Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/102

Amar Electronics - Complainant(s)

Versus

Shishir Kumar Sharma - Opp.Party(s)

S P Bajpai

21 Jan 2011

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/102
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Amar Electronics
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Shishir Kumar Sharma
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Chandra Bhal Srivastava PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित।

अपील संख्‍या-102/2011

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या-145/2006 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-12-2010 के विरूद्ध)

अमर इलेक्‍ट्रानिक्‍स छोटा चौराहा शहर व जिला उन्‍नाव जरिये प्रोपराइटर विपक्षी संख्‍या-1 जसवीर सिंह।.                                                                                          

                                   अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1

                                                  बनाम्

  1. शिशिर कुमार शर्मा आयु लगभग 25 वर्ष पुत्र श्री राजेन्‍द्र शर्मा निवासी मकान नम्‍बर-1/136 लोक नगर शहर व जिला उन्‍नाव।

                                                                          प्रत्‍यर्थी/परिवादी

  1. मेसर्स सुपर कैसेट इण्‍ड्स्‍टीज लिमिटेड प्‍लाट नं0-1 सेक्‍टर 16 ए.फिल्‍म सेन्‍टर नोएडा जिला गौतमबुद्ध नगर, उत्‍तर प्रदेश जरिये जर्नल मैनेजर (प्रोफार्मा पार्टी).

   प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2

समक्ष :-

1-   मा0 श्री चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव, पीठासीन सदस्‍य।

2-   मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

1-  अपीलार्थी की ओर से उपस्थित -   कोई नहीं।

2-  प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित -    श्री सरल कुमार वर्मा।

दिनांक : 31-10-2014

मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य द्वारा उदघोषित निर्णय

अपीलाथी ने प्रस्‍तुत अपील विद्धान जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या-145/2006 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-12-2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की है, जिसमें परिवाद एतद्द्वारा स्‍वीकार किया गया तथा विपक्षी संख्‍या-1 को निर्देशित किया गया है कि वह 8,000/-रू0 की राशि परिवादी को टी0वी0 के मूल्‍य के रूप में अदा करें। इस राशि पर दिनांक 09-08-2005 से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत सालाना साधारण ब्‍याज देय होगा।

     विपक्षी संख्‍या-1 को यह भी निर्देशित किया गया है कि वह परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में 22,000/-रू0 की राशि अदा करें। इस राशि पर परिवाद योजित करने की तिथि दिनांक 01-07-2006 से अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत सालाना साधारण ब्‍याज देय होगा।

 

 

 

2

     परिवादी विपक्षी संख्‍या-1 से परिवाद व्‍यय के रूप में मु0 3,000/-रू0 की राशि पाने का अधिकारी होगा, से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

     प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-12 के अन्‍तर्गत इस आशय की प्रार्थना के साथ योजित की गयी है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह 8,000/-रू0 की राशि टी0वी0 के मूल्‍य के रूप में परिवादी को अदा करें व 22,000/-रू0 की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में चाही गयी है।

संक्षेप में इस केस के तथ्‍य इस प्रकार है दिनांक 09-08-2005 को विपक्षी संख्‍या-1 से उसने टी0 सीरीज कम्‍पनी का एक कलर टी0वी0 व ट्राली 8,400/-रू0 नकद देकर खरीदा था और कैश मेमों प्राप्‍त किया था। विपक्षी संख्‍या-1 ने जो टी0वी0 दुकान पर दिखाया था उसे न देकर डिब्‍बे में पैक रखा दूसरा टी0वी0 दे दिया। परिवादी ने जब टी0वी0 घर जाकर चलाया तो उसकी पिक्‍चर ट्यूब तिरछी थी तथा सी0डी0 प्‍लेयर लगाने पर पिक्‍चर ब्‍लैक एण्‍ड वाइट हो जाती थी तथा स्‍क्रीन रूकती नहीं थी और आवाज भी साफ नहीं आती थी। परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 से शिकायत की जिस पर विपक्षी संख्‍या-1 के मैकेनिक द्वारा टी0वी0 सही किया गया। परन्‍तु उक्‍त समस्‍या ठीक नहीं हुई। फरवरी, 2006 में विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा भेजे गये सर्विस इंजीनियर ने परिवादी को बताया कि टी0वी0 की खराबियॉं ठीक नहीं हो पायेगी। विपक्षी संख्‍या-1 ने बिका हुआ माल वापस लेने से इंकार कर दिया। परिवादी ने एक शिकाय रजिस्‍ट्री द्वारा भेजी जिस पर पुन: सर्विस इंजीनियर आया परन्‍तु खराबी दूर नहीं हुई। परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-2 को भी नोटिस दिया तो उन्‍होंने कुछ विवरण मांगा जो परिवादी ने भेज दिया। परन्‍तु विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अत: यह परिवाद योजित किया गया।

विपक्षी संख्‍या-1 ने अपने प्रतिवाद पत्र में परिवादी द्वारा टी0वी0 खरीदना स्‍वीकार किया। शेष तथ्‍यों से इंकार किया और इस आधार पर प्रतिवाद किया है कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 को खराबी की सूचनी दी थी तब कम्‍पनी का सर्विस इंजीनियर परिवादी के घर भेजा और उसने लौटकर बताया कि खराबी ठीक हो गयी है। टी0वी0 बेचने के उपरान्‍त उसको ठीक करने का दायित्‍व कम्‍पनी का है। विपक्षी संख्‍या-1 ने परिवादी की पसन्‍द पर ही सामान उसको बेचा था और परिवादी ने चलवाकर एवं संतुष्‍ट होकर टेलीविजन लिया था। टी0वी0 में खराबी आने पर परिवादी को बता दिया गया था कि कम्‍पनी के अधिकृत सर्विस स्‍टेशन में टी0वी0 ले जाना होगा। सात माह बात परिवादी ने विपक्षी संख्‍या-1 से दुकान पर

 

3

शिकायत की थी विपक्षी ने कम्‍पनी को सूचित कर दिया था। वारण्‍टी कार्ड परिवादी को दिया गया था। विपक्षी संख्‍या-1 का कोई दायित्‍व नहीं है परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है।

विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया गया है। 

अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री सरल कुमार वर्मा उपस्थित आए।

हमने प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क सुने तथा पत्रावली एवं विद्धान जिला मंच द्वारा पारित आदेश का भली-भॉंति परिशीलन किया।

प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला मंच द्वारा विधिक कार्यवाही की गयी लेकिन विपक्षीगण उपस्थित नहीं हुए। दिनांक 13-02-2007 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय आदेश पारित किया गया तब विपक्षी संख्‍या-2 अमर इलेक्‍ट्रानिक्‍स के विद्धान अधिवक्‍ता श्री दुर्गेश दीक्षित ने उपस्थित होकर एकपक्षीय आदेश को निरस्‍त करने का प्रार्थना पत्र दिया जो 100/-रू0 हर्जे पर स्‍वीकार किया गया तथा विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से वकालतनामा दाखिल किया गया तथा जवाब दावा दाखिल किया गया। विद्धान जिला मंच ने सभी बिन्‍दुओं पर विधि अनुसार आदेश पारित किया है अत: अपील निरस्‍त की जाये।

पत्रावली के परिशीलन से यह स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी ने टी0वी0 खरीदना स्‍वीकार किया है तथा टी0वी0 खराब होने पर सर्विश इंजीनियर द्वारा टी0वी0 ठीक किया जाना भी स्‍वीकार किया है तथा कागज संख्‍या-26 लगायत 29 परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा विपक्षी को बार-बार टी0वी0 खराब होने के बारे में लिखा गया। सर्विस इंजीनियर द्वारा टी0वी0 ठीक किया जाना बताया गया मगर अपीलार्थी द्वारा परिवादी/प्रत्‍यर्थी की संतुष्टि के हस्‍ताक्षर का कोई प्रमाण दाखिल नहीं किया गया है तथा टी0वी0 की एक साल की वारण्‍टी थी यह वारण्‍टी कार्ड पर अंकित है कि टी0वी0 खरीद के 12 माह के अंदर की वारण्‍टी है। वारण्‍टी समय-सीमा में टी0वी0 ठीक न कराना विपक्षी की सेवा में कमी है। विद्धान जिला फोरम ने टी0वी0 के संबंध में जो आदेश दिया है वह सही है परन्‍तु क्षतिपूर्ति हेतु जो आदेश पारित किया गया है वह उचित प्रतीत नहीं होता एवं जो 18 प्रतिशत ब्‍याज दिया गया है वह भी अत्‍यधिक है अत: क्षतिपूर्ति के संबंध में पारित आदेश अपास्‍त किये जाने योग्‍य है। तद्नुसार अपील अंशत: स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

अपील अंशत: स्‍वीकार करते हुए विद्धान जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, उन्‍नाव द्वारा परिवाद संख्‍या-145/2006 में पारित निर्णय एवं

 

 

4

आदेश दिनांक 27-12-2010 में क्षतिपूर्ति के संबंध में जो आदेश पारित किया गया है उसे अपास्‍त किया जाता है तथा ब्‍याज का प्रतिशत 18 प्रतिशत के स्‍थान पर 12 प्रतिशत किया जाता है, शेष आदेश की पुष्टि की जाती है।

उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्‍ययभार स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

 

 

( चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव )                   ( बाल कुमारी )

   पीठासीन सदस्‍य                           सदस्‍य

 

कोर्ट नं0-5

प्रदीप मिश्रा

 
 
[HON'ABLE MR. Chandra Bhal Srivastava]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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