Rajasthan

Jhunjhunun

CC/146/2013

Bhavar Lal - Complainant(s)

Versus

Shaciv Raj. Lok Seva Aayog - Opp.Party(s)

Jagamohan Benival

15 Nov 2018

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/146/2013
( Date of Filing : 02 Apr 2013 )
 
1. Bhavar Lal
Cidava, Jhunjhunu
...........Complainant(s)
Versus
1. Shaciv Raj. Lok Seva Aayog
Jaipur Road Ajmar (Raj.)
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Mahendra Sharma PRESIDENT
 HON'BLE MR. Shree Shiv Kumar MEMBER
 
For the Complainant:Jagamohan Benival, Advocate
For the Opp. Party: Sravan Saini, Advocate
Dated : 15 Nov 2018
Final Order / Judgement


तारीख
हुक्म
                          हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
              परिवाद संख्या 146/13
भंवरलाल  बनाम   सचिव राजस्थान लोक सेवा आयोग जयपुर रोड़, अजमेर वगै.  

              परिवाद संख्या 147/13
राजश्री कटारिया बनाम सचिव राजस्थान लोक सेवा आयोग जयपुर रोड़, अजमेर वगै.
     नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
 15.11.2018


                आदेश
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता श्री जगमोहन, अप्रार्थी सं. 1 व 2 की ओर से श्री सुरेन्द्र सिंह भाम्बू व अप्रार्थी सं. 3 की ओर से श्री श्रवण कुमार सैनी उपस्थित। सुना गया। 
चूंकि दोनो प्रार्थीगण द्वारा अप्रार्थीगण के विरूद्व परिवाद पत्र अं. धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत समान तथ्यो के आधार पर प्रस्तुत किये गये है अतः इनका निस्तारण एक साथ किया जा रहा है। 
प्रार्थीगण के परिवाद पत्र के संक्षिप्त तथ्य इस प्रकार है कि उन्होने अप्रार्थीगण से द्वितीय श्रेणी अध्यापक पद की भर्ती बाबत दिनांक 10.06.2011 को अपने अपने आॅनलाईन आवेदन परिवाद के चरण संख्या 1 में वर्णित किये है। अप्रार्थीगण सं. 1 व 2 ने उक्त परीक्षाा बाबत 08.12.2011 की परीक्षा तिथि घोषित कर समस्त परीक्षार्थीयो के प्रवेष पत्र अपनी वेबसाईट पर डाले थे जिनके निर्देेषानुसार प्रार्थी ने अप्रार्थी नं. 4 के निर्देषानुसार अपने प्रवेष पत्र दिनांक 06.12.2011 को निकलवाये जिनमें प्रार्थीगण का परीक्षा केन्द्र सं. 20/0080 सरस्वती बाल मन्दिर सी स्कूल रेल्वे फाटक तहसील  चिडावा दर्षाया हुआ था। दोनो प्रार्थीगण उक्त परीक्षा केन्द्र परीक्षा तिथि पर ढुंढते रहे लेकिन उन्हें वह परीक्षा केन्द्र नही मिला। चिडावा में ही 10ः10 ए.एम. तक का समय व्यतित हो चुका था और चिडावा के एक परीक्षा केन्द्र पर प्रार्थीगण को यह जानकारी दी गई कि उनका परीक्षा केन्द्र सं. 20/0080 सरस्वती बाल मन्दिर सी0सै0 स्कूल रेल्वे फाटक बलवन्तपुर नवलगढ़ है इस पर प्रार्थीगण बडी मुष्किल से 11ः25ए.एम. पर उक्त परीक्षा केन्द्र पर पहुंचे और अपना प्रवेष पत्र दिखाया और देरी का कारण भी स्पष्ट किया लेकिन परीक्षा केन्द्र पर उपस्थित कर्मचारीयांे ने उन्हें परीक्षा केन्द्र पर प्रवेष नही दिया और उस दिन प्रार्थीगण वह परीक्षा नही दे सकें। इसी परीक्षा के दुसरे पेपर में प्रार्थीगण के क्रमषः 121.27 व 112.93 अंक आये और यदि दोनो प्रष्न पत्रो की परीक्षा प्रार्थीगण देते तो उनका चयन निष्चित रुप से हो जाता। प्रार्थीगण ने फैक्स के जरिए अपनी व्यथा अप्रार्थीगण को दिनाकं 08.12.2011 को प्रेषित की लेकिन उनकी षिकायत पर कोई गौर नही किया। दिनांक 11.12.2011 को तत्कालिन सदस्य राजस्थान लोक सेवा आयोग के श्री कन्हैयालाल बेरवाल के समक्ष भी षिकायत दर्ज करवाई लेकिन उनकी षिकायत पर कोई गौर नही किया गया। इन तथ्यो के परिपेक्ष में प्रार्थीगण का यह निवेदन रहा है कि वे नियुक्ति व मिलने वाले वेतन से वंचित रहे है और उन्हें एक वर्ष के वेतन का नुकसान हुआ है अप्रार्थीगण के विरूद्व इस आषय का अनुतोष चाहा गया है कि इनकी सम्बन्धित बकाया परीक्षा अविलम्ब ली जावें व उन्हें नियुक्ति दी जावें  व बतारै क्षतिपूर्तिस्वरुप 3,60,000/रुपये, 3 लाख रुपये एरियर, 3 लाख रुपये बीमा पेेष्ंान ग्रेचुवटी, मानसिक संताप पेटे 2 लाख रुपये व परिवाद व्यय पेटे 10-10 हजार रुपये दिलाये जाने की प्रार्थना की है। दोनो प्रार्थीगण ने परिवाद के समर्थन में अपने अपने शपथ पत्र प्रस्तुुत किये है। 
अप्रार्थी सं. 1 व 2 की ओर से प्रस्तुत जवाब में यह अभिवाक किया गया है कि प्रार्थीगण ने जो प्रवेष पत्र निकलवाया था, वह उन्हें उपलब्ध नही करवाया है यदि वास्तव में प्रार्थीगण अपने परीक्षा केन्द्र पर 11ः25 ए.एम. पर पहंुचते और विलम्ब का कारण दर्षाते तो उन्हें परीक्षा में सम्मिलित करवा लिया जाता। तथाकथित फैक्स प्रार्थीगण द्वारा नही भेजा गया है प्रार्थीगण कोई क्षतिपूर्ति राषि प्राप्त करने के अधिकारी नही है उनका परिवाद खारिज करने की प्रार्थना की है।  
अप्रार्थी सं. 3 की आरे से प्रस्तुत जवाब में यह प्रकट किया गया है कि सम्बन्धित परीक्षा 10 ए.एम.म पर शुरू हो गई थी और राजस्थान लोक सेवा आयोग के निर्देषानुसार 10ः30 ए.एम तक पहुचनंे वाले विधार्थी को ही अनुमति दी जा सकती थी। अपने विरूद्व प्रार्थीगण का परिवाद खारिज करने की प्रार्थना की गई है। 
अप्रार्थी सं. 4 की ओर से कोई जवाब अभिलेख पर प्रस्तुत नही हुआ है। 
उभय पक्षो का सुना गया व पत्रावली का परिशीलन किया गया।   
पक्षकारो की ओर से बहस के दौरान क्रमषः अपने आवेदन व जवाब में वर्णित तथ्योे की पूनरावृति की गई है। परिवाद के साथ फर्द सूची सहित प्रार्थीगण की ओर से 13 प्रलेखो की प्रतियां प्रस्तुत की गई है जिनमें प्रलेख सं. 5 में परीक्षा केन्द्र सं. 20/0080 सरस्वती बाल मन्दिर सी स्कूल रेल्वे फाटक तहसील चिडावा दर्षाया गया है और परीक्षा के बाद बदले गये परीक्षा केन्द्र में उक्त परीक्षा सं. 20/0080 सरस्वती बाल मन्दिर सी0सै0 स्कूल रेल्वे फाटक बलवन्तपुर नवलगढ दर्षाया हुआ है। इन प्रलेखो से  यह प्रकट हो रहा है कि अप्रार्थी सं. 1 व  2 ने अपनी वेबसाईट पर आरम्भ में प्रार्थीगण के परीक्षा केन्द्र का शहर नवलगढ के स्थान पर चिडावा अंकित किया था जबकि वास्तव में उक्त परीक्षा केन्द्र नवलगढ में है और अप्रार्थीगण के उक्त सेवा दोष के कारण प्रार्थीगण सम्बन्धित परीक्षा के प्रथम प्रष्न पत्र में सम्मिलित नही हो सकें और इस हेतु अप्रार्थी नं. 1 व 2 उतरदायी है। 
जहां तक प्रार्थीगण द्वारा विभिन्न मदो में चाहे गये अनुतोष का प्रष्न है मामला वर्ष 2011 में 08.12.2011 को हुई परीक्षा से सम्बन्धित है और सभी तथ्य व परिस्थितियों पर विचार करते हुए हमारे सुविचारित मत मंें अप्रार्थी नं. 1 व 2 से प्रत्येक प्रार्थी को समग्र रुप से अक्षरे 50-50 हजार रुपये मानसिक संताप पेटे एंव 5-5 हजार रुपये परिवाद व्यय के रुप में दिलाये जाने से न्याय की पूर्ति हो सकेगी। 
उपरोक्त विवेचन के सार रुप में प्रार्थीगण के यह आवेदन पत्र अप्र्रार्थी नं. 1 व 2 के विरूद्व स्वीकार किये जाने योग्य है। 
परिणामतः प्रार्थी का यह आवेदन अप्रार्थी नं. 1 व 2 के विरूद्व स्वीकार कर उन्हे आदेष दिया जाता है कि आज से एक माह की अवधि में 50 हजार रुपये तथा परिवाद व्यय पेटे 5,000/रुपये अदा करें। एक माह की अवधि मंे प्रार्थी को उपरोक्त मानसिक संताप की राषि अदा नही करने पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से रकम अदायगी तक प्रार्थी, अप्रार्थी नं. 1 व 2 से 8 प्रतिषत वार्षिक ब्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा। 
आदेश आज दिनांक 15 नवम्बर, 2018 को सुनाया गया। 
बाद पालना पत्रावली फैशल शुमार अंकित की जावे। 

         शिवकुमार शर्मा                        महेन्द्र शर्मा

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


    
    
        

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Mahendra Sharma]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Shree Shiv Kumar]
MEMBER

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