राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-१९७६/२०१५
(जिला मंच, सुलतानपुर द्वारा परिवाद सं0-३१७/२००२ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २८-०६-२०१२ के विरूद्ध)
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0, इलैक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीबूशन डिवीजन-२, सुलतानपुर द्वारा एक्जक्यूटिव इंजीनियर।
............. अपीलार्थी/विपक्षी।
बनाम
शीतला प्रसाद मिश्रा उर्फ भुल्लर पुत्र श्री राम मिला निवासी ग्राम कटसारी तहसील कादीपुर परगना अल्देमऊ जिला सुलतानपुर।
............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
१- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सन्तोष कुमार मिश्रा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- २९-१०-२०१८.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, सुलतानपुर द्वारा परिवाद सं0-३१७/२००२ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २८-०६-२०१२ के विरूद्ध योजित की गयी है।
परिवादी ने प्रश्नगत परिवाद, परिवादी के ट्यूबवेल कनेक्शन नं0-०३५०२९ क्षमता १० हार्सपावर के सन्दर्भ में राजस्व निर्धारण की नोटिस दिनांकित २३-०७-२००२ मु0 ७०,७४१/- रू० को निरस्त किए जाने एवं वाद व्यय तथा क्षतिपूर्ति के अनुतोष के साथ योजित किया।
अपीलार्थी को जिला मंच द्वारा पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गई। अपीलार्थी की ओर से जिला मंच के समक्ष अधिवक्ता उपस्थित हुए किन्तु कोई जबाव दावा दाखिल नहीं किया जिससे अपीलार्थी के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गई।
-२-
विद्वान जिला मंच ने परिवादी का परिवाद स्वीकार करते हुए प्रश्नगत निर्णय द्वारा अपीलार्थी द्वारा निर्गत असेसमेण्ट बिल की धनराशि ७०,७४१/- रू० को निरस्त कर दिया तथा अपीलार्थी को आदेशित किया कि वह परिवादी को शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति के मद में १,०००/- रू० तथा वाद व्यय के मद में अदा करे।
इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गई।
हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सन्तोष कुमार मिश्रा के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से तर्क प्रस्तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ। प्रत्यर्थी पर नोटिस की तामील आदेश दिनांक ३०-०८-२०१७ द्वारा पर्याप्त मानी जा चुकी है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रस्तुत प्रकरण में विवाद, निर्विवाद रूप से प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा कथित विद्युत चोरी तथा इस सन्दर्भ में अपीलार्थी द्वारा तैयार किये गये ७०,७४१/- रू० के असेसमेण्ट बिल का है, जिसे परिवादी ने अवैध बताया है। अपील मेमो के साथ कथित विद्युत चोरी के सन्दर्भ में सम्बन्धित चैकिंग रिपोर्ट दिनांकित २१-०५-२००२ की फोटोप्रति भी दाखिल की गई हैं। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत विद्युत कनेक्शन केवल कृषि कार्य हेतु स्वीकृत किया गया था जबकि परिवादी चैकिंग के दौरान् प्रश्नगत विद्युत कनेक्शन से आटा चक्की चलाते पाया गया।
विद्युत अधिनियम की धारा-१२६ के अन्तर्गत अनधिकृत विद्युत उपयोग किया जाना पाए जाने की स्थिति में अनधिकृत विद्युत उपयोग के सन्दर्भ में असेसमेण्ट बिल अपीलार्थी द्वारा तैयार किया जा सकता है जिसकी अदायगी का दायित्व उपभोक्ता का होगा। धारा-१२७ विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत इस असेसमेण्ट बिल के विरूद्ध उपभोक्ता अपील, अपीलार्थी के कार्यालय में सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। विद्युत अधिनियम की धारा-१४५ इस सन्दर्भ में परिवाद उपभोक्ता मंच में योजित किया जाना प्रतिबन्धित करती है। यू0पी0पी0सी0एल0 व अन्य बनाम अनीस अहमद, III (2013) CPJ 1 (SC) के मामले में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा यह निर्णीत किया
-३-
गया है कि विद्युत अधिनियम की धारा-१२६ के अन्तर्गत की गई कार्यवाही के विरूद्ध उपभोक्ता मंच में परिवाद पोषणीय नहीं है।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर हमारे विचार से प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच को प्राप्त नहीं था, अत: प्रश्नगत निर्णय क्षेत्राधिकार के अभाव में पारित किए जाने के कारण अपास्त किए जाने योग्य है। अपील तद्नुसार स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच, सुलतानपुर द्वारा परिवाद सं0-३१७/२००२ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २८-०६-२०१२ अपास्त करते हुए परिवाद निरस्त किया जाता है।
इस अपील का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट नं.-२.