राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-1854/2009
(जिला उपभोक्ता फोरम, सोनभद्र द्वारा परिवाद संख्या-10/2009 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.06.2009 के विरूद्ध)
चोलामण्डलम मे0 जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0, रिजनल आफिस, सेकण्ड फ्लोर, 4 मैरी गोल्ड, शाहनजफ रोड सप्रू मार्ग, लखनऊ द्वारा मैनेजर, क्लेम्स।
अपीलार्थी@विपक्षी सं0-3
बनाम्
1. श्रीमती शकुन्तला श्रीवास्तव पत्नी श्री विजय शंकर श्रीवास्तव, निवासिनी परासी (शकुन्तला भवन, राधा कृष्ण की गली) पोस्ट ककरी, थाना पिपरी, जिला सोनभद्र।
2. असिस्टेण्ट कमिश्नर (क0नि0) कार्मशियल ट्रेड डिवीजन-1, जिला सोनभद्र।
3. ज्वाइंट कमिश्नर (आफिस) कार्मशियल ट्रेड, मिर्जापुर।
प्रत्यर्थीगण/परिवादिनी/विपक्षी सं0-1, 2
समक्ष:-
1. माननीय श्री संजय कुमार, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री तरूण कुमार मिश्रा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से : श्री एम0एन0 मिश्रा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-2, 3 की से : कोई नहीं।
दिनांक 31.01.2018
माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
पत्रावली प्रस्तुत हुई। प्रस्तुत अपील, परिवाद संख्या-10/2009, श्रीमती शकुन्तला श्रीवास्तव बनाम असिस्टेण्ट कमिश्नर व अन्य में जिला फोरम, सोनभद्र द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.06.2009 से क्षुब्ध होकर विपक्षी संख्या-3/अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला फोरम द्वारा निम्नवत् आदेश पारित किया गया :-
'' उपरोक्त विवरण के आधार पर परिवादिनी का परिवाद पत्र स्वीकृत करते हुए विपक्षी सं0:3 चोला मण्डलम, मेसर्स जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड मेरीगोल्ड बिल्डिंग शाह नजफ रोड लखनऊ को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को मृतक सन्दीप कुमार श्रीवास्तव की बीमा धनराशि मु0: 4,00000/- रूपये बतौर क्षतिपूर्ति तथा मु0: 10,000/- रूपये शारीरिक, मानसिक
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एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति तथा मु0: 1000/- रूपये वाद व्यय, कुल मु0: 4,11,000/- रूपये (चाल लाख ग्यारह हजार रूपये) बतौर क्षतिपूर्ति तीस दिन के अन्दर अदा करें। परिवादिनी विपक्षी सं0: 3 से परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि दि0: 01.02.09 से प्रतिकर की अदायगी की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी प्राप्त करने की अधिकारी होगी। ''
प्रस्तुत प्रकरण के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादिनी के पुत्र स्व0 संदीप कुमार श्रीवास्तव एक व्यापारी थे, जिन्होंने फर्म स्वामी के रूप में सर्व श्री आयुष इण्टर प्राइजेज के नाम से विपक्षी संख्या-1 व 2 के यहां फर्म का पंजीकरण कराया था। विपक्षी संख्या-1 व 2 तथा 3 के मध्य व्यापार कर विभाग पंजीकृत व्यापारियों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के सन्दर्भ में एक एग्रीमेंट किया गया था। परिवादिनी के पुत्र स्व0 संदीप कुमार श्रीवास्तव की मृत्यु दिनांक 28.11.2006 को एक सड़क दुर्घटना में हो गयी थी। उक्त दुर्घटना के सन्दर्भ में परिवादिनी के मृतक पुत्र की बीमित धनराशि अदा की जानी थी, जिसके सन्दर्भ में परिवादिनी ने विपक्षीगण के यहां अपने पुत्र की मृत्यु केएक महीने के पश्चात ही बीमा धनराशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर दिया था, किन्तु बीमा कम्पनी द्वारा बीमा धनराशि नहीं दी गयी, जिससे क्षुब्ध होकर प्रश्नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद पत्र के विरोध में अपना जवाब दावा प्रस्तुत किया गया।
जिला फोरम द्वारा उभय पक्ष को सुनने एवं पत्रावली का परिशीलन करने के उपरांत उपरोक्त आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.06.2009 पारित किया गया।
अपील सुनवाई हेतु पीठ के समक्ष प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री तरूण कुमार मिश्रा तथा प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एम0एन0 मिश्रा उपस्थित हुए। प्रत्यर्थी संख्या-2 व 3 की
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ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। उपस्थित विद्वान अधिवक्तागण के तर्क विस्तार से सुने गये एवं पत्रावली का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्तागण ने एक संयुक्त समझौता पत्र दिनांक 31.01.2018 इस आशय का प्रस्तुत किया गया कि आदेश दिनांक 08.12.2009 के अनुपालन में जिला फोरम में जमा धनराशि रू0 2,00,000/- मय अर्जित ब्याज व अपील योजित करते समय जमा धनराशि रू0 25,000/- मय अर्जित ब्याज इसके अतिरिक्त रू0 1,50,000/- की अतिरिक्त धनराशि परिवादिनी/प्रत्यर्थी संख्या-1 को भुगतान किये जाने हेतु अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी संख्या-1/परिवादिनी के मध्य समझौता हुआ है। अत: उपरोक्त सुलह समझौता पत्र के आधार पर प्रस्तुत अपील अंशत: स्वीकार की जाने योग्य है।
आदेश
अपील, सुलह समझौता पत्र दिनांक 31.01.2018 के आधार पर अंशत: स्वीकार की जाती है।
उपरोक्त सुलह समझौता पत्र इस आदेश का अंग होगा।
इस निर्णय/आदेश की सत्यप्रतिलिपि उभयपक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(संजय कुमार) (महेश चन्द)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-4