Jharkhand

Bokaro

CC/18/98

Naresh Prasad - Complainant(s)

Versus

Service Manager Personal Mahindra Model Fuel Pvt. Ltd. - Opp.Party(s)

D.N. Singh

20 Dec 2022

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण अयोग, बोकारो
दाखिल की तिथि.09.08.2018
सुनवाई की तिथि.20.12.2022
 निर्णय की तिथि.20  .12.2022
उपभोक्ता परिवाद संख्या 98ध्2018
नरेश प्रसाद, पिता- स्व0 बानो सिंह,
पता- बिहार काॅलोनी, चास, पोस्ट एवं थाना- चास,
जिला- बोकारो, झारखण्ड
बनाम्
1. सर्विस मैनेजर (पर्सनल),
2. बाॅडी शाॅप मैनेजर
दोनो- महिन्द्रा,
माॅडल फ्यूल्स प्राईवेट लिमिटेड, सेल एवं सर्विस,
टांड बालीडीह, पोस्ट- जरीडीह, थाना- बालीडीह, जिला- बोकारो-827010
3. जनरल मैनेजर
माॅडल फ्यूल्स प्राईवेट लिमिटेड
धनसार, रिबाॅक शो रूम के विपरीत, जिला- धनबाद-828106
 
    उपस्थित 
श्री जय प्रकाश नारायण पाण्डेय, अध्यक्ष
श्री भवानी प्रसाद लाल दास, सदस्य
श्रीमती बेबी कुमारी, सदस्य
         
आदेश
1. परिवादी नरेश प्रसाद का कथन हेै कि उसने  अपने बोलेरो पिकअप वैन की दुर्घटना दिनांक 18.05.2018 को होने के पश्चात वाहन की  क्षति के कारण मरम्मति हेतु दिनांक 19.05.2018 को विपक्षी के वर्कशाॅप मे ंमरम्मति हेतु सुपुर्द किया । जहां विपक्षी ने उक्त वाहन की मरम्मति 10 दिनांे में करने का मौखिक आश्वासन दिया था किंतु विपक्षी ने उक्त वाहन को 10 दिनो के बदले करीब दो माह बीतने के बाद मरम्मति के पश्चात वापस किया जिसके कारण परिवादी को आर्थिक क्षति/नुकसान उठाना पड़ा है । इसके लिए परिवारी ने विपक्षी से कुल रूपये 1,85,000/- आर्थिक क्षति, शारीरिक एवं मानसिक परेशानी के साथ मान-सम्मान के हनन एवं वाद खर्च आदि के भुगतान हेतु प्रार्थना की है।
2. विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी का कथन असत्य एवं तथ्यों से परे है । इस संदर्भ में विपक्षी ने लिखित कथन के साथ अनुलग्नक ए. एवं अनुलग्नक डी. में लिखित तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा है कि परिवादी को संबंधित वाहन भुगतान के आश्वासन के पश्चात 60 दिनों के अंदर मरम्मति करके वापस किया जाना था, जिस पर परिवादी ने भुगतान हेतु लिखित सहमति दिनांक 11.06.2018 को दी जिसके अनुसार दिनांक 10.08.2018 तक उक्त वाहन परिवादी को दिया जाना था। किंतु उसके पूर्व ही दिनांक 26.07.2018 को संबंधित वाहन को मरम्मति के पश्चात परिवादी की पूर्ण संतुष्टि पर उसे प्राप्त कराया गया। इस प्रकार विपक्षीगण की ओर से सेवा में कोई त्रुटि नहीं की गयी बल्कि परिवादी का आवेदन खारिजी के लायक है । 
3. आयोग के समक्ष विचारणीय बिंदु यह है कि परिवादी याचित अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है या नहीं घ्
4. परिवादी की ओर से अपने मामले के समर्थन में कोई साक्ष्य इस आशय का कि उसे क्या आर्थिक क्षति हुई, नहीं दिया गया है। विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत अनुलग्नक ए., बी. एवं डी, के सूक्ष्म अवलोकन से स्पष्ट है कि दिनांक 11.06.2018 को परिवादी ने विपक्षीगण को भुगतान हेतु सहमति दी तदनुसार विपक्षीगण द्वारा मरम्मति का कार्य सम्पन्न कराया गया और दिनांक 26.07.2018 को परिवादी ने अपनी गाड़ी को मरम्मति के कार्य से संतुष्ट होकर दोष रहित प्राप्त किया इस आशय का उसने हस्ताक्षर सहित पृष्ठांकन अनुलग्नक डी. में किया है ।
5. उपरोक्त तथ्यांे से स्पष्ट होता है कि परिवादी यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि विपक्षीगण द्वारा उसे 10 दिनों के अंदर क्षतिग्रस्त वाहन को मरम्मत करके वापस करने का आश्वासन दिया गया था। इसके विपरीत विपक्षीगण द्वारा स्पष्ट प्रमाण दिया गया है कि लिखित अवधि के अंदर परिवादी की पूर्ण संतुष्टि सहित वाहन मरम्मति के पश्चात वापस किया गया है। 
6. अतः आयोग का मत है कि परिवादी की प्रार्थना स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है, तदनुसार इसे ससंधर्ष खारिज किया जाता है। 
 
श्री जय प्रकाश नारायण पाण्डेय, 
अध्यक्ष
 
 
श्री भवानी प्रसाद लाल दास, 
सदस्य
 
 
श्रीमती बेबी कुमारी, 
सदस्य

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