जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जशपुर (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक :-CC/05/2015
प्रस्तुति दिनांक :-09/04/2015
मनोज कुमार अग्रवाल
आत्मज श्री पुरूषोत्तम दास अग्रवाल
ग्राम कुनकुरी, जिला-जशपुर (छ.ग.) ..................परिवादी/आवेदक
( विरूद्ध )
1. शाखा प्रबंधक,
दि ओरिएन्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड,
अम्बेडकर चौक अम्बिकापुर
जिला सरगुजा छ.ग.
2. शाखा प्रबंधक,
दि ओरिएन्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड,
डिवीजन कार्यालय-1,
सरकुलर रोड लालपुर रांची
जिला रांची (झारखण्ड)...... ... विरोधी पक्षकार/अनावेदकगण
///आदेश///
( आज दिनांक 25/11/2016 को पारित)
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद विरूद्ध पक्षकार/अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी करने के आधार पर सर्वेयर द्वारा निर्धारित क्लेम राशि 31,659/-रू., अधिवक्ता नोटिस खर्च 4,000/-रू., वाद व्यय 10,000/-रू. कुल 45,659/-रू. तथा उक्त राशि पर 2 जुलाई 2013 से वाणिज्यिक बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दिलाए जाने हेतु दिनांक 09.04.2015 को प्रस्तुत किया है।
2. स्वीकृत तथ्य है कि :-
1. परिवादी ने अपने स्वामित्व की वाहन टवेरा पंजीयन क्रमांक व्त्.15ै.7129 का अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी में दिनांक 06.05.2013 से 05.05.2014 तक के लिए पैकेज पॉलिसी के तहत बीमा किया था।
2. परिवादी की वाहन दिनांक 14.06.2013 को दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुर्घटना बीमा दावा अनावेदक बीमा कंपनी में प्रस्तुत किया था।
3. अ. परिवाद के निराकरण के लिए आवश्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/आवेदक वाहन क्रमांक व्त्.15ै.7129 (टवेरा) का पंजीकृत स्वामी है। उक्त वाहन का बीमा अनावेदक द्वारा दिनांक 06.05.2013 से 05.05.2014 तक के लिए किया गया था तथा पालिसी जारी की गई थी। उक्त वाहन दिनांक 14.06.2013 को ग्राम रामबांध (लोरो घाट) में थाना जशपुर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसकी सूचना परिवादी ने अनावेदक क्रमांक 1 को देते हुए क्लेम भुगतान का निवेदन किया, जिस पर अनावेदक क्रमांक 1 ने कहा कि ’’चूंकि अम्बिकापुर में उक्त वाहन की कंपनी का शोरूम नहीं है इसलिए परिवादी अपनी सुविधा अनुसार जहां टवेरा (सेवर्लेट) कंपनी का शो रूम है वहां से वाहन सुधार करवा कर वहीं के सर्वेयर से सर्वे कराकर वहां के दि ओरिएन्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में आवश्यक दस्तावेज की खानापूर्ति करावे।’’ परिवादी ने अनावेदक क्रमांक 1 के निर्देशानुसार झारखण्ड के रांची शाखा अनावेदक क्रमांक 2 को सूचना देकर वहां के सर्वेयर से वाहन का सर्वे कराया तथा रांची में ही राहुल आटो मोबाईल्स में अपनी वाहन का सुधार कराया।
ब. अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा कार्यवाही प्रारंभ कर परिवादी को रांची शाखा अनावेदक क्रमांक 2 द्वारा सूचित किया गया कि वाहन का 31,659/-रू. का क्लेम प्रकरण तैयार कर अम्बिकापुर शाखा अनावेदक क्रमांक 1 को प्रेषित कर दी गई है तथा उक्त क्लेम प्रकरण रांची शाखा से अम्बिकापुर शाखा के लिए दिनांक 23.09.2013 को भेजी गई है। अनावेदक क्रमांक 1 से उक्त क्लेम राशि का भुगतान करने को कहने से गोल मोल जवाब दिया जा रहा है। आज पर्यन्त तक परिवादी को क्लेम राशि का भुगतान नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा अनावेदक से कई बार मौखिक निवेदन किया गया तथा दिनांक 09.04.2014 को परिवादी द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से पंजीकृत डाक से विधिक सूचना प्रेषित करवाया गया किंतु शिकायत का निवारण नहीं किया गया। अतः परिवादी/आवेदक ने यह परिवाद प्रस्तुत कर अनावेदक से सर्वेयर द्वारा निर्धारित क्लेम राशि 31,659/-रू., अधिवक्ता नोटिस खर्च 4,000/-रू., वाद व्यय 10,000/-रू. कुल 45,659/-रू. तथा उक्त राशि पर 2 जुलाई 2013 से वाणिज्यिक बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दिलाए जाने की प्रार्थना किया है।
4. अनावेदक क्रमांक 1 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्य को छोड़ शेष तथ्य को इंकार करते हुए अभिकथन किया है कि आवेदक द्वारा प्रेषित पंजीकृत डाक द्वारा धारा 80 व्य.प्र.संहिता की विधिक सूचना अनावेदक क्रमांक 1 को प्राप्त नहीं हुई है और उक्त सूचना की जानकारी नहीं है। दुर्घटना के पश्चात दुर्घटना की सूचना अनावेदक क्रमांक 1 को नहीं दी गई है और न ही दुर्घटना की रिपोर्ट थाना में लेखबद्ध कराई गई है। उक्त वाहन का बीमा की फोटोप्रति अनावेदक क्रमांक 1 को दी गई है, जिसका सत्यापन के पश्चात स्पष्ट जवाब दिया जाना संभव है। विधि अनुसार देखा जाए तो उक्त वाहन का बीमा यदि अम्बिकापुर बीमा कार्यालय से बीमित था तो अम्बिकापुर कार्यालय में अपना दावा क्लेम फार्म भरा जाना चाहिए था और अम्बिकापुर शाखा के अधिकृत सर्वेयर से उक्त वाहन का सर्वे रिपोर्ट तैयार कराया जाकर वाहन का मरम्मत कराया जाना चाहिए था, किंतु ऐसा न कर आवेदक ने अपने मनमाने तौर पर वाहन का मरम्मत कराया, जिसके लिए आवेदक जिम्मेदार है। आवेदक ने भिन्न-भिन्न मदां के तहत राशि की अभियाचना किया है जो कि वह पाने का अधिकारी नहीं है। फलतः आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन अनावेदक क्रमांक 1 के विरूद्ध सव्यय निरस्त किए जाने का निवेदन किया है।
5. अनावेदक क्रमांक 2 अनुपस्थित।
6. परिवाद पर परिवादी एवं अनावेदक क्रमांक 1 के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिशीलन किया गया है ।
7. विचारणीय प्रश्न यह है कि :-
क्या अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने परिवादी/आवेदक के विरूद्ध सेवा में कमी किया है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रश्न का सकारण निष्कर्ष :-
8. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज राहूल आटो मोबाईल्स का रिटेल इन्व्हाइस दस्तावेज क्रमांक 1, केश रिसिव्हड दस्तावेज क्रमांक 2, धारा 80 का नोटिस दस्तावेज क्रमांक 3, नोटिस प्रेषित करने की डाक रसीद दस्तावेज क्रमांक 4, दिन ओरिएंटल इंश्योरेंस कं.लि. का एक्नॉलेजमेंट दस्तावेज क्रमांक 5, बीमा पालिसी दस्तावेज क्रमांक 6, वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 7, दि ओरिएंटल इंश्योरेष कंपनी लिमिटेड का रिसिप्ट दस्तावेज क्रमांक 8, दि ओरिएंटल इंश्योरेष कंपनी लिमिटेड शाखा अंम्बिकापुर जिला सरगुजा द्वारा परिवादी को सेटलमेंट हेतु लिखा गया पत्र दस्तावेज क्रमांक 9, डिस्चार्ज व्हाउचर दस्तावेज क्रमांक 10 प्रस्तुत किया है।
9. स्वीकृत तथ्य अनुसार परिवादी के स्वामित्व की वाहन टवेरा जिसका पंजीयन क्रमांक व्त्.15ै.7129 है का अनावेदक क्रमांक 1 ने दिनांक 06.05.2013 से 05.05.2014 तक के लिए पैकेज पॉलिसी के तहत बीमा किया था। परिवादी ने सूची अनुसार दस्तावेजों में वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 7, बीमा पालिसी दस्तावेज क्रमांक 6 एवं 8 प्रस्तुत किया है। परिवादी ने उक्त बीमित वाहन दिनांक 14.06.2013 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसकी सूचना बीमा कंपनी को देकर दुर्घटना दावा पत्र प्रस्तुत किया था बतलाया है, जिसकी पुष्टि अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा परिवादी को दिए पत्र दिनांक 16.12.2015 दस्तावेज क्रमांक 9 एवं 10 से होता है। इस प्रकार उक्त दस्तावेजी प्रमाण से परिवादी अनावेदक बीमा कंपनी का उपभोक्ता होना स्थापित, प्रमाणित है।
10. परिवादी ने उसके स्वामित्व की वाहन टवेरा क्रमांक व्त्.15ै.7129
का दिनांक 14.06.2013 को दुर्घटनाग्रस्त होने से अनावेदक क्रमांक 1 बीमा कंपनी को सूचित किया तथा उसके निर्देश पर वाहन मरम्मत के लिए झारखण्ड के रांची शाखा में सूचना देकर सर्वेयर से वाहन का सर्वे कराकर राची में ही राहुल आटो मोबाईल्स से अपनी वाहन का सुधार कराया बताया। परिवादी ने राहुल आटो मोबाईल्स का रिटेल इनवाइस दस्तोवज क्रमांक 1 प्रस्तुत किया है तथा परिवादी ने वाहन के सुधार का खर्च 31,659/-रू. राहुल आटो मोबाईल्स को भुगतान करने की रसीद दस्तावेज क्रमांक 2 प्रस्तुत किया है। उक्त दस्तावेजी प्रमाण से परिवादी के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसकी सुधार में कुल 31,659/-रू. खर्च हुई, जिसका उसने राहुल आटो मोबाईल्स को भुगतान कर दिया है, दस्तावेजी साक्ष्य से प्रमाणित किया है।
11. परिवादी ने उसके स्वामित्व की वाहन की बीमित अवधि में दुर्घटना होने पर अनावेदक क्रमांक 1 के समक्ष दुर्घटना दावा पत्र प्रस्तुत किया था, जिसकी पुष्टि अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा परिवादी दिए पत्र दिनांक 16.12.2015 दस्तावेज क्रमांक 9 से होती है। अनावेदक क्रमांक 1 ने दस्तावेज क्रमांक 9 के पत्र द्वारा परिवादी को दस्तावेज क्रमांक 10 का डिस्चार्ज व्हाउचर प्रेषित किया है, जिसके अनुसार 22,500/-रू. में दावा सेटलमेंट करने का तथ्य उल्लेखित किया है।
12. परिवादी की ओर से तर्क किया गया है कि उसने बीमा अवधि में दुर्घटना ग्रस्त वाहन का सर्वेयर के रिपोर्ट एवं जांॅच पश्चात राहुल आटो मोबाईल्स से वाहन का सुधार कराया था, जिसमें 31,659/-रू. खर्च हुई थी, जिसका उसने दस्तावेज क्रमांक 2 का रसीद राशि भुगतान कर प्राप्त किया था। अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा किस आधार पर 22,500/-रू. में बीमा दावा को सेटल करने का पत्र दस्तावेज क्रमांक 9 एवं 10 प्रस्तुत किया है, स्पष्ट नहीं किया है, जबकि वाहन सुधार हेतु किए गए वास्तविक खर्च परिवादी प्राप्त करने का अधिकारी है।
13. अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने वाहन मरम्मत का खर्च 31.659/-रू. दिलाए जाने का निवेदन किया है। परिवाद प्रस्तुत करने के पूर्व परिवादी ने अनावेदकगण को पंजीकृत नोटिस दस्तावेज क्रमांक 3 भिजवाया था, जिसकी डाक रसीद एवं पावती परिवादी ने दस्तावेज क्रमांक 5 प्रस्तुत किया है, जिसके विरूद्ध अनावेदक क्रमांक 1 ने 22,500/-रू. में दावा सेटल किए जाने का पत्र परिवादी को दिया है। इस प्रकार 22,500/-रू. में फुल एण्ड फाइनल सेटलमेंट किए जाने का पत्र अनावेदक क्रमांक 1 ने परिवादी को दिया है। उक्त राशि पर ही समझौता किए जाने का आधार स्पष्ट नहीं किया गया है।
14. उपरोक्त अनुसार बीमा अवधि में वाहन दुर्घटना से पैकेज पॉलिसी के तहत परिवादी दुर्घटनाग्रस्त वाहन के सुधार का वास्तविक खर्च 31,659/-रू. प्राप्त करने का अधिकारी है। परिवादी द्वारा दुर्घटना दावा प्रस्तुत करने के बाद भी दावा पत्र का निराकरण नहीं किया । परिवादी द्वारा विधिक सूचना भेजे जाने के बाद भी परिवादी को दावा का भुगतान नहीं किया गया। परिवादी द्वारा उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किए जाने के बाद दिनांक 16.12.2015 को अनावेदक क्रमांक 1 ने वाहन के सुधार एवं मरम्मत खर्च 31,659/-रू. के विरूद्ध 22,500/-रू. में दावा सेटल करने का पत्र देने से हम पाते हैं कि परिवादी के विरूद्ध अनावेदक बीमा कंपनी ने सेवा में कमी किया है, तद्नुसार विचारणीय प्रश्न का निष्कर्ष ’’प्रमाणित’’ में हम देते हैं।
15. अनावेदकगण के विरूद्ध परिवाद पत्र में परिवादी ने क्लेम राशि 31,659/-रू., अधिवक्ता का नोटिस खर्च 4,000/-रू. एवं वादव्यय 10,000/-रू. कुल 45,659/-रू. तथा उक्त राशि पर 2 जुलाई 2013 से वाणिज्यिक बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दिलाए जाने का निवेदन किया है।
16. परिवादी ने दावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत किया है। दस्तावेज क्रमांक 1 एवं 2 से परिवादी ने अपने वाहन के सुधार का खर्च 31,659/-रू. किया है, जिसे परिवादी अनावेदक बीमा कंपनी से पाने का अधिकारी है। परिवादी ने अधिवक्ता नोटिस खर्च 4,000/-रू. दिलाए जाने का निवेदन किया है। परिवादी ने पंजीकृत नोटिस के लिए 4,000/-रू. अधिवक्ता को भुगतान किए जाने का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है।
17. परिवादी ने बीमित अवधि में वाहन दुर्घटना होने से बीमा दावा प्रस्तुत किया, जिसका भुगतान अब तक उसे प्राप्त नहीं हुआ है तथा दस्तावेज क्रमांक 9 एवं 10 द्वारा 22,500/-रू. में सेटलमेंट किए जाने का तथ्य बतलाया है, जिससे प्रतिकर दिलाए जाने योग्य है।
18. अतः अनावेदकगण के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद में अनावेदक क्रमांक 1 के विरूद्ध परिवाद स्वीकार करने योग्य हम पाते हैं तथा अनावेदक क्रमांक 1 के विरूद्ध परिवाद स्वीकार करते हैं तथा निम्न लिखित निर्देश देते हैं :-
अ. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार क्रमांक 1 बीमा कंपनी, परिवादी को दुर्घटना बीमा दावा राशि 31,659/-रू (इक्तीस हजार छः सौ उन्सठ रूपये) एक माह के भीतर भुगतान करेगा।
ब. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार बीमा कंपनी प्रतिकर स्वरूप 5,000/-रू. ( पॉच हजार रूपये) 1 माह के भीतर परिवादी को भुगतान करेगा।
स. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार बीमा कंपनी, परिवादी को परिवाद व्यय 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) का भुगतान एक माह के भीतर करेगा।
(श्रीमती अनामिका नन्दे) (संजय कुमार सोनी) (बी0पी0पाण्डेय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रति. जिला उपभोक्ता विवाद प्रति. जिला उपभोक्ता विवाद प्रति.
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