Uttar Pradesh

StateCommission

A/1493/2016

Authorized Dealer (Mobile) Madhur Milan Telecom - Complainant(s)

Versus

Shailesh Kumar Pandey and anOth - Opp.Party(s)

Arun Kumar Singh Parihar

07 Dec 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1493/2016
(Arisen out of Order Dated 28/08/2015 in Case No. C/298/2014 of District Amethi)
 
1. Authorized Dealer (Mobile) Madhur Milan Telecom
Amethi
...........Appellant(s)
Versus
1. Shailesh Kumar Pandey and anOth
Amethi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 07 Dec 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-1493/2016

                                              (मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, अमेठी द्वारा परिवाद संख्‍या 298/2014 में पारित आदेश दिनांक 28.08.2015 के विरूद्ध)

Authorized Dealer (Mobile) Madhur Milan Telecom,

Through its Proprietor Ankesh Kumar Kasodhan,

Durgapur Road, Tahsil and District Amethi.                                      

                             ...................अपीलार्थी/विपक्षी सं01

बनाम

1. Shailesh Kumar Pandey, Son of Shri Jagdish  Narayan   

   Pandey, Resident of Village-Balipur Khurdwa, Pargana,               

   Tahsil and District-Amethi.

2. Manager,  Vishal  Vedios  Appliances,   private   Ltd.

   1/6 Gokhley Road, Opposite Red Hill School, Lucknow.

                   .................प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी एवं विपक्षी सं02

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण कुमार सिंह परिहार,                  

                           विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 07-12-2017         

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-298/2014 शैलेश कुमार पाण्‍डेय बनाम अधिकृत विक्रेता (मोबाइल) मधुर मिलन टेलीकाम दुर्गापुर रोड अमेठी व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, अमेठी द्वारा पारित निर्णय और आदेश  दिनांक  28.08.2015 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

 

 

-2-

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

     ''परिवादी का परिवाद विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 को आदेशित किया जाता है कि वह आदेश पारित  होने के एक माह के अन्‍दर परिवादी को मोबाइल की कीमत                रूपया-8000/-(आठ हजार रूपये) व मानसिक वेदना के रूप में             रू0-2000/- (दो हजार रूपये) एवं वाद व्‍यय के रूप में रू0- 500/-(पॉंच सौ रूपये) कुल रूपया- 10500/- (दस हजार पॉंच सौ रूपये) अदा करे। उक्‍त धनराशि आदेशानुसार अदा न करने पर वाद दायर करने की तिथि 3-11-14 से वास्‍तविक अदायगी तक कुल धनराशि पर 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज की दर से ब्‍याज भी देय                           होगा।''

जिला फोरम के आक्षेपित निर्णय और आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी संख्‍या-1 अधिकृत विक्रेता (मोबाइल) मधुर मिलन टेलीकाम दुर्गापुर रोड अमेठी ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरूण कुमार सिंह परिहार उपस्थित आए हैं। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता उपस्थित होकर अनुपस्थित हो गए हैं और अपील की सुनवाई के समय अनुपस्थित रहे हैं। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-2 पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना गया है फिर भी वह उपस्थित नहीं आए हैं।

 

 

 

-3-

मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 से एक मोबाइल हैण्‍ड सेट 9000/-रू0 में क्रय किया। मोबाइल में चार्जिंग की समस्‍या आ गयी, जिसकी शिकायत उसने अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 से किया। तब चार्जर की केबिल में कार्बन आने की बात कहकर चार्जर की केबिल/वायर बदलकर दे दी गयी, परन्‍तु मोबाइल में चार्जिंग की समस्‍या बरकरार रही। अत: परेशान होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी मोबाइल लेकर अक्‍टूबर 2014 के पहले सप्‍ताह में अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के पास गया और मोबाइल में चार्जिंग की समस्‍या बताया तब अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने मोबाइल उससे प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 के पास सुधार हेतु भेजने के लिए ले लिया और जब 15 दिन के बाद प्रत्‍यर्थी/परिवादी पुन: अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के पास गया तो वाटर डैमेज की बात कहकर पालीथीन में लपेटकर मोबाइल उसे वापस कर दिया, जबकि प्रत्‍यर्थी/परिवादी का सेट कभी भी पानी में नहीं गिरा था और यह उसने बताया तब अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा पसीने से खराब होने का हवाला दिया गया और प्रत्‍यर्थी/परिवादी के मोबाइल की समस्‍या का निराकरण नहीं किया गया। अत: विवश होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत कर कथन किया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उससे  मोबाइल

 

 

-4-

9000/-रू0 में दिनांक 25.07.2014 को क्रय किया है। मोबाइल की बैटरी की शिकायत लेकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी उसकी दुकान पर आया था तो मोबाइल सेट बैटरी सहित उसने ले लिया और कम्‍पनी को भेज दिया, परन्‍तु कम्‍पनी द्वारा बताया गया कि मोबाइल सेट पानी में गिरने के कारण खराब हुआ है। अत: कम्‍पनी उत्‍तरदायी नहीं है।

लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से कहा गया है कि उसने सेवा में कोई कमी नहीं की है।

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त यह निष्‍कर्ष निकाला है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने सेवा में कमी की है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए उपरोक्‍त प्रकार से निर्णय और आदेश पारित किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश त्रुटिपूर्ण और विधि विरूद्ध है। यदि मोबाइल में कोई त्रुटि है तो उसके लिए निर्माता कम्‍पनी उत्‍तरदायी है, अपीलार्थी/विक्रेता नहीं।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि मोबाइल में कोई निर्माण सम्‍बन्‍धी त्रुटि नहीं है। मोबाइल में जो कमी है वह पानी में गिरने के कारण है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने मोबाइल की टेस्‍ट रिपोर्ट की फोटो प्रति संलग्‍नक-4 मेमो अपील के साथ प्रस्‍तुत की है, जिससे यह स्‍पष्‍ट है कि मोबाइल पानी में गिरने के कारण क्षतिग्रस्‍त हुआ है।

 

-5-

मैंने अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया है।

उभय पक्ष के अभिकथन से यह स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने मोबाइल अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 से जुलाई 2014 में क्रय किया है और उसके बाद मोबाइल में चार्जिंग की समस्‍या आई है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी मोबाइल लेकर अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के पास गया तब उसने मोबाइल चार्जर की केबिल/वायर बदली फिर भी मोबाइल की चार्जिंग ठीक नहीं हुई। तब पुन: अक्‍टूबर 2014 में प्रत्‍यर्थी/परिवादी मोबाइल लेकर अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के पास गया है तब अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने मोबाइल प्रत्‍यर्थी/परिवादी से प्राप्‍त किया है और उसे प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-2 के पास भेजा है, परन्‍तु मोबाइल में हुई त्रुटि का निवारण किए बिना मोबाइल इस आधार पर वापस कर दिया गया है कि पानी में गिरने के कारण इसमें क्षति आयी है। अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने जिला फोरम के समक्ष मोबाइल टेस्‍ट की रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं की है, परन्‍तु अपील में मोबाइल में कथित हिस्‍ट्री की फोटोप्रति प्रस्‍तुत की है, जो अपील का संलग्‍नक-4 है। इस रिपोर्ट में यह उल्‍लेख नहीं है कि यह कब और किस तिथि में तैयार की गयी है। अत: यह रिपोर्ट विश्‍वसनीय नहीं है। इसके साथ ही उल्‍लेखनीय है कि इस रिपोर्ट में ELS Fail Reason के सामने Liquid damaged RF board अंकित है, परन्‍तु प्रत्‍यर्थी/परिवादी के अनुसार उसका मोबाइल पानी में कदापि नहीं गिरा है और प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपने इस कथन का समर्थन शपथ पूर्वक किया है। अत: अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा

 

-6-

अपील में प्रस्‍तुत इस रिपोर्ट पर कदापि विश्‍वास नहीं किया जा सकता है।

उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर मैं इस मत का हूँ कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल की बिक्री की है और उक्‍त मोबाइल में त्रुटि बिक्री के तीन महीने के अन्‍दर ही आने पर त्रुटि निवारण नहीं कराया है, जो निश्चित रूप से सेवा में त्रुटि है। अत: जिला फोरम ने जो निष्‍कर्ष निकाला है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने सेवा में त्रुटि की है, वह अनुचित नहीं कहा जा सकता है। मात्र निर्माता कम्‍पनी को पक्षकार न बनाये जाने के कारण अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 विक्रेता को उसके दायित्‍व से उन्‍मुक्‍त नहीं किया जा सकता है। विक्रेता का भी यह कर्तव्‍य है कि बिक्री किए गए माल को वारण्‍टी पीरियड में उचित ढंग से ठीक कराए और इस सन्‍दर्भ में ग्राहक को सहायता व सेवा प्रदान करे।

उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर मैं इस मत का हूँ कि जिला फोरम ने जो अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को सेवा में कमी का दोषी माना है, वह उचित है। अत: जिला फोरम ने जो अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को मोबाइल की कीमत 8000/-रू0 वापस करने हेतु आदेशित किया है, वह उचित है। जिला फोरम ने जो 500/-रू0 वाद व्‍यय प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया है, वह भी उचित है। जिला फोरम ने जो 2000/-रू0 मानसिक वेदना के मद में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रदान किया है, उसे अपास्‍त किया जाना उचित है।

 

 

-7-

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मानसिक वेदना के रूप में प्रदान की गयी 2000/-रू0 की धनराशि अपास्‍त की जाती है। अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा इस निर्णय की तिथि से दो मास के अन्‍दर आदेश का पालन न किए जाने पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी मोबाइल के उपरोक्‍त मूल्‍य 8000/-रू0 पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक, जैसा कि जिला फोरम ने ब्‍याज दर निर्धारित किया है, ब्‍याज भी पाने का अधिकारी होगा।

जिला फोरम का निर्णय उपरोक्‍त प्रकार से संशोधित माना जाएगा और जिला फोरम का निर्णय तदनुसार संशोधित किया जाता है। जिला फोरम के निर्णय का शेष अंश यथावत् कायम रहेगा।  

अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि 5,900/-रू0 जिला फोरम को अर्जित ब्‍याज सहित इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण करने हेतु प्रेषित की जाए।

 

 

     

                    (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)           

                         अध्‍यक्ष            

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1     

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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