जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या- 734/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-15.09.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-10.04.2023
Ashok Kumar Awasthi aged about 67 years, son of Late Shri Kailash Chandra, resident of 3/16, New Bahar “B” Sahara States, Jankipuram, Lucknow. …………COMPLAINANT.
Versus
1. Shalimar Lakecity Private Limited, 11th Floor, Titanium, Shalimar Corporate Park, Vibjuti Khand, Gomti Nagar, Lucknow, through its Managing Director.
2. M/s ANS Developers Private Limited, 11th Floor, Titanium, Shalimar Corporate Park, Vibjuti Khand, Gomti Nagar, Lucknow, through its Managing Director.
3. Mohd Abdullah Asood, Harvinder Singh Sarna, Kunal Seth, Pradip Kumar Parashramka, Sushil Kumar Saraogi and Syed Anwar Mahmood Rizvi, Director Shalimar Lakecidty Private City Limited, 11th Floor, Titanium, Shalimar Corporate Park, Vibjuti Khand, Gomti Nagar.
……………OPPOSITE PARTIES.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री सर्वेश कुमार शर्मा।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-श्री अनुराग सिंह।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा-35 के अन्तर्गत विपक्षीगण से परिवाद में वर्णित सभी सुविधाओं सहित तत्काल फ्लैट पर कब्जा दिलाये जाने एवं फ्लैट के लिये कुल भुगतान की गयी धनराशि 59,50,083.00 रूपये पर 18 प्रतिशत ब्याज फ्लैट कब्जा प्राप्त करने की तिथि तक दिलाये जाने, विपक्षीगण के पत्र दिनॉंकित 22.07.2020 की शर्तों के विपरीत ब्याज की अतिरिक्त धनराशि की मॉंग को खारिज करने, फ्लैट समय पर उपलब्ध न कराने के कारण 20,000.00 रूपये प्रतिमाह मकान किराए की धनराशि जून 2020 से फ्लैट पर कब्जा प्राप्त करने तक भुगतान करने, 10,00,000.00 रूपये क्षतिपूर्ति तथा 10,00,000.00 रूपये मानसिक शोषण तथा 1,00,000.00 रूपये वाद व्यय दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षीगण से एक आवासीय फ्लैट संख्या 105 शालीमार ग्रुप की हाउसिंग प्रोजेक्ट विस्टा के टावर-ए में जिसका ब्रोशर संलग्नक के क्रमांक 01 पर है, जिसमें प्रोजेक्ट की सेवा शर्तें सुविधाऍं आदि उल्लिखित हैं परिवादी ने दिनॉंक 31.10.2019 को विपक्षीगण द्वारा निर्धारित की गयी बुकिंग धनराशि 5,57,813.00 रूपये जमा कर दिया। विपक्षीगण द्वारा दिनॉंक 10.12.2019 को पेमेंट प्लान परिवादी को भेजा जिसमें दिनॉंक 31.10.2020 तक पूरा भुगतान करना था। परिवादी ने निर्धारित कुल धनराशि 56,56,410.00 रूपये की जगह धनराशि 59,50,083.00 रूपये दिनॉंक 20.05.2020 तक जमा किए। विपक्षीगण द्वारा निर्धारित अवधि में आवासीय फ्लैट परिवादी को यह केस दाखिल किये जाने तक उपलब्ध नहीं कराया है।
3. उक्त के अतिरिक्त विपक्षीगण द्वारा दिनॉंक 20.03.2020 के पत्र द्वारा परिवादी से शर्तों के विपरीत नियम विरूद्ध धनराशि 22,78,517.00 रूपये का भुगतान करने का अनुरोध किया। इस धनराशि में 64,865.00 रूपये ब्याज का भी सम्मिलित है। परिवादी ने इसकी शिकायत तत्काल ई-मेल के माध्यम से की। फ्लैट का कब्जा दिए बिना पुन: विपक्षीगण ने दिनॉंक 03.08.2020 को पत्र द्वारा सूचित किया कि धनराशि 1,16,772.00 रूपये के साथ 1,00,000.00 रूपये परिवादी द्वारा जमा किया जाये।
4. विपक्षीगणों ने किश्तों का कोई व्यवस्थित पत्र निर्गत नहीं किया जिसके परिणामस्वरूप निर्धारित धनराशि 56,56,410.00 रूपये के स्थान पर धनराशि 59,50,083.00 रूपये परिवादी द्वारा जमा किए गए जो कि निर्धारित शर्तों से ज्यादा है। विपक्षीगण द्वारा इस योजना का शर्तनामा (एग्रीमेंट) परिवादी को उपलब्ध नहीं कराया। बी0बी0ए0 रेरा का मानक विपक्षीगण द्वारा परिवादी को न तो उपलब्ध कराया गया और ना ही उसके बारे में बताया गया। बी0बी0ए0 रेरा की गाइड लाइन्स संलग्नक-04 में प्रोजेक्ट के कम्पलीट होने की तिथि 28.03.2021 है, तथा कोई शिकायत बिना प्रोजेक्ट के कम्पलीट हुए व कब्जा लिये परिवादी द्वारा नहीं किया जा सकता। विपक्षीगण ने इस तथ्य को छिपाया यह अनुचित व्यापार व धोखाधड़ी का कृत्य है।
5. परिवादी द्वारा पुन: व्यक्त किया गया है कि विपक्षीगण के पेमेंट प्लान दिनॉंक 16.12.2019 के अनुसार परिवादी ने पूरा पैसा जमा कर दिया था, कोई धनराशि बकाया नहीं है। दिनॉंक 01.08.2020 के पत्र द्वारा परिवादी ने निर्माण के कम्पलीट सर्टिफिकेट/कब्जा सर्टिफिकेट का अनुरोध किया है। विपक्षीगण ने कम्पलीशन सर्टिफिकेट की धनराशि 1,00,000.00 रूपये जमा करने के उपरांत भी फ्लैट उपलब्ध नहीं कराया गया है। रेरा की गाइडलाइंस के अनुसार यह प्रोजेक्ट दिनॉंक 28.03.2021 तक कम्पलीट होना था तथा विपक्षीगणों के अंडरटेकिंग दिनॉंक 31.07.2017 के अनुरूप प्रोजेक्ट सितम्बर, 2019 तक कम्पलीट होना था।
6. विपक्षीगणों द्वारा आज तक प्रोजेक्ट कम्पलीट करके परिवादी को कब्जा नहीं दिया गया है। विपक्षीगणों द्वारा सेवा में अत्यन्त कमी की गयी है। परिवादी को समय से आवास न मिलने से वह 20,000.00 रूपये किराए के रूप में प्रतिमाह व्यय कर रहा है, जिसकी देयता भी विपक्षीगण पर बनती है। परिवादी मानसिक, आर्थिक रूप से पीडि़त है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विपक्षीगण की है।
7. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से केवल वकालतनामा ही दाखिल किया गया है। उनकी ओर से कोई शपथ पत्र दाखिल नहीं किया गया न ही कोई अन्य अभिलेख आदि दाखिल किया गया है। पैरवी का पर्याप्त अवसर दिए जाने के बाद भी विपक्षीगण की कोई रूचि प्रदर्शित न होने के कारण वाद की कार्यवाही विपक्षीगण के विरूद्ध दिनॉंक 29.07.2022 को एकपक्षीय अग्रसारित की गयी।
8. परिवादी द्वारा अपने कथानक के समर्थन में योजना का ब्रोशर, एग्रीमेंट, पेमेंट शेड्यूल, पेमेंट की रसीदें तथा अन्य अभिलेखों की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।
9. मैनें परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
10. परिवादी के कथानक से स्पष्ट है कि विपक्षीगण ने परिवादी को योजना में एग्रीमेंट के अनुसार निर्धारित अवधि पर प्रस्तावित फ्लैट उपलब्ध नहीं कराया गया है जो विपक्षीगण की सेवा में कमी व अनुचित व्यापार प्रक्रिया को दर्शाता है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य में योजना के लिये जो पेमेंट शेड्यूल दर्शाया गया है उसमें फ्लैट की कुल कीमत 56,56,410.00 रूपये दर्शायी गयी है। परिवादी द्वारा उक्त के सापेक्ष में कुल धनराशि 59,50,083.00 रूपये जमा किए गए हैं। इससे स्पष्ट है कि विपक्षीगण ने पेमेंट शेड्यूल से भी ज्यादा धनराशि प्राप्त करने के बाद भी निर्धारित अवधि में फ्लैट उपलब्ध नहीं कराया गया है, जो सेवा में अत्यंत कमी की गयी है।
11. योजना के संबंध में संलग्क में जो एग्रीमेंट कम्पनी द्वारा प्रस्तुत किया गया है उसमें फ्लैट/योजना को सितम्बर 2019 तक तैयार करना था। उल्लेखनीय है कि तत्समय कोविड-2019 का संक्रमण जोरों पर था जिसकी वजह से सभी सामान्य क्रिया कलाप बंद थे। कोविड-19 जून 2021 तक विशेषरूप से प्रभावी रहा। रेरा द्वारा इस योजना के पूर्ण होने की तिथि 28.03.2021 थी। यह स्पष्ट है कि कोरोना का प्रारम्भ मार्च 2019 में हो चुका था। योजना को सितम्बर 2019 तक तैयार होना था। कोरोना मार्च 2019 में प्रारम्भ हुआ अर्थात योजना तैयार होने की तिथि से छह माह पहले स्टार्ट हो गया, तथा कोरोना समाप्त हुआ जून 2021 में। परिवादी द्वारा यह कहा गया कि एग्रीमेंट की प्रति दाखिल नहीं की गयी है, और संविदा के अनुसार यह व्यवस्था थी कि पंजीकरण की तिथि से कब्जा दिया जायेगा, तथा उक्त कब्जा रेरा के द्वारा रजिस्ट्रेशन द्वारा बताये जाने पर होगा। परिवादिनी द्वारा अपने कथानक की पुष्टि शपथ पत्र के माध्यम से की गयी है तथा एग्रीमेंट की एक फोटोकापी जो सितम्बर 2019 के संबंध में कहा गया है।
1- That the vacant and actual physical possession of the Unit shall be delivered by the Developer to the intending Allotee (s) at the time of execution and registration of the sale deed, after receiving all the dues/charges/levies/duties and taxes with respect to the said Unit covered by allotment Letter/Unit Buyer Agreement/Agreement to sell or any other agreement or documents executed between the The intending Allottee and The Developer’as agreed by the The Intending Allottee to the Developer.
2- The Developer shall endeavor to hand over the possession of the Unit to the intending allottee (s) within the agreed time period as declared in the RERA Registration. However, an extension of 6 months shall be allowed to the Developer nu the allottee (s) in case it is required by the Developer only after taking approval from the competent Authority.
3- In case the Developer is unable to handover the possession of the Unit to the allottee (s) within the time period detalled herein above, the Developer shall be liable to pay the allottee (s) compensation as under the provisions of the RERA.
12. अनुबन्ध में यह भी कहा गया कि रेरा से अनुमति लेना है। अत: जो 2019 तक की योजना पूरी करके कब्जा देना था वह विधि सम्मत मान्य नहीं होगा क्योंकि रेरा द्वारा कब्जा मार्च 2021 तक देना कहा गया है। चॅूंकि दो वर्ष कोरोना का पीरियड हुआ। उसको घटाया जाना न्यायसंगत है, क्योंकि इस दौरान कोई भी गतिविधि संचालित नहीं की गयी है और बिल्डर पर व्यापक दबाव था और मजदूर अपने-अपने घर जा चुके थे। अत: उस पीरियड को भी जोड़ा जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है। इस प्रकार मार्च 2023 तक पूरे फ्लैट का कब्जा दिया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है। मार्च 2023 बीत चुका है। अत: वह वर्तमान समय में कब्जा प्राप्त करने का अधिकारी है। इस प्रकार उपरोक्त देय धनराशि पर कोई भी ब्याज दिलाये जाने का औचित्य प्रतीत नहीं होता है।
13. साथ ही साथ जैसा कि परिवादी का कथानक है कि वह बाहर रह रहा है। इस संबंध में 20,000.00 (बीस हजार रूपये मात्र) किराया दिलाया जाना न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता है। इस प्रकार मेरे विचार से सम्पूर्ण समय बीत जाने के कारण अभी तक कब्जे के संबंध में कोई पत्र विपक्षी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। जो विपक्षी की सेवा में कमी मानी जायेगी। इस प्रकार परिवादी उपरोक्त भवन का कब्जा प्राप्त करने का पूर्ण अधिकारी है। इस आशय से उचित प्रतीत होता है चूँकि सम्पूर्ण धनराशि परिवादी से वह प्राप्त कर चुका है और उस प्राप्त धनराशि का उपभोग विपक्षी अपनी परियोजना में विगत वर्ष 2017 से लेकर 2023 तक करता रहा है। ऐसी स्थिति में परिवादी को कब्जा दिलाया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है।
14. समस्त तथ्यों के आलोक में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को ब्रोशर में उल्लिखित आवंटित फ्लैट उपलबध कराने के संबंध में तीन माह के अन्दर पंजीयन की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें, तथा परिवादी को हुए मानसिक, आर्थिक शोषण के लिये मुबलिग 50,000.00 (पचास हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा। अगर तीन माह के अन्दर फ्लैट का कब्जा विपक्षी द्वारा नहीं दिया जाता है तो मुबलिग 20,000.00 (बीस हजार रूपया मात्र) परिवादी को बाहर किराये के एवज में फ्लैट पर कब्जा प्राप्त करने तक प्रति माह देय होगा।
पत्रावली पर उपलब्ध सभी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया जाता है।
निर्णय की प्रति पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-10.04.2023