राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-32/2019
(जिला उपभोक्ता फोरम, झांसी द्वारा परिवाद संख्या-300/2016 में पारित निर्णय दिनांक 12.11.2018 के विरूद्ध)
अधिशासी अभियंता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0, विद्युत
वितरण खंड, टीकमगढ़ बस स्टैण्ड मउरानीपुर। .......अपीलार्थी@विपक्षी
बनाम
शीतल प्रसाद यादव पुत्र सोहन लाल, निवासी ग्राम रेवन तहसील
मउरानीपुर जिला झांसी। .......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 21.07.2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 300/2016 शीतल प्रसाद यादव बनाम अधिशासी अभियंता दक्षिणांचल विद्युत में पारित निर्णय/आदेश दि. 12.11.2018 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षी को निर्देशित किया है कि उपभोगसुदा मीटर रीडिंग के अनुसार बिल वसूला जाए और यह बिल विच्छेदन की तिथि तक वसूल किया जाए।
2. इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि परिवादी व्यापारिक उपभोक्ता है, इसलिए परिवाद संधारणीय नहीं है। परिवादी का केस यह नहीं है कि मीटर गलत कार्य कर रहा था, इसलिए मीटर में उपलब्ध रीडिंग 81142 के अनुसार परिवादी भुगतान करने के लिए
-2-
उत्तरदायी है। उसने स्वयं अपना मीटर जलाया और मीटर बदलने का अनुरोध किया, परन्तु मीटर बदलने के लिए और जलने की सूचना डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन में नहीं दिया है और शीघ्र मीटर टेस्ट डिवीजन में शिकायत की गई। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवादी के आचरण पर कोई विचार नहीं किया तथा परिवाद में मांगे गए अनुतोष के अलावा अन्य अनुतोष भी जिला उपभोक्ता मंच द्वारा जारी किए गए।
3. केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना। प्रश्नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. जिला उपभोक्ता मंच द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया है कि विपक्षीगण के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गलत रीडिंग का बिल दिया गया, जिसके भुगतान के लिए परिवादी उत्तरदायी नहीं है। परिवादी द्वारा पूर्व के बिल जमा किए जा चुके हैं और इलेक्ट्रानिक मीटर बदलने के बाद खपत की रीडिंग के अनुसार ही बिल राशि अदा करने के लिए उत्तरदायी है। परिवाद पत्र के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी ने अंकन रू. 436100/- के बिल को निरस्त करने तथा दि. 20.01.2016 से 27.05.2016 तक पिछले 3 माह के एवरेज के अनुसार बिल बनाने का अनुरोध किया तथा वर्तमान में नया मीटर रीडिंग के अनुसार बिल बनाने का अनुरोध किया गया। जिला उपभोक्ता मंच ने उपभोगसुदा रीडिंग के अनुसार बिल जारी करने का आदेश पारित किया है। परिवादी द्वारा जितनी विद्युत उपभोग की गई उसकी रीडिंग के अनुसार बिल जारी करने के आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है, परन्तु जिला उपभोक्ता मंच ने एक अतिरिक्त आदेश यह पारित किया है कि एक माह के अंदर विद्युत संयोजन को विच्छेदित
-3-
किया जाए, जबकि परिवाद पत्र में विद्युत संयोजन के विच्छेदन से संबंधित किसी अनुतोष की मांग नहीं की गई, अत: इस संबंध में पारित आदेश विधि विरूद्ध है, अत: अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार दुरूस्त किया जाता है कि एक माह के अंदर संयोजन विच्छेदित करने वाला आदेश अपास्त समझा जाए। शेष निर्णय पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार) अध्यक्ष सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-1