राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील संख्या:-1030/2019
(जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्धारा परिवाद सं0-196/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 25.7.2019 के विरूद्ध)
इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, चतुर्थ तल, इफ्को टावर II, प्लाट सं0-03, सैक्टर-29, गुड़गॉव द्वारा मैनेजर।
........... अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम
1- शिशिर भट्नागर पुत्र श्री विजय एस. भट्नागर, निवासी सी-114, जलवायु टॉवर्स, प्लाट संख्या ए-38ए, सैक्टर 47, नोएडा, जिला गौतमबुद्ध नगर (उ0प्र0)।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी
2- पैरामाउण्ट हैथ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, टीपीए ऑफ इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी, रजिस्टर्ड ऑफिस डी-39, ओखला इण्डस्ट्रियल ईस्टेट, नई दिल्ली-20 मैनेजिंग डायरेक्टर।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-2
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री अशोक मेहरोत्रा
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री अभिषेक भट्नागर एवं सुश्री प्रज्ञा गर्ग
दिनांक :- 01-8-2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद सं0-196/2014 शिशिर भट्नागर बनाम इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 25.7.2019 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी/बीमा कम्पनी को निर्देशित किया है कि बीमा अवधि के दौरान शारीरिक क्षति कारित होने पर इलाज कराने में आये खर्च की राशि अंकन 9,87,639.00 रू0 प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा किया जाये।
-2-
इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा पालिसी की शर्तों के विपरीत निर्णय पारित किया है। एम0एल0सी0 रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि बीमित व्यक्ति एल्कोहल के प्रभाव में आकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। उसने तरण ताल के नियमों का भी उल्लंघन किया है, इसलिए बीमा क्लेम देय नहीं है।
दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का परिशीलन किया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का मुख्य तर्क यह है कि घायल होने के पश्चात जब बीमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया, तब यह नोट बनाया गया कि घायल व्यक्ति एल्कोहल स्थिति में है। इस रिपोर्ट को साबित करने के लिए सम्बन्धित अस्पताल/डाक्टर का कोई शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया, फिर यह भी कि इस उल्लेख को करने के पूर्व एल्कोहल युक्त होने का कोई मेडिकल परीक्षण नहीं किया गया है, इसलिए इस रिपोर्ट को विश्वसनीय नहीं माना जा सकता है। फिर यह भी कि इस रिपोर्ट के आधार पर यह भी सुनिश्चित नहीं है कि एल्कोहल की कितनी मात्रा लेनी थी। इस रिपोर्ट से यह प्रमाण नहीं मिलता है कि एल्कोहल लेने के कारण बीमित व्यक्ति अपने विवेक पर नियंत्रण खो चुका था, इसलिए इस तर्क में कोई बल नहीं है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा परिवाद सं0-196/2014 में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 25.7.2019 की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
-3-
धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि रू0 25,000.00 मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1