complainant(s)

Versus

Shiv Dayal - Opp.Party(s)

Abhishek Bhatnagar & Mukesh Kumar

04 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/277/2019
( Date of Filing : 26 Feb 2019 )
(Arisen out of Order Dated 11/10/2018 in Case No. C/103/2017 of District Firozabad)
 
1. Reliance Retail Ltd
GF 1st and 2nd Floor Solitaire C-B RAF Ahamed Kidwai Nagar Opposite fun Republic Gomtinagar Lucknow (Through its Authorized Officer )
...........Appellant(s)
Versus
1. Shiv Dayal
S/O Adal Singh R/O Gram VAss Jharna Post Dheerpura Thana Nagla Sindhi Tehsil Tundla Distt. Firozabad U.P.
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Nov 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-२७७/२०१९

(जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, फिरोजाबाद द्धारा परिवाद सं0-१०३/२०१७ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-१०-२०१८ के विरूद्ध)

रिलायंस रिटेल लिमिटेड, जीएफ, प्रथम व द्वितीय तल, सोलिटेयर, सी-बी, आर ए एफ अहमद किदवई नगर, फन रिपब्लिक के सामने, गोमती नगर, लखनऊ (द्वारा अधिकृत अधिकारी)।                                          ........... अपीलार्थी/विपक्षी।  

बनाम      

शिव दयाल पुत्र एदल  सिंह निवासी ग्राम वास झरना, पोस्‍ट धीरपुरा, थाना नगला सिंघी, तहसील टूण्‍डला, जिला फिरोजाबाद।                      ............. प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

समक्ष :-

१. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

२. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।                     

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री अभिषेक भटनागर विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।

 

दिनांक :- ०४-११-२०२२.

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

 

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी द्वारा जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, फिरोजाबाद द्धारा परिवाद सं0-१०३/२०१७ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-१०-२०१८ के विरूद्ध योजित की गई है।

प्रस्‍तुत अपील विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र के साथ प्रस्‍तुत की गई। प्रत्‍यर्थी को पंजीकृत डाक से प्रेषित नोटिस यद्यपि वापस प्राप्‍त न होने की आख्‍या कार्यालय द्वारा अंकित की गई परन्‍तु इस न्‍यायालय द्वारा आदेश दिनांक १७-१०-२०१९ को प्रत्‍यर्थी पर नोटिस की तामीला पर्याप्‍त मानी जा चुकी है। तदोपरान्‍त अनेकों तिथियों पर अपील सूचीबद्ध हुई परन्‍तु सुनवाई सम्‍भव नहीं हुई। प्रत्‍यर्थी की ओर से आज भी कोई उपस्थित नहीं है अत्एव हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अभिषेक भटनागर को

 

 

-२-

सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों/साक्ष्‍यों व प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश का परिशीलन/परीक्षण किया गया।

अपील प्रस्‍तुत करने में हुए विलम्‍ब का कारण पर्याप्‍त है अत्एव विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र स्‍वीकार करते हुए अपील प्रस्‍तुत करने में हुआ विलम्‍ब क्षमा किया जाता है।

वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक ०८-०४-२०१७ को विपक्षी सं0-१ प्रबन्‍धक/प्रोपराइटर मॉं वैष्‍णो कम्‍युनिकेशन सदर बाजार फिरोजाबाद से एक मोबाइल, जिसका एल.वाई.एफ. वाटर ।। मॉडल एल0एल0-५० 17 आई0एम0आई0- ९११५१०४५२२८९३६२, जिसका बिल नं0 २५ है और जिसकी कीमत ७५००/- रू० थी, खरीदा। खरीदते समय बिक्रेता एक साल की वारण्‍टी बतायी और यह भी बताया कि निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष होने पर कम्‍पनी बिना कोई अतिरिक्‍त पैसा लिए बदल देगी। खरीदने के लगभग १० दिन बाद उक्‍त मोबाइल सेट में कमी उत्‍पन्‍न होने लगी। विपक्षी सं0-१ द्वारा मोबाइल का कोई दोष दूर नहीं किया गया। पुन: मोबाइल से एक गन्‍ध धुंआ से निकला और मोबाइल डैड हो गया। बार-बार सम्‍पर्क करने के बाबजूद विपक्षी सं0-१ ने मोबाइल सही नहीं किया और गाली गलौज करके, धक्‍का मारकर दुकान से भगा दिया। परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से दिनांक २५-०५-२०१७ को एक रजिस्‍टर्ड नोटिस भेजा, जिसका विपक्षी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। तब परिवाद विद्वान जिला फोरम के सम्‍मुख प्रस्‍तु किया गया।

परिवाद के विपक्षी सं0-१ द्वारा अपने प्रतिवाद पत्र में कथन किया गया कि परिवादी को यह स्‍पष्‍ट बता दिया गया था कि गारण्‍टी/वारण्‍टी कम्‍पनी द्वारा ही दी जा रही है। मोबाइल की मरम्‍मत कम्‍पनी के सर्विस सेण्‍टर पर की जाती है। परिवादी उसकी दुकान पर मोबाइल ठीक कराने कभी नहीं आया। विपक्षी सं0-१ द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई।

परिवाद के विपक्षी सं0-२, रिलायंस रिटेल लि0, सैड नम्‍बर ७७/८०, इण्डिया कारपोरेशन गोडान मकोली नाका ब्‍लैज डपाड तेल विभांडी जिला थाणे महाराष्‍ट्र पिन-४२१३०२. द्वारा अपने प्रतिवाद पत्र में कथन किया गया कि कम्‍पनी के नियमों के अन्‍तर्गत मोबाइल सेट के यू0एस0बी0 केबिल पर ३ माह की, चार्जर व बैटरी पर ६ माह

 

-३-

की व उत्‍पाद पर (यू0एस0बी0 केबिल, चार्जर व बैटरी) १२ माह की खरीद की तिथि से वारण्‍टी देय है। विवादित मोबाइल दिनांक १५-०५-२०१७ को अक्रियाशील स्थिति में परिवादी ने विपक्षी के सर्विस सेण्‍टर पर प्रस्‍तुत किया था। कम्‍पनी के सर्विस इंजीनियर ने जांच करने पर पाया कि उत्‍पाद में तरल पदार्थ जाने का दोष है। तरल पदार्थ जाने पर उत्‍पाद कम्‍पनी के नियम व शर्तों से आच्‍छादित नहीं रहा। परिवादी को ऐस्‍टीमेट दिया गया किन्‍तु परिवाद मुफ्त मरम्‍मत के लिए आग्रह करता रहा। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई।

विपक्षी सं0-३ द्वारा विद्वान जिला फोरम के सम्‍मुख कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया।

उभय पक्षकारों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त साक्ष्‍यों पर विस्‍तार से विचार करने के उपरान्‍त विद्वान जिला फोरम द्वारा यह पाया गया कि विपक्षी सं0-२ के प्रतिशपथ पत्र के साथ संलग्‍नक जांच शीट के अन्‍तर्गत विपक्षी द्वारा वारण्‍टी के अन्‍तर्गत मोबाइल की मरम्‍मत के लिए ६५०१.८६ रू० की डिमाण्‍ड की गई जबकि उत्‍पाद वारण्‍टी अवधि में था। मोबाइल में कोई भी दोष होने का उत्‍तरदायी परिवादी को ठहराया जाना न पाते हुए विद्वान जिला फोरम ने प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-१०-२०१८ पारित किया, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील योजित की गई।

दौरान् बहस अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने हमारा ध्‍यान अपील के रनिंग पेज ३४ पर क्‍लाज-५ की ओर आकृष्‍ट किया और कहा कि इस शर्त के अनुसार मोबाइल आउट आफ वारण्‍टी हो गया था। अब प्रश्‍न यह है कि क्‍या इस शर्त, जो अॅग्रेजी में है,  की प्रति परिवादी को मोबाइल विक्रय करते समय प्राप्‍त कराई गई थी या नहीं। इस सम्‍बन्‍ध में अधिवक्‍ता अपीलार्थी द्वारा ऐसा कोई साक्ष्‍य इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत नहीं किया गया जिससे यह अवधारित किया जा सके कि परिवादी उक्‍त शर्तों से भली-भांति भिज्ञ था। उल्‍लेखनीय है कि परिवादी एक ग्रामीण परिवेश में रहने वला व्‍यक्ति है और यह आवश्‍यक नहीं है कि वह अॅग्रेजी में लिखी शर्त को भलीभांति समझ सके। ऐसी स्थिति में अधिवक्‍ता अपीलार्थी का यह तर्क बलहीन है।

 

 

-४-

उपरोक्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते हैं कि विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश विधि सम्‍मत है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

इस आयोग के निबन्‍धक से अपेक्षा की जाती है कि अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत अपील योजित किए जाते समय अधिनियम की धारा-१५ के अन्‍तर्गत जो धनराशि जमा की गई हो वह सम्‍पूर्ण धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित विधि अनुसार एक माह में विद्वान जिला फोरम को भेज दी जावे ताकि विद्वान जिला फोरम द्वारा उक्‍त धनराशि का समायोजन/भुगतान प्रश्‍नगत निर्णय के अनुपालन में विधि अनुसार किया जा सके।

आशुलिपिक/वैयक्तिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

        (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                  (विकास सक्‍सेना)            

              अध्‍यक्ष                                सदस्‍य

                                   

 

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-१,

कोर्ट नं0-१. 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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