Uttar Pradesh

StateCommission

MA/139/2024

Km Pushpa - Complainant(s)

Versus

Sent Marry Polyclinic - Opp.Party(s)

Anand Bhargav

23 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Miscellaneous Application No. MA/139/2024
( Date of Filing : 25 Apr 2024 )
In
First Appeal No. A/2010/489
 
1. Km Pushpa
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Sent Marry Polyclinic
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

विविध वाद संख्‍या-139/2024

कु0 पुष्‍पा बनाम सेंट मेरी पॉलीक्लिनिक

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक : 23.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      आवेदक के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आनन्‍द भार्गव उपस्थित हैं।

अपील संख्‍या-489/2010 इस आधार पर दाखिल दफ्तर करने का आदेश दिनांक 20.02.2024 को पारित किया गया है कि अपील उपशमित हो चुकी है, क्‍योंकि अपीलार्थी की मृत्‍यु दिनांक 24.7.2023 को हुई है। अपीला‍र्थी की मृत्‍यु के पश्‍चात प्रतिस्‍थापन आवेदन स्‍वीकार किया गया था, परन्‍तु अपील के ज्ञापन में वारिसों को प्रतिस्‍थापित नहीं किया गया, इसलिए उपरोक्‍त अपील उपशमित मानते हुए दाखिल दफ्तर करने का आदेश पारित किया गया।

आवेदक की ओर से इस आशय का विविध आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है कि अनुमति दी जाए कि अपीलार्थी के नाम के सामने मृतक शब्‍द लिखा जाए, परन्‍तु चूंकि अपील उपशमित हो चुकी है, इसलिए अपीलार्थी के नाम के सामने उपशमित अपील में मृतक शब्‍द लिखे जाने का कोई औचित्‍य नहीं है। सही विधिक स्थिति यह होती कि आवेदक द्वारा उपशमन को अपास्‍त करने के लिए आवेदन प्रस्‍तुत किया जाता और इस आवेदन को प्रस्‍तुत करने के लिए जो देरी कारित हुई है, उसकी माफी के लिए देरी को स्‍पष्‍ट करते हुए आवेदन प्रस्‍तुत किया जाता, परन्‍तु इस आवेदन के माध्‍यम से न तो उपशमन को अपास्‍त करने का अनुरोध किया गया और न ही उपशमन के लिए आवेदन प्रस्‍तुत करने में कारित देरी को माफ करने का कोई अनुरोध किया गया, इसलिए यह विविध आवेदन न केवल त्रुटिहीन है, अपितु विधिक स्थिति के विपरीत है। इस आवेदन के आधार पर उपशमित हो चुकी अपील में मृतक अपीलार्थी के सामने मृतक लिखकर कार्यवाही संचालित नहीं की जा सकती। तदनुसार यह विविध आवेदन खारिज होने योग्‍य है।

अत: प्रस्‍तुत विविध वाद खारिज किया जाता है।

पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाती है।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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