Chhattisgarh

Korba

CC/14/70

Smt Bindu Jaiswal - Complainant(s)

Versus

Shakha Prabandhak SBI Gen Ins Co Ltd and Other - Opp.Party(s)

C B Patel

03 Mar 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Korba (Chhattisgarh)
 
Complaint Case No. CC/14/70
 
1. Smt Bindu Jaiswal
Mukam Po. Tarda,Thana - Urga, Tah&Distt-Korba
Korba
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Shakha Prabandhak SBI Gen Ins Co Ltd and Other
SBI NTPC Township, Jamnipali Shakha Code-7450,Post-Jamnipali Tah-Katghora
Korba
Chhattisgarh
2. Prabandhak SBI General Insurance Co Ltd
Natraj 101,102,103 junction of Western Express highway and Andheri Kurrla Road Andheri East Mumbai40069
Mumbai
Maharastra
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. C.L.PATEL PRESIDENT
 HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL MEMBER
 HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY MEMBER
 
For the Complainant:
Mr C B Patel
 
For the Opp. Party:
Mr Haroon Said
 
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम कोरबा (छ0ग0)

                                             प्रकरण क्रमांकः- CC/14/70

                                           प्रस्तुति दिनांकः-01/10/2014

समक्षः- छबिलाल पटेल, अध्यक्ष

                  श्रीमती अंजू गबेल, सदस्य

                  श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, सदस्य

 

बिंदू जायसवाल उम्र-33 वर्ष,

पति स्व0 श्री मोतीलाल जायसवाल, जाति-कलार,

निवासी मुकाम पोस्ट-तरदा, थाना-उरगा

तहसील व जिला-कोरबा (छ0ग0)..............................................................आवेदिका/परिवादिनी

 

                          विरूद्ध 

 

01.          शाखा प्रबंधक,

एस.बी.आई., जनरल इंश्‍योरेंस  कंपनी लिमिटेड,

पता-एस.बी.आई., एन.टी.पी.सी. टाऊनशिप , जमनीपाली,

शाखा कोड-7450, पोस्ट-जमनीपाली

तहसील-कटघोरा व जिला-कोरबा (छ0ग0)

 

02.          प्रबंधक,

एस.बी.आई., जनरल इंश्‍योरेंस  कंपनी लिमिटेड,

पता-नटराज 101,102,103 जक्षन आफ वेस्र्टन एक्सप्रेस

हाईवे एण्ड अंधेरी कुर्ला रोड अंधेरी ईस्ट मुंबई - 400069

...........................................................................................अनावेदकगण/विरोधीपक्षकारगण

 

आवेदिका द्वारा श्री सी.बी. पटेल अधिवक्ता।

अनावेदकगण द्वारा श्री हारून सईद अधिवक्ता।

 

आदेश

           (आज दिनांक 03/03/2015 को पारित)

 

01.               परिवादी/आवेेदिका ने अपने पति मोतीलाल जायसवाल के द्वारा अनावेदकगण की शाखा जमनीपाली, कोरबा स्थित एस.बी.बाई. लाईफ इंश्‍योरेंस  की बीमा पालिसी  की राशि  4,00,000/-रू0 उक्त मोतीलाल जायसवाल की आकस्मिक मृत्यु हो जाने के बाद भी अनावेदकगण के द्वारा भुगतान नहीं कर सेवा में कमी किये जाने के आधार पर उक्त बीमाधन राशि , शारीरिक, मानसिक परेषानी बाबत् क्षतिपूर्ति के रूप में राशि  1,00,000/-रू0 तथा वाद व्यय एवं ब्याज की राशि  दिलाये जाने हेतु, यह परिवाद-पत्र धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रस्तुत किया है।

 

02.                          यह स्वीकृत तथ्य है कि मोतीलाल जायसवाल के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 की शाखा से अपने जीवन काल में एस.बी.आई. लाईफ इंश्‍योरेंस  की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी   दिनांक  26/06/2013 को एकल प्रीमियम की राशि  100/-रू0 का भुगतान कर प्राप्त किया गया था। जिसके संबंध में बीमा पालिसी  क्रमांक 137300-0000-00 प्रमाण-पत्र संख्या 47930532 जारी किया गया था। जिसमें आवेदिका बिंदू जायसवाल को नामिनी के रूप में नामांकित किया गया था। उक्त मोती लाल की मृत्यु दिनांक 19/01/2014 को हो चुकी है। शेश  बातें विवादित है।

 

03.                          परिवादी/आवेदिका का परिवाद-पत्र संक्षेप में इस प्रकार है कि उसके पति मोतीलाल जायसवाल के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 की शाखा से अपने जीवन काल में एस.बी.आई. लाईफ इंश्‍योरेंस  की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी   दिनांक  26/06/2013 को एकल प्रीमियम की राशि  100/-रू0 का भुगतान अपने बचत खाता से करने द्वारा प्राप्त किया था। जिसके संबंध में बीमा पालिसी  क्रमांक 137300-0000-00 प्रमाण-पत्र संख्या 47930532 जारी किया गया था। उपरोक्त बीमा पालिसी  के संबंध में आवेदिका बिंदू जायसवाल को नामिनी के रूप में नामांकित किया गया था। आवेदिका का पति मोतीलाल प्रायवेट कंपनी में ठेका श्रमिक का कार्य करता था। ग्राम-तरदा, जिला-कोरबा में मोतीलाल जायसवाल अपने घर में दिनांक 15/01/2014 को था, उस समय रात्रि करीब 11 बजे उसी गांव के मनमोहन, अमरनाथ, बजरंग कौशिक  लोग एक राय होकर उसके घर पहुंचे और दरवाजा को जोर से खटखटाकर खुलवाये उस समय आवेदिका के पति के द्वारा दरवाजा खोलने पर उक्त तीनों व्यक्तियों ने मोतीलाल को गाली-गलौज करते हुए धक्का-मुक्की एवं मारपीट किया और उनके बताये अनुसार नवधा रामायण की सभा में नहीं बोलने की स्थ्‍िाति में उसको जान से मारने की धमकी दिया है। उस समय की घटना से एकाएक मोतीलाल जायसवाल डर व भय के कारण बेहोश  होकर जमीन पर गिर गया। तब उसे उपचार के लिए पड़ोसियों की मदद से एन.टी.पी.सी. अस्पताल जमनीपॉली में भर्ती कराया गया। जहॉं  उसे आईसीयू रूम में भर्ती किया गया और वहॉं  पर उसका उपचार किया गया। उक्त घटना की सूचना आवेदिका के द्वारा दिये जाने पर थाना में दिनांक 17/01/2014 को अपराध क्रमांक 43/2014 दर्ज किया गया था। आवेदिका के पति मोतीलाल जायसवाल का अस्पताल में इलाज के दौरान दिनांक 19/01/2014 को मृत्यु हो गयी। आवेदिका ने अपने पति के दुर्घटनाजनक मृत्यु के संबंध में 4,00,000/-रू0 बीमाधन राशि  प्राप्त करने हेतु दावा संबंधित कागजातों सहित अनावेदक क्रमांक 01 के पास पेश  किया। आवेदिका के द्वारा कई बार निवेदन किये जाने एवं विधिक नोटिस दिये जाने पर भी अनावेदकगण के द्वारा उसे बीमाधन राशि  का भुगतान नहीं किया गया। जिससे आवेदिका को आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक क्षति हुई। इसलिए उपरोक्त बीमाधन राशि  एवं मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि  1,00,000/-रू0 ब्याज सहित प्राप्त करने एवं वाद व्यय दिलाये जाने हेतु यह परिवाद-पत्र प्रस्तुत किया गया है।

               

04.                          अनावेदकगण के द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा स्वीकृत तथ्य के अलावा संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदिका के पति मोतीलाल जायसवाल के नाम पर विवादित व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी  जारी किया गया था। उसमें आकस्मिक दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर ही बीमाधन राशि  दिये जाने का प्रावधान है। उक्त बीमा पालिसी  के अंतर्गत बीमित व्यक्ति के सामान्य मृत्यु होने पर बीमाधन राशि  नहीं दी जा सकती है। आवेदिका के ही दस्तावेजों के अनुसार उसके पति के साथ अपराध करने वाले के विरूद्ध थाना में रिपोर्ट दर्ज कराये जाने पर पुलिस के द्वारा कार्यवाही की गयी। इस प्रकार मोतीलाल की मृत्यु का कारण उसका अपराधिक मानवबध अथवा हत्या होना है। ऐसे मामले में बीमा शर्तो के अनुसार आवेदिका बीमाधन राशि  प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। आवेदिका के  द्वारा अपने पति की दुर्घटनात्मक मृत्यु बताकर क्षतिधन राशि  प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए आवेदिका के द्वारा प्रस्तुत परिवाद-पत्र को स्वीकार किये जाने योग्य नहीं होने से निरस्त किया जाये।

 

05.                          परिवादी/आवेदिका की ओर से अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्तोवज तथा स्वयं का शपथ-पत्र दिनांक 24/09/2014 का पेश किया गया है। अनावेदकगण के द्वारा जवाबदावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेजांे के साथ मनीष केरकर, मैनेजर लीगल, एस.बी.आई. जनरल इंष्योरेंस कपनी लिमिटेड मुंबई (महाराष्ट्र) का शपथ-पत्र पेश  किया गया है। उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।  

 

06.              मुख्य विचारणीय प्रश्‍न है कि:-        

    क्या परिवादी/आवेदिका द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद-पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है ?

 

07.                          आवेदिका की ओर से प्रस्तुत दस्तोवज क्रमांक ए-2 प्रथम सूचना प्रतिवेदन थाना-उरगा, जिला-कोरबा के अपराध क्रमांक 43/14 की फोटोप्रति है, जिसमें  आवेदिका के रिपोर्ट के अनुसार दिनांक 15/01/2014 को लगभग 11 बजे रात्री में ग्राम तरदा में आवेदिका के घर उसी गांव के मनमोहन, अमरनाथ, बजरंग कौशिक  लोगों ने दरवाजा को खटखटाया और मोतीलाल जायसवाल के द्वारा दरवाजा खोलकर घर से बाहर आने पर उन तीनों व्यक्तियों ने नवधा रामायाण की सभा में अपने पक्ष में नहीं बोलने की स्थिति में उसे जान से मारने की धमकी दिया, उपरोक्त तीनों व्यक्तियों ने उस समय मोतीलाल जायसवाल के साथ धक्का-मुक्की, गाली-गलौच किया उस समय धक्का मुक्की लगने के कारण मोतीलाल अचानक बेहोश  होकर गिर पड़ा उसके बाद एन.टी.पी.सी. अस्पताल जमनीपाली में ले जाकर उक्त मोतीलाल जायसवाल को भर्ती कराया गया। जहॉं  पर उसकी इलाज केे दौरान दिनांक 19/01/2014 को उक्त मोतीलाल की मृत्यु हो जाना बताया गया है। 

 

08.                          आवेदिका के द्वारा उपरोक्त रिपोर्ट के अलावा उक्त थाने की पुलिस अंतिम जांच निष्कर्ष प्रतिवेदन की फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक ए-3, मर्ग सूचना की फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक ए-4 एवं बिना नंबरी मर्ग सूचना दस्तावेज क्रमांक ए-4ए है। मोतीलाल जायसवाल के शव परीक्षण हेतु थाना-दर्री से आवेदन पत्र एक सौ शैय्या चिकित्सालय कोरबा को भेजा गया जो दस्तावेज क्रमांक ए-5 है। उक्त मृतक का शव परीक्षण रिपोर्ट दस्तावेज क्रमांक ए-5ए का भी प्रस्तुत किया गया है। जिसमें चिकित्सक के द्वारा उसकी मृत्यु का कारण बे्रन हेमरेज होना दर्शित  है। आवेदिका के द्वारा एन.टी.पी.सी. अस्पताल में दिनांक 16/01/2014 को मोतीलाल जायसवाल को भर्ती किये जाने के बाद इलाज किये जाने से संबंधित दस्तावेज क्रमांक ए-6 है, उसी के साथ संलग्न दस्तावेज क्रमांक ए-6ए से ए-6एक्स तक भी इलाज से संबंधित है। इसी में दस्तावेज क्रमांक ए-6आई का दस्तावेज मूलाहिजा रिपोर्ट है, जिसमें कोई वाह्य चोट दिखाई नहीं देना बताया गया है। मोतीलाल जायसवाल की मृत्यु दिनांक 19/01/2014 को होने के  संबंध में प्रमाण-पत्र दस्तावेज क्रमांक ए-1 का छ0ग0 शासन के द्वारा जारी की गयी है।

 

09.                          मोतीलाल जायसवाल के संबंध में व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी  जारी होने के संबंध में कन्फरमेश न सूचना-पत्र दस्तावेज क्रमांक ए-8बी का अनावेदक बीमा कंपनी के द्वारा प्रेषित किया गया था, जो मोतीलाल जायसवाल के बचत खाता क्रमांक 31376295814 दस्तावेज क्रमांक ए-9 के संबंध में है। जिसमें 100/-रू0 उक्त खाते से बीमा प्रीमियम की राशि  काटी गयी थी, जिसमें बीमा प्रमाण-पत्र की संख्या भी दर्शित  है। दस्तावेज क्रमांक ए-8सी उसी बीमा पालिसी  की शर्त से संबंधित दस्तावेज हैं। आवेदिका के पति मोतीलाल जायसवाल की समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी  जिसका नंबर 17300-0000-00 तथा सर्टिफिकेट नंबर 47930532 होना बताया गया है, उसके संबंध में आवेदिका ने दावा प्रपत्र बीमाधन राशि  प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत की थी, जो दस्तावेज क्रमांक ए-8 है। अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से आवेदिका के दावा प्रपत्र के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुति हेतु पत्र दिनांक 05/03/2014 को आवेदिका को प्रेषित किया गया था उसकी फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक ए-7 है, जिसके आधार पर दस्तावेज क्रमांक ए-8 का दावा प्रपत्र दिनांक 25/03/2014 को आवेदिका के द्वारा प्रस्तुत किया जाना बताया गया है।

 

10.                          आवेदिका के दावा प्रपत्र के संबंध में अनावेदकगण की ओर से दस्तावेज क्रमांक डी-1 का प्रस्तुत किया गया है जो व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी - पालिसी शेड्यूल से संबंधित है। जिसमें समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी की शर्ते भी दर्शायी गयी है। अनावेदकगण के उपरोक्त दस्तावेज के अनुसार दुर्घटना की परिभाषा दी गयी है जो निम्नानुसार है-

                                Accident- means a sudden, unforeseen and unexpected event coused by external, violent and visible means and resulting in physical bodily injury. 

 इसी तरह उपरोक्त दस्तावेज में एक्सीडेंटल डेथ अर्थात् दुर्घटनात्मक मृत्यु के बारे में बीमा कव्हर होना बताते हुए इस तरह की मृत्यु उक्त बीमा पालिसी  की अवधि में होने पर बीमित राशि  का भुगतान किया जाना दर्शित  है। वर्तमान मामले में मोतीलाल जायसवाल की मृत्यु होने के कारणों को दर्शाने  के लिए आवेदिका की ओर से थाने में की गयी रिपोर्ट प्रथम सूचना पत्र, शव परीक्षण रिपोर्ट तथा चिकित्सा संबधी दस्तावेज पेश  किये गये है। उसको अनावेदकगण की ओर से खंडित नहीं किया जा सका है।

  

11.                          अनावेदकगण की ओर से तर्क किया गया है कि आवेदिका के पति मोतीलाल जायसवाल की मृत्यु बीमारी के कारण स्वाभाविक रूप से हुई है, उसे दुर्घटनात्मक मृत्यु नहीं माना जा सकता है। इसलिए आवेदिका के दावा प्रपत्र को बीमाधन राशि भुगतान योग्य नहीं होना पाते हुए अस्वीकार कर दिया गया है।    

  

12.                          आवेदिका की ओर से तर्क किया गया है कि उसकी पति मोतीलाल जायसवाल को दिनांक 15/01/2014 की रात्रि में करीब 11 बजे उसके साथ गांव के तीन लोगों के द्वारा धमकाये जाने धक्का-मुक्की करने, गाली-गलौच करने के समय गिर जाने और बेहोश हो जाने के बाद एन.टी.पी.सी. अस्पताल में इलाज के दौरान दिनांक 19/01/2014 को मृत्यु हो जाना प्रमाणित है। ऐसी स्थिति में मोतीलाल जायसवाल की मृत्यु को सामान्य मृत्यु नहीं माना जा सकता है। आवेदिका की ओर से उपरोक्त आधार पर तर्क किया गया है कि बीमा पालिसी  के शर्तो के अनुसार उसकी पति की मृत्यु दुर्घटनात्मक मृत्यु होने के कारण बीमाधन राशि  4,00,000/-रू0 का भुगतान अनावेदकगण की ओर से नहीं किये जाने के कारण सेवा में कमी की गयी है, अतः आवेदिका के परिवाद-पत्र को स्वीकार कर क्षतिपूर्ति की राशि  भी दी जावे।

   

13.                          उभय पक्ष के द्वारा प्रस्तुत की गयी दस्तावेजी साक्ष्य एवं शपथ-पत्र के आधार पर स्पष्टरूप से पाया जाता है कि आवेदिका के पति मोतीलाल जायसवाल की मृत्यु स्वाभाविक न होकर दुर्घटनात्मक मृत्यु है जैसा कि अनावेदकगण के द्वारा जारी मोतीलाल जायसवाल के संबंध में समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी  में शर्ते दर्शायी  गयी है। इसलिए अनावेदकगण के द्वारा आवेदिका के बीमा दावा प्रपत्र को स्वीकार न कर सेवा में कमी किया जाना पाया जाता है। उपरोक्त कारणों से आवेदिका को मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि  भी प्राप्त करने की अधिकारी होना पाया जाता है।  

 

14.                          अतः मुख्य विचारणीय प्रश्‍न  का निष्कर्ष ’’हॉं  ’’ में दिया जाता है। 

15.                          तद्नुसार परिवादी/ आवेदिका बिंदू जायसवाल की ओर से प्रस्तुत इस परिवाद-पत्र को धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत स्वीकार करते हुए उनके पक्ष में एवं अनावेदकगण के विरूद्ध निम्नानुसार अनुतोष प्रदान किया जाता है और आदेश दिया जाता है किः-

 

अ.    आवेदिका को उसके पति मोतीलाल जायसवाल की दुर्घटनात्मक मृत्यु होने के कारण समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी  दस्तावेज क्रमांक ए-8बी से संबंधित सूचना के आधार पर बीमाधन राशि  4,00,000/-रू0 का भुगतान अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः आज से 02 माह के अंदर करें। उक्त बीमाधन राशि  पर आवेदिका के द्वारा दावा प्रपत्र प्रस्तुति दिनांक 25/03/2014 से उसके भुगतान तक के लिए 09 प्रतिशत की वार्षिक दर से ब्याज भी प्रदान करें।

 

ब.    उपरोक्त आदेश  के पालन में त्रुटी किये जाने पर बीमाधन राशि  4,00,000/-रू0 के संबंध में 12 प्रतिश त् की दर से वार्षिक ब्याज का भुगतान अनावेदकगण के द्वारा किया जाना होगा।

 

स.    आवेदिका को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रू0 (दस हजार रूपये) अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः प्रदान करें।

 

द.    आवेदिका को वाद व्यय के रूप में 2000/-रू0(दो हजार रूपये) अनावेदकगण संयुक्त रूप से एवं पृथकतः प्रदान करें।

(छबिलाल पटेल)                  (श्रीमती अंजू गबेल)       (राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय)    

    अध्यक्ष                   सदस्य                   सदस्य

 
 
[HON'ABLE MR. C.L.PATEL]
PRESIDENT
 
[HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL]
MEMBER
 
[HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY]
MEMBER

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