राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
पुनरीक्षण सं0-84/2023
(जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा निष्पादन वाद सं0-59/2010 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 27-04-2023 के विरूद्ध)
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योंरेस कम्पनी लि0 द्वारा दी मैनेजर लीगल आफिस, बी-503 से 508, पंचम तल, सम्मिट बिल्डिंग, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ।
...........पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी।
बनाम
शशि कुमार सुल्तानिया, पता-111, ए-192, अशोक नगर, कानपुर नगर।
............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
1. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित: श्री बृजेन्द्र चौधरी विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 08-01-2024.
मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह पुनरीक्षण याचिका जिला उपभोक्ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा निष्पादन वाद सं0-59/2010, जो विद्वान जिला आयोग के समक्ष लम्बित है, में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 27-04-2023 के विरूद्ध योजित की गयी है।
हमारे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री बृजेन्द्र चौधरी को सुना गया तथा इस पुनरीक्षण याचिका की पत्रावली एवं इसके साथ संलग्न निर्णीत मूल अपील सं0-972/2011 की पत्रावली का सम्यक् रूप से परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से बहस करने हेतु कोई उपस्थित नहीं है।
हमने अपील सं0-972/2011 में पारित निर्णय दिनांक 22-10-2021 का अवलोकन किया, जो निम्नप्रकार है :-
'' प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-09-2007 में बीमा क्लेम की धनराशि 1,19,25/- रू0 के स्थान पर 1,07,325/- रू0 की जाती है, शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है। ''
इस निर्णय के अनुसार बीमा कम्पनी द्वारा देय क्लेम की धनराशि 1,19,250/- रू0 को कम करते हुए 1,07,325/- रू0 किया गया है और साथ ही साथ यह भी लिखा गया कि शेष निर्णय की पुष्टि की गई है।
हमने विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद सं0-794/2005 में पारित निर्णय दिनांक 24-09-2007 के अन्तर्गत दिये गये आदेश का अवलोकन किया, जो निम्नप्रकार है :-
'' परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी बीमा कम्पनी को आदेश दिया जाता है कि इस निर्णय के दिनांक से 30 दिन के अन्दर परिवादी को क्षतिग्रस्त कार का बीमा क्लेम रू0 1,19,250/- (एक लाख उन्नीस हजार, दो सौ पचास रू0) भुगतान करे। न करने पर विपक्षी द्वारा उक्त धनराशि पर फोरम में परिवाद प्रस्तुत होने के दिनांक से 10 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज भी देय होगा। ''
इस निर्णय में 10 प्रतिश साधारण वार्षिक ब्याज देने का आदेश है। पुनरीक्षण याचिका में पुनरीक्षणकर्ता का कथन है कि अपील सं0-972/2011 में पारित निर्णय दिनांक 22-10-2021 में विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रदान की गई धनराशि 1,19,250/- रू0 के स्थान पर 1,07,325/- रू0 कर दिया गया है, लेकिन निर्णय के शेष भाग के सम्बन्ध में कोई भी आदेश नहीं दिया गया है। विद्वान जिला आयोग द्वारा निष्पादन वाद में दिनांक 27-04-2023 को पारित आदेश में 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने के लिए कहा गया है, जबकि बीमा कम्पनी पहले ही 1,19,250/- रू0 जमा कर चुकी है।
हमने विद्वान जिला आयोग के उपरोक्त आदेश दिनांक 27-04-2023 का अवलोकन किया, जिसमें निम्नलिखित आदेश दिया गया है :-
'' अपील दिनांक 22-10-2021 को निर्णीत हुई। जिसमें डिक्री की धनराशि 1,19,250/- रू0 के स्थान पर 1,07,325/- रूपये कर दी गयी।
विपक्षी ने डिक्री की धनराशि को दिनांक 12-07-2011 को जमा किया है। परन्तु कोई ब्याज जमा नहीं किया गया है। इस प्रकार विपक्षी द्वारा डिक्री की समस्त धनराशि दिनांक 12-07-2011 को जमा कर दी गयी और उसी समय धनराशि परिवादी के पक्ष में मु0 90,294/- रू0 रिलीज कर दी गयी तथा शेष धनराशि एफ0डी0 में जमा की।
इस प्रकार विपक्षी के विरूद्ध डिक्रीदार के पक्ष में धनराशि 1,07,325/- रू0, पर परिवाद दायर करने की तिथि से दिनांक 12-07-2011 तक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से साधारण ब्याज देय है। जिसमें विपक्षी स्वयं जमा अतिरिक्त मूल्य 11,925/- रूपये समायोजित कर पाने का अधिकारी है। उक्त अनुसार विपक्षी शेष धनराशि जमा करें। ''
प्रश्नगत आदेश में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर ने स्पष्ट किया है कि 1,07,325/- रू0 पर परिवाद दायर करने की तिथि, दिनांक 12-07-2011 तक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से साधारण ब्याज देय है, जिसमें विपक्षी द्वारा जमा अतिरिक्त मूल्य 11,925/- रूपये समायोजित की जायेगी। शेष धनराशि जमा करनी होगी।
इस राज्य आयोग ने ब्याज की दर समाप्त नहीं की है, वह यथावत् है। केवल डिक्रीटल धनराशि को ही कम किया है और विद्वान जिला आयोग ने अपीलीय न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में ही आदेश पारित किया है, जो किसी भी दृष्टि से अनुचित नहीं है। अत: वर्तमान पुनरीक्षण याचिका खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
वर्तमान पुनरीक्षण याचिका इस निर्देश के साथ खारिज की जाती है कि विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर से अपेक्षा है कि वह उभय पक्ष से गणना चार्ट ले कर, जमा धनराशि की ब्याज का आगणन करते हुए अन्तिम आदेश पारित करें।
पुनरीक्षण व्यय उभय पक्ष पर।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 08-01-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.