Uttar Pradesh

StateCommission

A/2598/2015

M/S Durga Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Sher Singh - Opp.Party(s)

Sachidanand Prasad

30 Oct 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2598/2015
(Arisen out of Order Dated 21/05/2012 in Case No. C/304/2008 of District Ballia)
 
1. M/S Durga Cold Storage
Balia
...........Appellant(s)
Versus
1. Sher Singh
Balia
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 30 Oct 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0- 2598/2015

                                   (सुरक्षित)

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, बलिया द्वारा परिवाद सं0- 304/2008 में पारित आदेश 21.05.2012 के विरूद्ध)

प्रबंध्‍ाक/प्रभारी मे0 दुर्गा कोल्‍ड स्‍टोरेज चेतन किशोर सिकन्‍दरपुर, तहसील- सिकन्‍दरपुर, जनपद- बलिया द्वारा शेख अहमद अली पुत्र स्‍व0 शेख वासीत अली, निवासी मुहल्‍ला- गांधी पट्टी गली, थाना, पो0 व तहसील- सिकन्‍दरपुर, जिला-बलिया (उ0प्र0)।

                                      ........... अपीलार्थी

                                                बनाम

शेर सिंह पुत्र स्‍व0 रामपाल सिंह, निवासी रोहुंआ, परगना व जिला बलिया (उ0प्र0)।

                                            ................ प्रत्‍यर्थी

समक्ष:-                       

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष। 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित          : श्री सच्चिदानंद प्रसाद,

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       : कोई नहीं।

दिनांक:-  07.12.2017                                       

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष  द्वारा उद्घोषित

                                                     

निर्णय

 

  परिवाद सं0- 304/2008 शेर सिंह बनाम मे0 दुर्गा कोल्‍ड स्‍टोरेज चेतन किशोर, सिकन्‍दरपुर, बलिया में जिला फोरम, बलिया द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 21.05.2012 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

  आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद अंशत: स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

  परिवाद अंशत: विपक्षी के विरुद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि आज से 60 दिन के अन्‍दर परिवादी को वह 1,08,100/-रू0 (एक लाख आठ हजार एक सौ रू0) क्षतिपूर्ति तथा मानसिक संताप व वाद खर्च मद में 4,000/-रू0 (चार हजार रू0) तथा क्षतिपूर्ति राशि पर दि0 03.12.2008 से ता भुगतान 09 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज जोड़कर अदा कर देवे अथवा समय-सीमा तिथि के बाद से उपरोक्‍त क्षतिपूर्ति राशि पर 15 प्रतिशत (पंद्रह) प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज ता भुगतान देय होगा

  जिला फोरम के निर्णय और आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी मे0 दुर्गा कोल्‍ड स्‍टोरेज की ओर से प्रबंधक/प्रभारी ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

  अपीलार्थी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्‍ता श्री सच्चिदानंद प्रसाद उपस्थित आये हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। प्रत्‍यर्थी को रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस भेजी गई है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: 30 दिन का समय बीतने पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना गया है, फिर भी प्रत्‍यर्थी की ओर कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुनकर व आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन कर अपील का निस्‍तारण किया जा रहा है।

  अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने जिला फोरम, बलिया के समक्ष परिवाद इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने रसीद सं0- 1320 के माध्‍यम से विपक्षी को अग्रिम राशि 5,000/-रू0 देकर दिनांक 09.04.2008 से 04.05.2008 के बीच निम्‍न तिथियों में कुल मिलाकर 1081 पैकेट आलू उसके कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखा, परन्‍तु विपक्षी की लापरवाही से आलू सड़कर बर्बाद हो गया। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने विपक्षी से क्षतिपूर्ति की भरपाई चाही और उसे अधिवक्‍ता के माध्‍यम से लिखित नोटिस भेजा, परन्‍तु उसने कोई भुगतान नहीं किया और न कोई जवाब दिया। अत: विवश होकर उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

  विपक्षी ने लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और कहा है कि आलू की कीमत काफी कम हो जाने के कारण शीत भण्‍डारण खर्च भी निकल न पाने के कारण परिवादी स्‍वयं अपने आलू की निकासी करवाने नहीं आया और अंत में सीजन समाप्‍त होने पर आलू सड़ गया। विपक्षी ने किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं किया है। परिवादी ने नोटिस देने के बावजूद भी आलू की निकासी नहीं कराया है।

  जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह निष्‍कर्ष निकाला है कि विपक्षी की लापरवाही से परिवादी का समस्‍त आलू सड़ गया है जिसकी भरपाई हेतु वह उत्‍तरदायी है और विपक्षी ने सेवा में त्रुटि की है।

  जिला फोरम ने अपने निर्णय और आदेश में यह उल्‍लेख किया है कि विपक्षी द्वारा आलू संदेश अखबार दि0 27.11.2008 दाखिल किया गया है जिससे स्‍पष्‍ट है कि वर्ष 2008 में आलू का दाम काफी कम था।

  अत: जिला फोरम ने 200/-रू0 प्रति कुंतल की दर से प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा भण्‍डारित आलू का मूल्‍य 1,08,100/-रू0 निर्धारित किया है। तदनुसार जिला फोरम ने परिवाद अंशत: स्‍वीकार करते हुए निर्णय और आदेश प‍ारित किया है और मानसिक संताप व वाद खर्च के मद में 4,000/-रू0 क्षतिपूर्ति और दिलाया है तथा क्षतिपूर्ति की धनराशि पर दि0 03.12.2008 से ता भुगतान 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी दिलाया है और यह आदेशित किया है कि उपरोक्‍त धनराशि 60 (साठ) दिन के अन्‍दर अदा करें, अन्‍यथा क्षतिपूर्ति की राशि पर 15 प्रतिशत की दर से ब्‍याज देय होगा।

  अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के विरुद्ध है। जिला फोरम ने आलू का मूल्‍य बिना किसी उचित आधार के 200/-रू0 प्रति कुंतल निर्धारित किया है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि कोल्‍ड स्‍टोरेज का किराया भी प्रत्‍यर्थी के जिम्‍मा अवशेष है, परन्‍तु जिला फोरम ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को कोल्‍ड स्‍टोरेज का किराया देने हेतु आदेशित नहीं किया है।

  अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम ने जो क्षतिपूर्ति की धनराशि पर ब्‍याज दिया है वह अधिक है।

  मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया है।

  उभयपक्ष के अभिकथन से स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपना जो आलू अपीलार्थी/विपक्षी के यहां भण्‍डारित किया था उसे वापस नहीं मिला है।  

  अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने जो लिखित बहस प्रस्‍तुत किया है उसके प्रस्‍तर 5 में उन्‍होंने कहा है कि आलू की मार्केट रेट कम होने की वजह से प्रत्‍यर्थी/परिवादी कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखे आलू को लेने आया ही नहीं। ऐसे में मार्केट रेट के अनुसार उसके द्वारा रखे आलू का मूल्‍य 97,290/-रू0 ही बिना किसी ब्‍याज के होता है।

  जिला फोरम ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी के द्वारा भण्‍डारित 540.5 कुंतल आलू का मूल्‍य 1,08,100/-रू0 निर्धारित किया है जो अपीलार्थी/विपक्षी के लिखित तर्क के अनुसार 97,290/-रू0 होना चाहिए। अत: मैं इस मत का हूँ कि जिला फोरम द्वारा निर्धारित मूल्‍य 1,08,100/-रू0 अधिक नहीं है।

  जिला फोरम ने जो 60 दिन के अन्‍दर प्रतिकर धनराशि अदा किये जाने पर दि0 03.12.2008 से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिया है वह उचित है। जिला फोरम ने जो 60 दिन के अन्‍दर भुगतान न होने पर ब्‍याज दर 15 प्रतिशत देना निर्धारित किया है वह उचित नहीं है, ब्‍याज दर 09 प्रतिशत रखना ही उचित है। जिला फोरम ने जो 4,000/-रू0 मानसिक संताप व वाद व्‍यय के मद में दिलाया है यह भी उचित प्रतीत होता है इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

  परिवाद पत्र के कथन से ही स्‍पष्‍ट है कि परिवादी ने 5,000/-रू0 अग्रिम धनराशि देकर प्रश्‍नगत 1081 पैकेट आलू विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखे हैं। अत: 1081 पैकेट आलू के भण्‍डारण किराये की धनराशि में यह धनराशि 5,000/-रू0 समायोजित करने के उपरांत कोल्‍ड स्‍टोरेज के भण्‍डारण किराये की जो धनराशि अवशेष बचती है उसे प्रत्‍यर्थी/परिवादी के आलू के उपरोक्‍त मूल्‍य 1,08,100/-रू0 में समायोजित किया जाना उचित है।       

     उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्ष‍ेपित निर्णय और आदेश को संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को उसके आलू की क्षति की पूर्ति हेतु 1,08,100/-रू0 परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि दि0 03.12.2008 से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित अदा करे। इसके साथ ही वह जिला फोरम द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मानसिक संताप व वाद व्‍यय के मद में प्रदान की गई धनराशि 4,000/-रू0 भी उसे अदा करे। परिवादी के 1081 पैकेट भण्‍डारित आलू का कोल्‍ड स्‍टोरेज का जो किराया बनता है उसमें प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा जमा धनराशि 5,000/-रू0 समायोजित किये जाने पर यदि कोई धनराशि अवशेष बचती है तो उसे उपरोक्‍त प्रतिकर धनराशि 1,08,100/-रू0 में समायोजित कर अवशेष धनराशि उपरोक्‍त प्रकार से ब्‍याज सहित अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा किया जायेगा।

     जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश्‍ा उपरोक्‍त प्रकार से संशोधित किया जाता है।  

  उभयपक्ष अपील में अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

  अपील में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि 25,000/-रू0 अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारित करने हेतु प्रेषित की जाए।

 

               (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                                           

                                      अध्‍यक्ष                         

 

शेर सिंह आशु0,

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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