(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
विविध वाद संख्या-142/2024
वी0एक्स0 एल0 रियल्टर्स प्रा0 लि0-बनाम-शरद अग्रवाल
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित।
दिनांक: 12.08.2024
पुकारा गया।
प्रस्तुत प्रार्थना पत्र वास्ते इस न्यायालय द्धारा अपील संख्या-2089/2014 में पारित आदेश दिनांक 23.04.2024 के अंतर्गत सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
चूंकि अपील संख्या-2089/2014 को गुण-दोष के आधार पर निस्तारित किया जा चुका है ऐसे में विविध वाद स्वत: चलने योग्य नहीं है
तद्नुसार विविध प्रार्थना पत्र 142/2024 निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर की जावे।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रंजीत, पी0 ए0,
कोर्ट न0-1
मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 2089सन 2014
- वी0एक्स0एल0 रियल्टर्स प्रा0 लि0 द्धारा निदेशक, पंचम तल, अजीत सिंह हाउस, 12 डी.डी.ए. कामर्शियल सेन्टर, यूसूफ सराय, न्यू देलही, शाखा कार्यालय वी. एक्स. एल., ईस्टर्न हाइट्स, न्याय खंड, ।।। इन्द्रापुरम्, गाजियाबाद व अन्य।
......अपीलार्थीगण
बनाम
शरद अग्रवाल पुत्र श्री बी0 डी0 अग्रवाल, निवासी सी-98, सूर्या नगर, वसुन्धरा गाजियाबाद, उ0 प्र0-201011
समक्ष:-
मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता –कोई नहीं
विपक्षी की ओर से विद्धान अधिवक्ता –श्री सुनील शर्मा
दिनांक - 12.08.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील विगत लगभग 10 वर्षो से अधिक समय से लम्बित है जो कि अपीलार्थी बिल्डर द्धारा जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद के द्धारा परिवाद संख्या-480/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांकित 03.09.2014 का अनुपालन अपीलार्थी द्धारा सुनिश्चित नहीं किये जाने के कारण योजित किया गया है।
विगत अनेको तिथियों से इस न्यायालय द्धारा अनेक विस्तृत आदेश पारित किये गये। अपीलार्थी द्धारा उपरोक्त आदेशों का अनुपालन भी सुनिश्चित नहीं किया गया। तदनुसार गैर जमानती वारंट के परिपेक्ष्य में की गई प्रक्रिया के संबंध में कार्यालय द्धारा निम्नवत् विस्तृत सूचना/आख्या दिनांक 18.07.2024 को उल्लिखित की गई:-
18.07.2024
महोदय कृपया मा० पीठ के आदेश दिनांक 23-04-2024 के अनुपालन में अपीलार्थी VXL, Eastern Heights Nyay Khand-III, Indrapuram, Ghaziabad, through its Shri. Harpp Singh and Shri Rajesh Khanna से संबंधित इस आयोग के पत्रांक 776 दिनांक 30-04-2024 के द्वारा सम्मन/नोटिस एवं पत्रांक 779 दिनांक 30-04-2024 के द्वारा प्रेषित गैर जमानती वारंट के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गाजियाबाद एवं कलेक्टर गाजियाबाद के माध्यम से क्रमशः आख्या प्रेषित कराये जाने हेतु कार्यालय द्वारा निर्गत किया गया था।
उक्त सम्मन/नोटिस एवं गैर जमानती वारंट के अनुपालन में उप निरीक्षक महेन्द्र पाल सिंह थाना इिन्दरापुरम कमि० गाजियाबाद की रिर्पोट प्रभारी निरीक्षक थाना इंदिरापुरम कमिश्नरेट गाजियाबाद के माध्यम से दिनांक 04-07-2024 की आख्या रिर्पोट निम्नवत् है:-
"सादर अवगत कराना है कि वारण्ट की तामील हेतु मुझ उ०नि० मय फोर्स द्वारा दिये गये अंकित पते पर जाकर दबिश दी गयी तो अपीलार्थी/अभियुक्त दिये गये पते पर नहीं रहते हैं, दिया गया पता VXL Eastern Heights, Nyay Khand-3 के स्थान पर Eastern Heights Society (RWA) है, दिये गये नाम के अभियुक्त/अपीलार्थी लगभग 14 वर्ष पहले यहाँ काम करवाते थे, जिसमें RWA अध्यक्ष निलीमा मण्डल मो०नं०- 8228800770 द्वारा व टीम मेम्बर द्वारा बताया गया की इन उक्त नाम के अभियुक्त/अपीलार्थी ने लगभग 14 वर्ष पहले काम भी पूरा नहीं किया और काम छोड़कर चले गये थे, इनका कोई आफिस भी सोसायटी में नहीं है, और न ही हमें इनके वर्तमान पते की कोई जानकारी है, उक्त नाम के अभियुक्त / अपीलार्थी करीब 14 वर्षों से यहाँ आते भी नहीं है। श्रीमान जी अभियुक्त/अपीलार्थी के वर्तमान पते की भी कोई जानकारी नहीं हो सकी है, इस कारण वारण्ट अदम तामील मा० आयोग/न्यायालय वापिस किया जाता है। RWA द्वारा लिखित प्रमाण पत्र संलग्न है। रिपोर्ट सादर सेवा में प्रेषित है।"
उक्त के क्रम में दस्ती गैर जमानती वारण्ट कार्यालय के पत्रांक-1610 दिनांक 07-06- 2024 के द्वारा पुलिस उपायुक्त, दक्षिणी, जिला- हौजखास, नई दिल्ली को प्रेषित की गयी थी। उक्त के संबंध में हेड कॉस्टेबल जय नारायण थाना हौजखास दिनांक 04-07-2024 की रिर्पोट के साथ Addl. Deputy Commissioner Of Police, South Distt., New Delhi के पत्र के साथ टंकित आख्या डाक द्वारा प्राप्त हुआ है, जो पत्रावली पर संलग्न है।
अतः उपनिरीक्षक महेन्द्रपाल सिंह थाना इन्दिरापुरम कमि० गाजियाबाद एवं हेड कांस्टेबल जय नारायण हौजखास न्यू दिल्ली की मूल रिर्पोट सहित पत्रावली मा० महोदय के समक्ष अवलोकनार्थ प्रस्तुत है।‘’
पत्रावली पर न्यायालय द्धारा पारित पूर्व आदेशों के अनुपालन में की गई प्रक्रिया से संबंधित प्रपत्र भी उपलब्ध है। तदनुसार अपील में उल्लिखित समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुये एवं यह कि उपरोक्त आख्या के अनुसार अपीलार्थी के बारे में शासन/पुलिस स्तर पर कोई कार्यवाही नही किये जाने का संदर्भ उल्लिखित किया गया।
विद्धान जिला आयोग द्धारा तथ्यों को विश्लेषित करते हुये निम्न आदेश पारित किया गया है:-
‘’ परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशि दिया जाता है कि वह 6, माह के अन्दर परिवादी को आवंटित फ्लैट अथवा अन्य किसी ब्लाक में 1005, वर्गफिट का फ्लैट बकाया धनराशि प्राप्त करके कब्जा दें। तथा कब्जा देने की तिथि तक रू0 5/- प्रति वर्ग फिट के हिसाब से प्रतिकर एवं रू0 11,000/- क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करें।‘’
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्चात मेरे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग ने उभय पक्षों द्वारा दाखिल सभी अभिलेखों व शर्तो का अवलोकन करते हुए तथा साक्ष्यों का पूर्ण विवेचन करते हुए प्रश्नगत परिवाद में विवेच्य निर्णय पारित किया है, जो कि तथ्यों एवं साक्ष्यों से समर्थित एवं विधि-सम्मत है, उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तद्नुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
साथ ही अपीलार्थी द्धारा इस न्यायालय द्धारा पारित विभिन्न आदेशों की अवहेलना एवं न्यायालय को पिछले 10 वर्षो से भ्रमित करने के कथित प्रयास को दृष्टिगत रखते हुये अपीलार्थी के विरूद्ध पूर्व में जारी आदेशों के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने का आदेश पारित किया जाता है तथा अपीलार्थी पर हर्जाने के रूप में रू0 10,00,000/- (रूपये दस लाख) की धनराशि योजित की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रंजीत, पी.ए.
कोर्ट नं०-1