Uttar Pradesh

StateCommission

A/1953/2023

Max Super Speciality Hospital - Complainant(s)

Versus

Sh. Ramnath Singh Verma - Opp.Party(s)

Sujata Rao Ayde & Rahul Kumar Srivastava

11 Dec 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1953/2023
( Date of Filing : 07 Dec 2023 )
(Arisen out of Order Dated 30/05/2023 in Case No. CC/107/2021 of District Meerut)
 
1. Max Super Speciality Hospital
Through the Medical Superintendent Dr. Nidhi Saxena At 108 A, Indraprastha Extension Patparganj Delhi-110092
...........Appellant(s)
Versus
1. Sh. Ramnath Singh Verma
R/O-187, Begum Bagh, P.S.-Lal Kurti, Dist.- Meerut , Meerut City UP-250002
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 11 Dec 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-1953/2023

मैक्‍स सुपर स्‍पेशलिटी हॉस्पिटल

बनाम              

श्री रामनाथ सिंह वर्मा पुत्र स्‍व0 श्री बहोरी सिंह

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष              

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता         : सुश्री सुजाता राव आयदे

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता           : कोई नहीं।

दिनांक :- 11.12.2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-107/2021 में पारित एकपक्षीय निर्णय/आदेश दिनांक 30.5.2023 के विरूद्ध योजित की गई है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी मैक्‍स सुपर स्‍पेशलिटी हॉस्पिटल की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता सुश्री सुजाता राव आयदे को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश व समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित अधिवक्‍ता द्वारा मुख्‍य रूप से यह कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख जो परिवाद प्रत्‍यर्थी/परिवादी श्री रामनाथ सिंह वर्मा द्वारा योजित किया गया व जो अनुतोष प्रदान किये जाने की प्रार्थना की वह पोषणीय नहीं था। साथ ही यह भी कथन किया कि वास्‍तव में अपीलार्थी चिकित्‍सालय द्वारा दिनांक 01.9.2020 की मध्‍य रात्रि में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपने चिकित्‍सालय में उपस्थित होने पर प्रारम्भिक जॉच व कार्यवाही

-2-

सुनिश्चित की जाने के उपरांत इस तथ्‍य से अवगत कराया गया कि कोविड-19 की महामारी के कारणवश अपीलार्थी चिकित्‍सालय में चिकित्‍सा हेतु आवश्‍यक सुविधायें एवं विशेष रूप से आई0सी0यू0 बेड वर्तमान में खाली नहीं थे। यह भी कथन किया गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के साथ जो सहायक एवं उनके पुत्र द्वारा चिकित्‍सा प्रारम्‍भ किये जाने की प्रार्थना को दृष्टिगत रखते हुए उन्‍हें एमेर्जेंसी में दाखिल कर चिकित्‍सा प्रारम्‍भ की  तथा अपेक्षित चिकित्‍सा प्रक्रिया जारी रखी।

जिला उपभोक्‍ता के सम्‍मुख प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा जो परिवाद प्रस्‍तुत किया गया उस सम्‍बन्‍ध में अपीलार्थी चिकित्‍सालय की ओर से उपस्थित अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया कि वास्‍तव में जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपीलार्थी चिकित्‍सालय का कोई पक्ष सुना नहीं गया, न ही समय प्रदान किया गया।

जिस मुख्‍य प्रपत्र की ओर अपीलार्थी के अधिवक्‍ता द्वारा इस न्‍यायालय का ध्‍यान आकर्षित किया वह जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में परिवाद पत्र में उल्लिखित पक्षकार को प्रेषित की गई पंजीकृत डाक विभाग द्वारा जारी रसीद है जिसकी प्रति प्रस्‍तुत अपील की पत्रावली के पृष्‍ठ सं0-76 पर उपलब्‍ध है। जिस पर सभी परिवाद प्रपत्रों को प्रेषित करने हेतु डाक विभाग द्वारा दिनांक 16.4.2021 को रू0 22.00 मात्र चार्ज कर डाक प्रेषित किये जाने का तथ्‍य अंकित किया गया।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि वास्‍तव में कोविड-19 के दि्वतीय चरण की महामारी जो प्रथम चरण से ज्‍यादा भयानक थी एवं जो माह फरवरी, 2021 से माह मई, 2021 तक सम्‍पूर्ण भारतवर्ष में जारी थी, को प्रेषित किये गये पंजीकृत डाक से डाक विभाग द्वारा प्रपत्र न तो अपीलार्थी जो कि एक

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बडा एवं समाज में जाना पहचाना चिकित्‍सालय है, को प्राप्‍त हुए न ही किसी प्रकार के अन्‍य सूत्र से ही अपीलार्थी को उपरोक्‍त परिवाद के सम्‍बन्‍ध में कोई भी जानकारी प्राप्‍त हुई।

यह भी कथन किया गया कि एकपक्षीय रूप से पारित निर्णय/आदेश पूर्णतया अविधिक है, जिसे अपास्‍त किया जाए एवं अपीलार्थी को सुनवाई का समुचित अवसर व गुणदोष पर अपना पक्ष प्रस्‍तुत किये जाने हेतु समय प्रदान किया जावे।

समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए बिना किसी गुणदोष पर विचार करते हुए तथा यहॉ यह भी स्‍पष्‍ट किया जाता है कि इस निर्णय/आदेश में जो तथ्‍य उल्लिखित किये गये हैं, उन्‍हें भी जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा न पढा जावे, न ही विचारित किया जावे, प्रस्‍तुत अपील अंतिम रूप से निस्‍तारित की जाती है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-107/2021 में पारित एकपक्षीय निर्णय/आदेश दिनांक 30.5.2023 को अपास्‍त करते हुए जिला उपभोक्‍ता आयोग से परिवाद को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त परिवाद सं0-107/2021 को अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करते हुए प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अगली निश्चित तिथि की जानकारी हेतु अपीलार्थी द्वारा दस्‍ती माध्‍यम व पंजीकृत डाक से सम्‍पूर्ण पत्रावली एक माह की अवधि में प्रेषित की जावे।

इस निर्णय/आदेश की प्रति भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रेषित पत्रावली के साथ उपलब्‍ध करायी जावे। तद्नुसार परिवादी एक माह की अवधि में अपना पक्ष विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ के सम्‍मुख प्रस्‍तुत करे। अपीलार्थी/विपक्षी पक्ष के उत्‍तर हेतु अपीलार्थी चिकित्‍सालय को 02 सप्‍ताह का समय जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा न्‍यायहित में प्रदान

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किया जाना सुचित प्रतीत होता है, जो प्रदान किया जावे। तद्नुसान अंतिम सुनवाई हेतु विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा 05.3.2024 की तिथि सुनिश्चित की जावे।

यदि उपरोक्‍त निश्चित तिथि पर किसी भी पक्षकार द्वारा किसी भी स्थिति में परिवाद स्‍थगित कराये जाने हेतु आवेदन किया जावे तब उस आवेदन पर विचार कर एक तिथि मात्र हेतु ही परिवाद स्‍थगित किया जावे तथा अंतिम रूप से हर दशा में दिनांक 31.3.2024 तक परिवाद गुणदोष के आधार पर निस्‍तारित किया जावे। तद्नुसार अपील स्‍वीकार की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि को मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                  (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                    

                                            अध्‍यक्ष                                                                                                                                

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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