(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 1088/2017
मैनेजर, मधुर कोरियर सर्विस द्वारा प्रदीप कुमार द्विवेदी शॉप नम्बर बी/7 सिटी होटल बेसमेंट, बी.एन. रोड, लालबाग, लखनऊ।
.......अपीलार्थी
बनाम
शहजाद अहमद प्रोपराइटर सोना जनरल स्टोर नवाब बाजार रूदौली जिला फैजाबाद व एक अन्य।
.........प्रत्यर्थीगण
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री वी0पी0 शर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0- 1 की ओर से : श्री राजेश कुमार तिवारी,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0- 2 की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक:- 08.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 26/2012 शहजाद अहमद प्रोपराइटर सोना जनरल स्टोर बनाम प्रबंधक, मधुर कोरियर सर्विस व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, फैजाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 28.11.2014 के विरुद्ध यह अपील धारा- 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री वी0पी0 शर्मा तथा प्रत्यर्थी सं0- 1 के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश कुमार तिवारी को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थी सं0- 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि उन्हें परिवाद की सुनवाई का समन कभी भी प्राप्त नहीं हुआ और प्रश्नगत निर्णय में यह उल्लेख है कि विपक्षीगण को रजिस्टर्ड नोटिस प्रेषित की गई थी जिसको लेने से इंकार किया गया है, परन्तु अपील के ज्ञापन के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में उल्लेख है कि उन्हें उक्त परिवाद के सम्बन्ध में कभी कोई नोटिस प्रेषित नहीं की गई है। अत: इस स्थिति में उचित प्रतीत होता है कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 को सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है और विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपास्त करते हुए यह प्रकरण पुन: गुण-दोष पर सुनवाई के लिए जिला उपभोक्ता आयोग को प्रति प्रेषित किया जाये।
उभयपक्ष जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष दि0 19.10.2022 को उपस्थित हों। इसी तिथि को अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 द्वारा अपना लिखित कथन विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा और यह स्पष्ट किया जाता है कि लिखित कथन दाखिल करने के लिए अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 को पुन: समय प्रदान नहीं किया जायेगा। यदि उक्त तिथि को अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया जाता है तब लिखित कथन हेतु अवसर समाप्त करते हुए परिवाद का निस्तारण किया जायेगा।
उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 2