Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/78/2013

Shri Umesh Chandra - Complainant(s)

Versus

Shakti Electronics - Opp.Party(s)

19 May 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/78/2013
 
1. Shri Umesh Chandra
Near Daideal Public School Milan Vihar Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Shakti Electronics
Helet Road Near Fire Brigade Thana Civil Lines Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षी से उसे बैटरी की कीमत 9400/- रूपया, मानसिक क्षति के रूप में  20,000/- रूपया तथा परिवाद व्‍यय के रूप में 2000/- रूपये इस प्रकार कुल 31,400/- रूपया दिलाऐ जाऐ।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि दिनांक 02/4/2010 को  परिवादी ने विपक्षी से 2 बैटरी खरीदी थीं जिसमें से एक बैटरी लाइफ 165 ए.एच. थी जो 8200/- रूपया की थी तथा जिसकी वारण्‍टी 18 महीने की थी।  यह बैटरी समय से पहले खराब हो गई। शिकायत पर परिवादी को दिनांक 28/6/2011 को एक नई बैटरी सं0-110619 विपक्षी ने बदलकर दे दी। दिनांक 02/4/2010 को खरीदी गई दूसरी बैटरी ग्‍लोवार्म-0510480150 थी और  उसकी वारण्‍टी 48 महीने की थी। विपक्षी ने परिवादी द्वारा दिनांक 02/4/2010 को खरीदी गई गलोवार्म बैटरियों की रसीद भी परिवादी को दी थी। परिवादी के अनुसार दिनांक 02/4/2010 को खरीदी गई ग्‍लोवार्म बैट‍री जिसकी वारण्‍टी 48 महीने है काफी दिन से खराब है। परिवादी ने इसकी शिकायत विपक्षी से की किन्‍तु उसने इस पर कोई ध्‍यान नहीं दिया और  ग्‍लोवार्म बैटरी भी नहीं बदली। गर्मी के मौसम में बच्‍चों की पढ़ाई में  परेशानी हो रही है तथा परिवादी को काफी आर्थिक और मानसिक नुकसान भी हो रहा है। परिवादी के अनुसार उसने दिनांक 17/4/2013 को अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से विपक्षी को कानूनी नोटिस दिलवाया और अनुरोध किया कि ग्‍लोवार्म बैटरी या तो वह बदल दे अथवा उसकी कीमत 9400/- रूपया परिवादी को अदा करें, किन्‍तु विपक्षी ने न तो बैटरी बदली और न ही इस बैटरी की कीमत अदा की बल्कि नोटिस का गलत जवाब प्रेषित  कर दिया। परिवादी के अनुसार विपक्षी ने सेवा में कमी की है, उसे परिवाद  में अनुरोधित अनुतोष विपक्षी से दिलाऐ जायँ।
  3.   परिवाद के साथ परिवादी ने बैटरी खरीदने की रसीद दिनांक 02/4/2010 की फोटो प्रति, विपक्षी को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस की  कार्वन प्रति, कानूनी नोटिस भिजवाऐ जाने की डाकखाने की असल रसीद तथा विपक्षी की ओर से प्राप्‍त जवाब नोटिस मूल रूप  में दाखिल किया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/8 हैं।
  4.   विपक्षी की ओर से शपथ पत्र से समर्थित प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/3 दाखिल हुआ जिसके साथ विपक्षी ने बैटरी की रसीद की  कार्वन कापी कागज सं0-6/5 बतौर संलग्‍नक दाखिल की।
  5.   प्रतिवाद पत्र में विपक्षी ने दिनांक 02/4/2010 को परिवादी को  केवल एक बैटरी लाइफ 165 ए.एच. विक्रय किया जाना तो स्‍वीकार किया, किन्‍तु कथित रूप से दूसरी बैटरी ग्‍लोवार्म को विक्रय करने से इन्‍कार  किया। विपक्षी ने परिवादी का नोटिस प्राप्‍त होना और उसका उत्‍तर भेजा जाना भी अपने प्रतिवाद पत्र में स्‍वीकार किया है। अतिरिक्‍त कथनों में  विपक्षी ने कहा है कि उसने दिनांक 02/4/2010 को बैटरी ग्‍लोवार्म परिवादी को नहीं बेची थी अत: उक्‍त बैटरी के सन्‍दर्भ में परिवादी के कथन मिथ्‍या   है। उसने परिवादी को केवल एक बैटरी लाइफ 165 ए.एच. ग्‍लोवार्म बेची थी जो खराब होने की शिकायत पर विपक्षी ने परिवादी को रिप्‍लेस कर  दी थी। विपक्षी ने अग्रेत्‍तर कहा कि दिनांक 02/4/2010 की रसीद में दूसरी बैटरी का परिवादी ने उल्‍लेख कर अपराध किया है। विपक्षी ग्‍लोवर्मा बैटरी  का न तो कारोबार करता है और न ही उसने दिनांक 02/4/2010 को  ग्‍लोवार्म बैटरी परिवादी को बेची। परिवाद के साथ परिवादी द्वारा दाखिल रसीद में फोरजरी की गई है। विपक्षी ने यह कहते हुऐ कि उसने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की और परिवाद असत्‍य कथनों  पर आधारित है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  6.   परिवादी ने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/3  दाखिल किया।
  7.   विपक्षी की ओर से शक्ति इलैक्ट्रिकल्‍स के स्‍वामी आदेश कुमार गुप्‍ता ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/3 दाखिल किया जिसके साथ उन्‍होंने बतौर संलग्‍नक दिनांक 02/4/2010 को एक  बैटरी परिवादी को बेचे जाने की रसीद की फोटो प्रति भी दाखिल की।  विपक्षी के समर्थन में शक्ति इलैक्ट्रिकल्‍स पर वर्ष 2010 में अभिकथित रूप से काम करने वाले ओमप्रकाश का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11 भी दाखिल हुआ।
  8.   परिवादी ने रिज्‍वाइंडर शपथ पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/3 दाखिल किया।
  9.   परिवादी ने सूची कागज सं0-17/2 के माध्‍यम से 2 बैटरी खरीदने की असल रसीद दिनांकित 02/4/2010 कागज सं0-17/3 को दाखिल किया।
  10.   विपक्षी की ओर से परिवादी के विरूद्ध 420/467/468/471 आई0पी0सी0 की धारा 156(3) सी0आर0पी0सी0 के अधीन सी0जे0एम0, मुरादाबाद के न्‍यायालय में दाखिल प्रार्थना पत्र की प्रमाणित प्रति कागज सं0-16/4 को दाखिल किया है।
  11.   दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
  12.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  13.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने बैटरी की रसीद कागज सं0-3/5 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि दिनांक 02/4/2010 को उसने विपक्षी से एक नहीं बल्कि दो बैटरियां खरीदी थी। इसके विपरीत विपक्षी का कथन है कि परिवादी ने दिनांक 02/4/2010 को उससे दो नहीं बल्कि केवल एक बैटरी मॉडल 165 ए. एच. 8200/- रूपया में खरीदी थी।  अपने इस कथन के समर्थन में विपक्षी की ओर से बैटरी की रसीद कागज सं0-6/5 को इंगित किया गया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने रसीद बुक कागज सं0-15 में में क्रमांक 015 पर अवस्थित रसीद की कार्वन प्रति की ओर भी हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और जोर देकर कहा कि रसीद कागज सं0-6/5 तथा  रसीद बुक में अवस्थित रसीद सं0-015 की कार्वन कापी से स्‍पष्‍ट  है कि परिवादी ने दिनांक 02/4/2010 को उससे केवल एक बैटरी खरीदी  थी। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी कहा कि परिवादी को विपक्षी ने दिनांक 02/4/2010 को एक बैटरी की जो रसीद दी थी उसमें फोरजरी करके उसने क्रमांक-2 पर बैटरी ग्‍लोवार्म अंकन 9400/- रूपया भी लिखवा लिया ताकि यह दिखाया जा सके कि दिनांक 02/4/2010 को विपक्षी से  उसको एक नहीं बल्कि 2 बैटरियां खरीदी थी। विपक्षी के अनुसार रसीद कागज सं0-3/5 में परिवादी ने फोरजरी की है जिसकी वजह से उसके विरूद्ध मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट, मुरादाबाद के न्‍यायालय में धारा-420/467/ 468/471 आई0पी0सी0 के अधीन मुकदमा चलाने हेतु प्रार्थना पत्र भी  दिया गया है।
  14.   प्रत्‍युत्‍तर में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षी के उक्‍त तर्कों  का जोरदार खण्‍डन किया और कहा कि विपक्षी ने परिवादी को एक नहीं दो बैटरी बेची थीं उसने रसीद में किसी प्रकार की फोरजरी करने के आरोपों से भी  इन्‍कार किया।
  15.   अब देखना यह है कि क्‍या परिवादी को रसीद सं0-015 दिनांकित 02/4/2010 द्वारा विपक्षी ने एक बैटरी बेची थी अथवा इस रसीद से उसने 2 बैटरियां बेची थीं।
  16.   हमने परिवादी द्वारा दाखिल नकल रसीद कागज सं0-3/5 का  बारीकी से अवलोकन किया। असल रसीद भी परिवादी ने पत्रावली में  दाखिल की है जो कागज सं0-17/3 है। इस रसीद के बारीकी से अवलोकन करने पर हमने पाया कि रसीद में क्रमांक-2 पर उल्लिखित बैटरी ग्‍लोवार्म  का विवरण उसी व्‍यक्ति की हैण्‍ड राइटिंग में है जिसने इस रसीद में  क्रमांक-1 पर अंकित बैटरी लाइफ 165 ए.एच. से सम्‍बन्धित विवरण लि‍खा  है। इन दोनों बैटरियों के विवरण  में  विशेष  रूप से शब्‍द  ‘’  बैटरी ’’, ‘’ वारण्‍टी ’’ तथा  शब्‍द ‘’ माह ‘’  एक दूसरे हूवहू मिलते हैं। बाकी इवारत भी एक ही व्‍यक्ति द्वारा लिखी हुई दिखाई देती है। अब प्रश्‍न यह उठता है कि नकल रसीद कागज सं0-6/5 में एक बैटरी बेचा जाना दर्शाया गया है जबकि परिवादी द्वारा दाखिल बैटरी की रसीद कागज सं0-3/5 में 2 बैटरियां बेची जाने का उल्‍लेख है यह अन्‍तर क्‍यों है ? इसका उत्‍तर  परिवादी के साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-7/1 के पैरा-3 एवं परिवादी के  रिज्‍वाइंडर शपथ पत्र के कागज सं0-15/1 के पैरा सं0-6 में उल्लिखित   कथनों में मिलता है।  इन  पैराग्राफ  में  परिवादी  का  यह कथन कि  ‘’ शपथकर्ता ने दिनांक 02/4/2010 को ही दूसरी बैटरी ग्‍लोवार्म ....... जिसकी रसीद भी विपक्षी ने शपथकर्ता को दी थी । ‘’  से यह आभास होता है कि दिनांक 02/4/2010 को परिवादी ने विपक्षी से पहले एक बैटरी क्रमांक-1 खरीदी जिसकी विपक्षी ने रसीद बना दी। परिवादी ने बाद में दूसरी बैटरी क्रमांक-2 भी विपक्षी से खरीदी जिसका उल्‍लेख विपक्षी ने मूल रसीद कागज सं0-17/3 में तो कर दिया किन्‍तु दूसरी बैटरी का उल्‍लेख करते समय रसीद में विपक्षी ने कार्वन नहीं लगाया जिस कारण उसकी रसीद बुक में  अवस्थित रसीद की कार्वन कापी में दूसरी बैटरी का उल्‍लेख नहीं आ पाया। उपरोक्‍त कारण से और रसीद कागज सं0-3/5 में दोनों बैटरियों से  सम्‍बन्धित विवरण एक ही हस्‍तलेख में होने के कारण हम इस मत के हैं  कि दिनांक 02/4/2010 को रसीद कागज सं0-3/5 के माध्‍यम से विपक्षी ने  परिवादी को एक नहीं बल्कि 2 बैटरियां बेची थीं।
  17.   परिवादी के अनुसार रसीद कागज सं0-3/5 के क्रमांक-2 पर  उल्लिखित ग्‍लोवार्म बैटरी वारण्‍टी पीरिऐड में खराब हो गई जिसे विपक्षी ने अनुरोध के बावजूद बदलकर नहीं दिया है। हमारे अभिमत में परिवादी को  बैटरी ग्‍लोवार्म की कीमत अंकन 9400/- (नो हजार चार सौ रूपया) 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित विपक्षी से परिवादी को दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। इसके अतिरिक्‍त परिवाद व्‍यय के रूप में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) परिवादी को दिलाया जाना भी उचित होगा। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

   परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित 9400/- (नो हजार चार सौ रूपये) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और  विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवाद व्‍यय की मद में परिवादी  विपक्षी से 2500/-(दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का भी  अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त धनराशि की अदायगी एक माह  में परिवादी को की जायँ। यह धनराशि प्राप्‍त करने से पूर्व परिवादी रसीद कागज सं0-3/5 में क्रमांक-2 पर उल्लिखित बैटरी विपक्षी को वापिस करेगा।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     19.05.2016        19.05.2016        19.05.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 19.05.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       19.05.2016       19.05.2016        19.05.2016

 

 

 

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