राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-20/2020
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद संख्या 134/2014 में पारित आदेश दिनांक 30.10.2019 के विरूद्ध)
पंजाब नेशनल बैंक, हेड आफिस- भीखाजी कामा पैलेस, नई दिल्ली एवं ब्रांच सेक्टर-23-ए, हूडा मार्केट, गुड़गांव, हरियाणा द्वारा सीनियर मैनेजर श्री हशियार सिंह
........................अपीलार्थी/विपक्षी सं03 व 4
बनाम
1. शशांक शर्मा, एडवोकेट, पुत्र श्री रमेश चन्द्र शर्मा, निवासी-130/12, वार्ड नं0-21, शिवपुरी, निकट-लल्ला बाबू चौराहा, बुलन्दशहर
2. आई0डी0बी0आई0 बैंक द्वारा मैनेजर, डी0एम0 कालोनी रोड, बुलन्दशहर
3. रीजनल मैनेजर, आई0डी0बी0आई0 बैंक लि0, आई0डी0बी0आई0 टावर, डब्लू0टी0सी0 काम्पलेक्स कॉफी परेड, कोलाबा, मुम्बई, महाराष्ट्र-40005
...................प्रत्यर्थीगण/परिवादी एवं विपक्षी सं01 व 2
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अवनीश पाल,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 11.01.2023
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी पंजाब नेशनल बैंक द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद संख्या-134/2014 शशांक शर्मा बनाम आई0डी0बी0आई0 बैंक व तीन अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.10.2019 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
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''परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 3 व 4 पंजाब नेशनल बैंक को आदेशित किया जाता है कि वह 30 दिन के अन्दर परिवादी को उसके खाते से काटे गये अंकन 10,000/रू0 एवं उस धनराशि पर कटौती की दिनांक 15-7-2013 से भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज भी भुगतान करें1
विपक्षीगण परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 1000/रू0 एवं वादव्यय के रूप में अंकन 2,000/रू0 का भुगतान करें।''
हमारे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री अवनीश पाल को सुना गया, प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी का बचत खाता संख्या-0069000109253050 विपक्षी संख्या-3 पंजाब नेशनल बैंक में है, जिसमें परिवादी द्वारा ए0टी0एम0 की सुविधा ली गयी है। परिवादी द्वारा दिनांक 15.07.2013 को आई0डी0बी0आई0 बैंक, शाखा डी0एम0 रोड बुलन्दशहर के ए0टी0एम0 से उक्त खाते के अन्तर्गत 10,000/-रू0 निकालने का प्रयास किया गया, परन्तु परिवादी को ए0टी0एम0 से न तो 10,000/-रू0 प्राप्त हुए तथा न ही कोई रसीद प्राप्त हुई। परिवादी द्वारा पासबुक में एन्ट्री करवाने पर उसे ज्ञात हुआ कि दिनांक 15.07.2013 को उसके खाते से 10,000/-रू0 निकाले जाने का इन्द्राज दर्शाया गया है, जबकि परिवादी को ए0टी0एम0 से कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई थी। परिवादी द्वारा इस संबंध में दिनांक 16.07.2013 को विपक्षी संख्या-1 के यहॉं शिकायत की गयी तथा विपक्षी संख्या-1 के कहने पर कॉल करके शिकायत दर्ज करायी गयी, जिसका शिकायत नम्बर 60052206 है, तब परिवादी को उसकी धनराशि शीघ्र ही उसके खाते में वापस जमा करने का आश्वासन दिया गया। तत्पश्चात् परिवादी द्वारा विपक्षीगण से लगातार सम्पर्क किया गया, परन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-1 से दिनांक 15.07.2013 के सी0सी0टी0वी0
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फुटेज को दिखाने का अनुरोध किया गया, परन्तु विपक्षी संख्या-1 द्वारा सी0सी0टी0वी0 फुटेज को दिखाने से इंकार किया गया। परिवादी द्वारा इस संबंध में दिनांक 21.12.2013 को विपक्षीगण को पंजीकृत पत्र प्रेषित किया गया तथा दिनांक 26.12.2013 को ई-मेल भी भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण द्वारा कहा गया कि उनके यहॉं सी0सी0टी0वी0 फुटेज केवल 90 दिनों तक ही रहती है। परिवादी द्वारा विपक्षीगण को दिनांक 28.03.2014 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजी गयी, परन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी की धनराशि वापस नहीं की गयी। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विपक्षी संख्या-1 व 2 की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया तथा कथन किया गया कि परिवादी उत्तरदाता बैंक का उपभोक्ता नहीं है। परिवादी द्वारा ए0टी0एम0 मशीन से दिनांक 15.07.2013 को 10,000/-रू0 निकाला गया है, जिसकी पुष्टि परिवादी के पंजाब नेशनल बैंक ने की है तथा जिसकी प्रविष्टि परिवादी की पासबुक में दर्ज है। परिवादी द्वारा सी0सी0टी0वी0 कैमरे की फुटेज दिखाने की प्रार्थना 90 दिन के अन्दर नहीं की गयी, जिससे उक्त फुटेज परिवादी को नहीं दी जा सकती थी। परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद खण्डित होने योग्य है।
विपक्षी संख्या-3 व 4 की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया तथा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा ए0टी0एम0 से 10,000/-रू0 अपने खाते से निकाले हैं। परिवादी की शिकायत प्राप्त होने पर तुरन्त कार्यवाही करते हुए आई0डी0बी0आई0 बैंक को प्रेषित की गयी थी। विपक्षी संख्या-1 व 2 की ए0टी0एम0 मशीन से परिवादी द्वारा धनराशि निकासी की गयी तथा धन निकासी की सूचना पर परिवादी के खाते में प्रविष्टि की गयी है। परिवादी कोई धनराशि या ब्याज पाने का अधिकारी नहीं है। परिवादी द्वारा परिवाद गलत तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। परिवाद खण्डित होने योग्य है।
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विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त अपने निर्णय में विपक्षीगण की सेवा में कमी पायी गयी। तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रश्नगत आदेश पारित किया गया।
प्रश्नगत निर्णय से स्पष्ट है कि विपक्षीगण बैंक द्वारा साक्ष्य में सी0सी0टी0वी0 फुटेज तथा ए0टी0एम0 के बैंक का स्टेटमेन्ट प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे इस सम्भावना को बल मिलता है कि परिवादी को ए0टी0एम0 से निकाले गये 10,000/-रू0 का भुगतान नहीं हुआ, जबकि इस साक्ष्य से विपक्षीगण बैंक परिवादी के कथन को खण्डित कर सकता था।
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अवलोकन करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय विधिसम्मत है, परन्तु हमारे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो परिवादी को उसके खाते से काटे गये 10,000/-रू0 की धनराशि पर ब्याज दिये जाने का आदेश तथा मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 1000/-रू0 एवं वाद व्यय हेतु 2,000/-रू0 दिये जाने का आदेश पारित किया गया है, उसे न्यायहित में समाप्त किया जाना उचित है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद संख्या-134/2014 शशांक शर्मा बनाम आई0डी0बी0आई0 बैंक व तीन अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.10.2019 को संशोधित करते हुए अपीलार्थी पंजाब नेशनल बैंक को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी को उसके खाते से काटे गये 10,000/-रू0 का भुगतान इस निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर करे अन्यथा उक्त धनराशि पर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा आदेशित ब्याज देय होगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित
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जिला उपभोक्ता आयोग को 01 माह में विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1