Chhattisgarh

Jashpur

CC/15/21

Vinay Kumar Tirkey - Complainant(s)

Versus

Shhakha Prabandhak Di Oriyanrtal Insurance Compney - Opp.Party(s)

P. K. Jain

27 Jan 2017

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/15/21
 
1. Vinay Kumar Tirkey
Karbla Raod
Jashpur
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Shhakha Prabandhak Di Oriyanrtal Insurance Compney
Shhakha Prabandhak Di Oriyanrtal Insurance Compney Ltd. Shakha Office Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE B.P.Pandey PRESIDENT
 HON'BLE MR. Sanjay Soni MEMBER
 HON'BLE MRS. Anamika Nande MEMBER
 
For the Complainant:P. K. Jain, Advocate
For the Opp. Party: N. N. Yaday, Advocate
Dated : 27 Jan 2017
Final Order / Judgement

                                                /जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जषपुर (छ0ग0)/
                                                                                              प्रकरण क्रमांक :-CC/21/2015
                                                                                             प्रस्तुति दिनांक :-26/04/2014

विनय कुमार तिर्की आ. स्व. विक्टर तिर्की
उम्र 43 वर्ष, पेषा-व्यापार, निवासी-करबला रोड
जषपुर नगर, जिला-जषपुर (छ.ग.)             ..................परिवादी/आवेदक    
( विरूद्ध )
शाखा प्रबंधक, 
दि ओरियन्टल इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड
शाखा कार्यालय रायगढ़ छ.ग.
स्थानीय शाखा कार्यालय पत्थलगांव,
डिविजनल ऑफिस टी.पी.नगर
जिला- जषपुद छ.ग.                      .........विरोधी पक्षकार/अनावेदक
     ///आदेष///
 ( आज दिनांक 27/01/2017 को पारित)
    
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद विरूद्ध पक्षकार/अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी करने के आधार पर बोलेरो की बीमित राषि 6,72,000/-रू. दुर्घटना दिनांक 28.06.2013 से 12 प्रतिषत ब्याज सहित दिलाए जाने, किराये पर यान लेने का किराया 18,000/-रू. मासिक दर से 1,62,000/-रू., मानसिक तनाव के लिए 50,000/-रू., अधिवक्ता नोटिस का व्यय 1,000/-रू, वाद-व्यय एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने हेतु दिनांक 26.04.2014 को प्रस्तुत किया है। 
2. दिनांक 26.04.2014 को प्रस्तुत परिवाद प्रकरण क्रमांक 5/2014 विनय कुमार तिर्की विरूद्ध शाखा प्रबंधक दि ओरियन्टल इंष्योरेंष कंपनी लिमिटेड दिनांक 10.10.2014 को इस जिला फोरम द्वारा आदेष पारित किया गया था जिसके विरूद्ध परिवादी ने अपील क्रमांक थ्।ध्14ध्746 प्रस्तुत किया था तथा विरूद्ध पक्षकार ने अपील क्रमांक थ्।ध्14ध्756 प्रस्तुत किया था। जिसमें दिनांक 22.09.2015 के आदेष द्वारा अपील क्रमांक थ्।ध्14ध्756 स्वीकार कर इस जिला फोरम के समक्ष 20.10.2015 को उपस्थित रहने को निर्देषित करते हुए पुनः सुनवाई हेतु प्रतिप्रेषित किया है। 
3. स्वीकृत तथ्य है कि :-
1.    अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार जनरल इंष्योरेंस कंपनी है जो सामान्य बीमा का करोबार करती है तथा जषपुर नगर में अपने अभिकर्ता नियुक्त कर बीमा कारोबार का संचालन करती है। 
2.    परिवादी ने अपने मोटर यान बुलेरो बोलेरो ैस्ग्  पंजीयन, इंजिन नं. एम. 83931, चेचिस नं.डी. 5 ए. 20806 का बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा दिनांक 24.01.2013 से 23.01.2014 तक की अवधि के लिए अनावेदक के स्थानीय अभिकर्ता से 26,500/-रू. प्रीमियम का भुगतान कराकर बीमा किया था, जिसका पालिसी क्रमांक 193400/31/2013/7261  था।    

4. अ. परिवाद के निराकरण के लिए आवष्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/आवेदक के बोलेरो ैस्ग् इंजिन नं. एम. 83931, चेचिस नं.डी. 5 ए. 20806 का बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा दिनांक 24.01.2013 से 23.01.2014 तक की अवधि के लिए बीमा पालिसी क्रमांक 193400/31/2013/7261 के अंतर्गत किया था। परिवादी का वाहन बोलेरो रजि. क्रमांक सी.जी. 14-डठ-0342 दिनांक 28.06.2013 को ग्राम रतिया जाते समय ग्राम कुल्डा, थाना/चौकी लोदाम में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें बोलेरो पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गई एवं बोलेरो का चालक अमरलाल सिंह एवं परिवादी के स्टॉफ आलोक टोप्पो को दुर्घटना में आई गंभीर चोट के कारण दोनों की मृत्यु हो गई थी। जिसकी सूचना उसी दिनांक को परिवादी द्वारा पुलिस चौकी लोदाम में कर दिया था। दुर्घटना मुख्य सड़क पर होने के कारण लोदाम पुलिस ने परिवादी की अनुपस्थिति में दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो को दुर्घटना स्थल से जप्त कर थाना परिसर में सुरक्षित रखा था, जहॉं बीमा कंपनी के सर्वयर द्वारा बोलेरो का भौतिक सत्यापन किया गया था एवं रिपेयर कराने की सलाह दी गई थी। 
ब. दुर्घटना में बोलेरो के चालक अमर लाल सिंह की मृत्यु हो गई थी तथा परिवादी के स्टाफ को गंभीर चोट के कारण रांची के अस्पताल में परिवादी ने भर्ती कराया था एवं उसके उपचार के दौरान परिवादी को लगातार रांची में रहना पड़ा, जिसके कारण अनावेदक बीमा कंपनी को दुर्घटना की सूचना तत्काल परिवादी द्वारा नहीं दी जा सकी। रांची से लौटने पर परिवादी ने स्वयं लिखित रूप से दुर्घटना की सूचना अनावेदक के कार्यालय में दिया था। 
स. परिवादी द्वारा सूचित किए जाने पर अनावेदक ने दावा प्रकरण एवं दुर्घटनाग्रस्त बुलेरो का निरीक्षण करने के बाद अनावेदक के सर्वेयर ने पहले दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो का रिपेयर कराने एवं फिर रिपेयर का बिल पेष करने का मौखिक निर्देष दिया तब परिवादी दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो को ट्रक में लोड कर महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर ’’स्टार ऑटो मोबाईल्स’’ एम.जी.रोड अंबिकापुर ले गया जहॉं बोलेरो का भौतिक निरीक्षण किया गया एवं उसके रिपेयर का स्टीमेट 9,54,792/-रू. का दिया गया जो कि बोलेरो की कीमत एवं बीमा राषि से बहुत अधिक था। अतः परिवादी ने बोलेरो  का टोटल डेमेज होने के कारण अधिकृत सर्विस सेंटर ’’स्टार ऑटो मोबाईल्स’’ अंबिकापुर द्वारा दिए गये रिपेयर स्टीमेट की छायाप्रति के साथ एक पत्र दिनांक 05.04.2014 को अनावेदक को प्रेषित कर निवेदन किया कि दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो का रिपेयर महंगा होने से संभव नहीं है। अतः टोटल डेमेज मानते हुए दावा का भुगतान किया जावे, किंतु अनावेदक द्वारा दावा का निराकरण नहीं किया गया तब परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 29.03.2014 को सूचना पत्र प्रेषित कर दावा का निराकरण करने का निवेदन किया, किंतु आज दिनांक तक अनावेदक ने दावा का निराकरण करने का कोई प्रयास नहीं किया। 
द. परिवादी ने वाहन फाइनेंस करा कर उक्त वाहन को क्रय किया था एवं दावा का समय पर निराकरण नहीं करने के कारण परिवादी को बोलेरो की फाईनेंस राषि पर ब्याज का भी भुगतान करना पड़ रहा है। इस प्रकार अनावेदक द्वारा सेवा में कमी किए जाने से परिवादी को शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक परेषानी का सामना करना पड़ा। अतः परिवादी/आवेदक द्वारा यह परिवाद प्रस्तुत कर अनावेदक से बोलेरो की बीमित राषि 6,72,000/-रू. दुर्घटना दिनांक 28.06.2013 से 12 प्रतिषत ब्याज सहित दिलाए जाने, किराये पर यान लेने का किराया 18,000/-रू. मासिक दर से 1,62,000/-रू., मानसिक तनाव के लिए 50,000/-रू., अधिवक्ता नोटिस का व्यय 1,000/-रू, वाद-व्यय एवं अन्य अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की गई है। 
5. अनावेदक द्वारा स्वीकृत तथ्य को छोड़कर शेष तथ्यों से इंकार करते हुए  कथन किया है कि दुर्घटना पष्चात दुर्घटना की सूचना परिवादी सह वाहन स्वामी द्वारा नहीं दिया गया। बीमा शर्तों के मुताबिक दुर्घटना के पष्चात 24 घंटे के अंदर लिखित रूप में नजदीकी बीमा कार्यालय को सूचना देना चाहिए, किंतु परिवादी द्वारा उक्त घटना की सूचना नहीं दी गई। प्रथम सूचना पत्र में यह लेख है कि दिनांक 28.06.2013 को ड्रायवर अमरलाल सिंह को अपनी गाड़ी देकर ग्राम रतिया, लोदाम पॉल्ट्रीफार्म देखने आलोक टोप्पो के साथ भेजा था कि शाम करीब 19 बजे मोबाईल से सूचना मिला कि ड्रायव्हर गाड़ी को तेज रफ्तार एवं लापरवाही पूर्वक चलाकर लोदाम कुल्डा के पास संदीप किराना दुकान से थोड़ी दूर पर एन.एच.-43 रोड पर पेड़ में ठोकर मारकर एक्सीडेंट कर दिया तब घटना स्थल जाकर देखा । गाड़ी पेड़ में टकरायी हुई थी और ड्रायवर एवं आलोक को ईलाज हेतु सी.एच.सी. लोदाम ले गये थे। ड्रायवर को अत्यधिक चोट आई थी का रिपोर्ट परिवादी द्वारा लिखाई गई और भा.द.वि. की धारा 279,337 का आरोप लगाया गया। परिवादी द्वारा एक पत्र लिखा गया और किस कार्यालय के लिए लिखा गया आवेदन के शीर्ष में इंद्राज नहीं किया है। उक्त सूचना घटना के 24 दिन बाद दिया गया जो कि अत्यधिक विलंब से दिया गया और बीमा शर्तों का उल्लंघन है। उक्त वाहन की जप्ती घटना स्थल से दिनांक 28.06.2013 को ही कर लिया गया है। जबकि उक्त वाहन को बीमा शर्तों के अधीन दुर्घटना के पष्चात उक्त वाहन को घटना स्थल पर ही रखा जाना चाहिए था और उसकी सूचना संबंधित कार्यालय को देकर बीमा कंपनी के अधिकृत सर्वेयर से मुआयना कराकर सर्वे रिपोर्ट तैयार करायी जानी थी, किंतु ऐसा न कर बीमा शर्तों का उल्लंघन किया है। मेकेनिकल परीक्षण हेतु मोहम्मद सरफरज आलम कोई एक्सपर्ट मेकेनिक नहीं है। इसलिए उसकी मेकेनिकल जांच विष्वसनीय नहीं है। परिवादी बीमा कंपनी के अधिकृत सर्वेयर के इजाजत के बगैर मनमानी रूप से वाहन का रिपेयर कराने हेतु अम्बिकापुर ले गया और बीमा शर्तों का उल्लंघन किया और मनमानी तौर पर अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए परिवाद पेष किया गया है। परिवादी द्वारा भेजा गया अधिवक्ता सूचना अनावेदक को प्राप्त नहीं है। दावा सेटल करने के लिए परिवादी द्वारा कोई आवेदन या दावा फार्म भरकर आज तक नहीं दिया गया है।  दिया जाना चाहिए था।  
6. परिवाद पर परिवादी के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिषीलन किया गया है ।
7. विचारणीय प्रष्न यह है कि :-
क्या अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार बीमा कंपनी ने परिवादी/आवेदक के विरूद्ध सेवा में कमी किया है ? 

8. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज बोलेरो की बीमा पॉलिसी दस्तावेज क्रमांक-1, प्रथम सूचना प्रतिवेदन दिनांक 28.06.2013 दस्तावेज क्रमांक-2, अनावेदक बीमा कंपनी को प्रेषित सूचना पावती दिनांक 23.03.2013 दस्तावेज क्रमांक-3, दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो की मेकेनिकल परीक्षा रिपोर्ट दिनांक 05.07.2013 दस्तावेज क्रमांक-4, स्टार ऑटो मोबाईल अम्बिकापुर द्वारा दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो के रिपेयर का स्टीमेट दिनांक 27.01.2014 दस्तावेज क्रमांक-5, परिवादी की ओर से अनावेदक को प्रेषित पत्र एवं पावती दिनांक 05.02.2014 दस्तावेज क्रमांक-6, परिवादी की ओर से अनावेदक को प्रेषित अधिवक्ता नोटिस दिनांक 29.03.2014 दस्तावेज क्रंमांक-7, अनावेदक को नोटिस प्राप्ति संबंधी पावती दिनांक 01.04.2014 दस्तावेज क्रमांक-8, अपराध विवरण फार्म दिनांक 28.06.2013 दस्तावेज क्रमांक-9, सम्पति नस्ती पत्रक दिनांक 05.07.2013 दस्तावेज क्रमांक-10, दुर्घटनाग्रस्त हालत में बोलेरो रजि क्रमांक सी.जी. 14 एम बी 0342 के कलर फोटोग्राफ 4 नग दस्तावेज क्रमांक-11, अंतिम प्रतिवेदन दिनांक 31.07.2013 दस्तावेज क्रमांक-12, चालक अमरलाल की चालन अनुज्ञप्ति दस्तावेज क्रमांक-13, बोलेरो रजि.क्र. सी.जी 14 एम बी 0342 की आर सी बुक दस्तावेज क्रमांक-14 प्रस्तुत किया गया है।
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रष्न का सकारण निष्कर्ष :-

 9. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज से बतलाया है कि उसके स्वामित्व की मोटर यान बोलेरो ैस्ग्  पंजीयन क्रमांक सी.जी. 14-डठ-0342, इंजिन नं. एम. 83931, चेचिस नं.डी. 5 ए. 20806 का बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा दिनांक 24.01.2013 से 23.01.2014 तक की अवधि के लिए अनावेदक के स्थानीय अभिकर्ता से 26,500/-रू. प्रीमियम का भुगतान कराकर बीमा किया था, जिसका पालिसी क्रमांक 193400/31/2013/7261  था। परिवादी ने उक्त वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र अनुलग्न 14, अपने बीमा पालिसी की प्रति अनुलग्न 1 प्रस्तुत किया है, उक्त दस्तावेजी प्रमाण का कोई खण्डन नहीं हुआ है, फलस्वरूप परिवादी ने साक्ष्य द्वारा प्रमाणित किया है कि उसके स्वामित्व की मोटर यान बोलेरो ैस्ग्  पंजीयन क्रमांक सी.जी. 14-डठ-0342,  अनावेदक/विरूद्ध बीमा कंपनी में दिनांक 24.01.2013 से 23.01.2014 तक की अवधि के लिए बीमित थी। परिवादी ने उसके उक्त वाहन बोलेरो दिनांक 28.06.2013 को जो थाना लोदाम अंतर्गत ग्राम कुल्डा में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसकी प्रथम सूचना लोदाम पुलिस चौकी में की गई थी बतलाया है। परिवादी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति अनुलग्न 3 प्रस्तुत किया है, जिसमें चौकी लोदाम में अपराध क्रमांक 145/013 दिनांक 28.06.2013 को दर्ज हुआ है। इस प्रकार  उक्त दर्ज अपराध में पुलिस द्वारा किए कार्यवाही का दस्तावेज स्थल का नक्षा अनुलग्न 9 वाहन का घटना होने से जप्ति अनुलग्न 10, जप्त वाहन का परीक्षण रिपोट अनुलग्न 4, अंतिम रिपोर्ट अनुलग्न 12 प्रस्तुत किया है ।  
10. परिवादी के स्वामित्व की वाहन की दुर्घटना हुई, जिसकी रिपोर्ट लिखाये जाने, वाहन की जप्त होने तथा पुलिस द्वारा वाहन का परीक्षण कराए जाने का तथ्य परिवादी ने स्थापित किया है। उक्त दस्तावेजी प्रमाण का अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से कोई खण्डन में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है, फलस्वरूप उक्त दस्तावेजी प्रमाण द्वारा वाहन का दुर्घटनाग्रस्त होना, जिसकी रिपोर्ट चौकी लोदाम जिला जषपुर नगर में किया गया होना प्रमाणित है। 
11. परिवादी ने अपने स्वामित्व की वाहन की दुर्घटना होने की सूचना घटना दिनांक को ही पुलिस चौकी लोदाम में किया जाना रिपोर्ट की प्रति अनुलग्न 2 द्वारा बताया है तथा अनावेदक बीमा कंपनी को लिखित सूचना देने का पत्र अनुलग्न 3 प्रस्तुत किया है, जिसके द्वारा दिनांक 23.07.2013 को अनावेदक बीमा कंपनी को जानकारी देना बताया है। 
12. परिवादी ने शपथ पत्र में बतलाया है कि उसने अनावेदक को वाहन दुर्घटना होने की जानकारी दिए जाने पर अनावेदक ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन का निरीक्षण करने पर अनावेदक के सर्वेयर ने पहले वाहन का रिपेयर कराया जाना एवं रिपेयर का बिल प्रस्तुत करने का मौखिक निवेदन किया था, तब परिवादी दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो को ट्रक में लोड कर महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर ’’स्टार ऑटो मोबाईल्स’’ एम.जी. रोड अंबिकापुर ले गया जहॉं बोलेरो का भौतिक निरीक्षण कर उसके रिपेयर का स्टीमेट 9,54,792/-रू. का दिया था, रिपेयर का स्टीमेट अनुलग्न 5 प्रस्तुत किया है। 
13. वाहन रिपेयर का स्टीमेट 9,54,792/-रू. वाहन बोलेरो की कीमत एवं बीमा राषि से अधिक था, जिन्हें रिपेयर स्टीमेट की प्रति के साथ अनावेदक को पत्र लिखकर वाहन का टोटल डेमेज मानते हुए दावा का भुगतान करने के लिए निवेदन किया था, जिसका दस्तावेज अनुलग्न 6 प्रस्तुत किया है, जिसका निराकरण नहीं किए जाने पर पंजीकृत सूचना पत्र अनुलग्न 7 प्रेषित किया था, जिसकी डाक रसीद एवं पावती प्रस्तुत किया है। अनावेदक द्वारा दावा प्रकरण का निराकरण कर क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किए जाने पर परिवाद प्रस्तुत किया है। 
14. अनावेदक बीमा कंपनी ने जवाबदावा में परिवादी अनावेदक बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं रह गया है, बीमा कंपनी क्षतिपूर्ति के लिए दायित्वाधीन नहीं है का अभिवचन किया है, जिसका कारण निम्नानुसार बताया गया है :- 
बीमित/परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन के लिखित रूप से दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की सूचना अनावेदक को प्रदान नहीं की गई थी, जो बीमा पॉलिसी के शर्त का उल्लंघन है। प्रष्नगत वाहन क्षतिग्रस्त होने की सूचना अत्यधिक विलंब से बीमा कंपनी को दी गई थी और वाहन मौके से हटा भी ली गई थी इसलिए क्षतिकारित होने की वास्तविक परिस्थितियों एवं किन-किन हिस्सों में क्षति हुई क तथ्य की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाया। यह आधार भी लिया गया है कि बीमा कंपनी द्वारा प्रष्नगत वाहन का परीक्षण कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट दिनांक 30.03.2014 एवं 08.04.2014 को प्राप्त हुई, जिसमें मरम्मत आधार पर आंकलन 6,14,217/-रू. किया गया था। साल्वेज की कीमत 1,00,000/-रू. आंकी गई। अनावेदक ने उक्त अनुसार परिवाद पत्र सव्यय निरस्त करने योग्य होना बताया है। 
15. परिवादी ने अपने दुर्घटनाग्रस्त वाहन का स्टार ऑटो मोबाईल्स अंबिकापुर का रिपेयर स्टीमेट अनुलग्न 5 प्रस्तुत किया है, जिसमें 9,54,792/-रू. वाहन रिपेयर का स्टीमेट दिया है, जिसे परिवादी ने वाहन का मूल्य और बीमा पालिसी में उल्लेखित मूल्य से अधिक होना बताते हुए टोटल डेमेज होना बताया है। बीमा पालिसी अनुलग्न 1 में वाहन का वेल्यु 6,72,640/-रू. मूल्यांकित किया गया है, जबकि प्रकरण में अनावेदक बीमा ने परिवादी के दुर्घटनाग्रस्त वाहन का सर्वे रिपोर्ट दिनांक 30.03.2014 अनुलग्न 1 प्रस्तुत किया है। 
16. अनावेदक द्वारा प्रस्तुत सर्वे रिपोर्ट अनुलग्न 1 में वाहन पंजीयन क्रमांक सी.जी. 14-डठ-0342 का सर्वेयर राकेष गुप्ता द्वारा रिपोर्ट दी गई है, जिसमें वाहन का क्षति का पूरा आंकलन कर रिपोर्ट दिया गया है। उक्त रिपोर्ट में वाहन के किन-किन हिस्सों में क्षति हुई के तथ्य की जानकारी नहीं हो पाया का उल्लेख नहीं है, जैसा कि अनावेदक के जवाब की कण्डिका 3 के अंत में उल्लेखित किया गया है। 
17. अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से प्रस्तुत सर्वे रिपोर्ट अनुलग्न 1 में क्षतिग्रस्त वाहन के रिपेयर में 6,14,217/-रू. का क्लेम होना बताया गया है, जो बीमा पालिसी में वाहन के मूल्य 6,72,640/-रू. का 75 प्रतिषत से अधिक होने से टोटल डेमेज (लॉस) का मामला हुआ, जिसके अनुसार 6,72,640/-रू. का क्लेम होना उल्लेखित किया गया है। 
18. परिवादी ने परिवाद पत्र के तथ्यों से अनावेदक द्वारा बीमित वाहन का वाहन के अधिकृत सर्विस सेंटर द्वारा अनुलग्न 5 अनुसार वाहन की कीमत तथा बीमा पालिसी में उल्लेखित मूल्य से अधिक का स्टीमेट दिए जाने के आधार पर दावा को टोटल लॉस के आधार पर निराकरण किए जाने का आधार बताया है। टोटल लॉस के आधार पर दावा 6,72,640/-रू. का होना अनावेदक की ओर से सर्वे रिपोर्ट अनुलग्न 1 में बताया गया है। इस प्रकार बीमित वाहन के टोटल लॉस आधार पर 6,72,640/-रू. का परिवादी का दावा दिए जाने योग्य होना अनावेदक की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाण अनुलग्न 1 सर्वेयर की रिपोर्ट दिनांक 30.11.2014 तथा परिवादी द्वारा प्रस्तुत बीमा पालिसी अनुलग्न 1 से स्पष्ट हुआ है। 
19. यह अविवादित है कि अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी के वाहन का बीमा अविधि में दुर्घटनाग्रस्त होने से कोई राषि क्षतिस्वरूप प्रदान नहीं किया है। 
20. अनावेदक बीमा कंपनी ने बीमा की शर्तों के अनुसार दुर्घटना के पष्चात 24 घण्टों के अंदर अनावेदक के बीमा कार्यालय में दुर्घटना की सूचना नहीं दी गई, अत्यधिक विलंब से सूचना दी गई है जो बीमा शर्तों का उल्लंघन है तथा मनमानी तौर पर अधिक लाभ कमाने के लिए परिवाद पेष किया है, जवाब दावा में प्रगट किया है, जबकि परिवादी की ओर से आई.आर.डी.ए. के परिपत्र अनुसार विलंब से सूचना दिए जाने के आधार पर दावा निरस्त किए जाने योग्य नहीं होना बताया है। 
21. परिवादी के वाहन का बीमा पालिसी अनुलग्न 1 में वाहन चोरी के मामले में कंपनी को 24 घण्टा के अंदर रिपोर्ट किए जाने का तथ्य उल्लेखित है। वाहन दुर्घटना की सूचना 24 घण्टे के अंदर दिए जाने के संबंध में बीमा पालिसी अनुलग्न 1 में शर्त उल्लेखित नहीं है। 
22. परिवादी ने परिवादी की कण्डिका 5 एवं 6 में अभिवचन करते हुए उसके स्वामित्व की वाहन के दुर्घटना होने की सूचना दिनांक 23.07.2013 को किए जाने का कारण बतलाया है। बीमा पालिसी अनुलग्न 1 में बीमा की उल्लेखित शर्तों में दुर्घटना के 24 घण्टे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित किए जाने का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी से किए बीमा अनुबंध के संबंध में आई.आर.डी.ए. के नामों से आबद्ध होना प्रगट किया है। आई.आर.डी.ए. (इंष्योरेंस रेग्युलेटी डेव्हलपमेंट ऑफ इंडिया) के सर्कुलर क्रमांक प्त्क्।ध्भ्स्ज्भ्ध्डप्ैब्ध्ब्प्त्ध्2016ध्09ध्2011 क्ंजमक 20.09.2011 अनुसार विलंब से सूचना दिया एवं डाकुमेंट देने के आधार पर वास्तविक दावा को निरस्त करना उचित नहीं होना बतलाया गया है। 
23. उपरोक्त अनुसार परिवादी द्वारा/की ओर से बीमित वाहन के दुर्घटना होने की सूचना बीमा कंपनी को विलंब से दिए जाने के आधार पर वास्तविक दावा को इंकार करना या लंबित रखा जाना सेवा में कमी किया जाना स्पष्ट होता है।  
24. परिवादी ने उसके स्वामित्व की बीमित वाहन का बीमा अवधि में दुर्घटना में वाहन के टोटल लॉस होने के आधार पर अनावेदक बीमा कंपनी के सर्वेयर को दी गई रिपोर्ट अनुसार 6,70,640/-रू. परिवादी पाने योग्य है, फलस्वरूप अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी किया है हम पाते हैं, तद्नुसार विचारणीय प्रष्न का निष्कर्ष देते हैं । 
25. परिवादी ने उसके स्वामित्व की वाहन बोलेरो क्रमांक सी.जी. 14-डठ-0342 की बीमित राषि 6,72,000/-रू. तथा उक्त राषि पर दुर्घटना दिनांक 28.06.2013 से 12 प्रतिषत ब्याज, उक्त तिथि से यान लेने का किराया मासिक 18,000/-रू. की दर से 1,62,000/-रू., मानसिक तनाव का 50,000/-रू., अधिवक्ता नोटिस का 1,000/-रू., वादव्यय सहित अनावेदक से दिलाए जाने की प्रार्थना की गई है। 
26. अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी को वाहन दुर्घटना की कोई क्षति राषि प्रदान नहीं किया है, फलस्वरूप अनावेदक के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करने योग्य होना हम पाते हैं, तद्नुसार परिवाद स्वीकार करते हैं तथा निम्नलिखित निर्देष देते हैं :-
अ. विरूद्ध पक्षकार/अनावेदक बीमा कंपनी बीमा पालिसी 193400/31/2013/7261 के तहत बीमा अवधि में परिवादी के वाहन बोलेरो ैस्ग् ठै2 के टोटल लॉस द्वारा क्षतिपूर्ति/बीमा राषि अनावेदक के सर्वेयर रिपोर्ट अनुसार 6,70,640/-रू. एक माह के भीतर परिवादी/आवेदक को भुगतान करेगा। 
ब. विरूद्ध पक्षकार/अनावेदक उक्त क्षतिपूर्ति/बीमा राषि 6,70,640/-रू. पर परिवाद प्रस्तुति दिनांक 26.04.2014 से अंतिम अदायगी दिनांक तक 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज राषि का भी भुगतान करेगा। 
स. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार, परिवादी/आवेदक को मानसिक क्षति  का 20,000/-रू. (बीस हजार रूपये) एक माह के भीतर भुगतान करेगा।
द. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार, परिवादी/आवेदक को  परिवाद व्यय 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) का भुगतान एक माह के भीतर करेगा। 

    (संजय कुमार सोनी)                                                           (श्रीमती अनामिका नन्दे)                                        (बी.पी. पाण्डेय)
               सदस्य                                                                                     सदस्य                                                          अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम                           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम            जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम
             जषपुऱ छ.ग.                                                                         जषपुर छ.ग.                                                       जषपुऱ छ.ग.
         दिनांक 27/01/2017                                                              दिनांक 27/01/2017                                      दिनांक 27/01/2017


    

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE B.P.Pandey]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Sanjay Soni]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Anamika Nande]
MEMBER

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