Rajasthan

Jhunjhunun

242/2014

VIDHADHAR - Complainant(s)

Versus

SEKHAWATI MARKETING - Opp.Party(s)

VIJAYPAL

15 Feb 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 242/2014
 
1. VIDHADHAR
JHUNJHUNU
...........Complainant(s)
Versus
1. SEKHAWATI MARKETING
JHUNJHUNU
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


तारीख हुक्म
                                         परिवाद संख्या 242/14
                               हुक्म या काय्र.र्डीवाही मय इनिषियल्स जज
कैप्टेन विद्याधर स्वामी    बनाम       मैसर्स शेखावाटी मार्केटिंग, एस.बी.बी.जे. बैंक के सामने, 
                                 शार्दुल मार्केट, स्टेषन रोड़ झुझुंनू (राज0)- 333001 जरिये
                                 प्रोपराईटर
     नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
15.02.2016
                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
         परिवादी की ओर से वकील श्री विजयपाल सिंह एवं श्री नरोतमलाल उपस्थित। विपक्षी की ओर से वकील श्री कैलाष जांगिड़ उपस्थित । बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक  अवलोकन किया गया।     
       विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने दिनांक 26.08.2013 को विपक्षी से सोनी कम्पनी का एल.ई.डी.टी.वी. संख्या 32KLV32R402 जरिये इनवाईस संख्या 2032 राषि 28405/-रूपये में खरीदा था। परिवादी ने विपक्षी से उक्त     एल.ई.डी.टी.वी. बीकानेर ले जाने हेतु पैक करवाकर वारंटी/गारंटी कार्ड मांगा तो कहा कि अंदर पैक कर दिया है तथा बिल दे दिया। इसलिये परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है।
       विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादी ने बीकानेर ले जाकर सोनी कम्पनी के मैकेनिक को एल.ई.डी लगाने हेतु बुलाया तथा उसने एल.ई.डी लगाया तो नहीं चला । मैकेनिक नेे चैक किया तो पता चला कि एल.ई.डी की ग्लास सिक्रीन में क्रेक है। परिवादी ने विपक्षी से बात की तो कहा झुंझुनू लेकर आवो । परिवादी दिनांक 07.01.2014 को एल.ई.डी लेकर विपक्षी के पास आया तो विपक्षी ने रख लिया जो दिनांक 23.02.2014 तक विपक्षी के पास ही रहा। अंत में विपक्षी ने एल.ई.डी बदलकर देने अथवा रिपेयर करने से इन्कार कर दिया तथा कहा इसको ठीक करवाने के लिये 15,000/-रूपये देने पड़ेगे। विपक्षी ने परिवादी को कहा कि वारंटी /गारंटी कार्ड बोक्स में पैक कर दिया वह भी नहीं मिला तो विपक्षी ने बिल पर दिनांक 28.02.2014 को वारंटी बाबत लिख कर दे दिया। इस प्रकार विपक्षी ने परिवादी को डिफेक्टीव पीस पैक कर दे दिया तथा वारंटी/गारंटी अवधि में बदलकर देने अथवा रिपेयर करने से भी इन्कार कर दिया। जो विपक्षी की सेवा में कमी की श्रेणी में आता है।     
         अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर परिवादी को विपक्षी के एल.ई.डी बदलवाकर दिलवाया जाने अथवा परिवादी द्वारा अदा की गई कीमत 28405/-रूपये मय ब्याज वापिस दिलाये जाने का निवेदन किया है। 
       

       विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान परिवादी द्वारा विपक्षी से दिनांक 26.08.2013 को सोनी कम्पनी का एल.ई.डी संख्या 32KLV32R402 कीमती 28405/-रूपये खरीदना स्वीकार करते हुये कथन किया है कि परिवादी को उक्त एल.ई.डी टी.वी. विक्रय करते वक्त चालु करके दिखाकर ही उसकी मौजूदगी में पैक किया था । परिवादी ने एल.ई.डी किस तिथि को खराब हुआ तथा किस तिथि को मैकेनिक को  बुलाया,  यह अंकित नहीं किया है। यदि किसी कम्पनी के अधिकृत व्यक्ति से इन्सटालेषन करवाया जाता तो उसके द्वारा उक्त    एल.ई.डी  में कोई निर्माण दोष या स्क्रीन टूटी पाई जाने पर षिकायत दर्ज करवाई जाती, ऐसा कोई प्रमाण पत्र उक्त मैकेनिक द्वारा नहीं दिया गया है न ही कोई षिकायत दर्ज कराई गई है। परिवादी करीब 6 माह बाद उक्त एल.ई.डी टी.वी. विपक्षी के पास लेकर आया तथा विपक्षी ने वारंटी कार्ड मांगा तो परिवादी के पास वारंटी कार्ड नहीं था । विपक्षी द्वारा एल.ई.डी टी.वी. को अपने मिस्त्री द्वारा चैक करवाया तो कोई निर्माण दोष नहीं पाया गया बल्कि परिवादी द्वारा उक्त एल.ई.डी टी.वी. को रफ हैडंलिंग, बिना प्रोपर पैकेजिंग के झुंझुनू से बीकानेर परिवहन करते हुये किसी दबाव या अन्य अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा लगवाये जाने से एल.ई.डी टी.वी. की स्क्रीन क्षतिग्रस्त हुई है, जो वारंटी शर्तो के अधीन नहीं आती है। जिसके लिये परिवादी स्वयं जिम्मेदार है। परिवादी ने कैयास के आधार पर झूठे तथ्य अंकित कर परिवाद पत्र पेष किया है।
        अन्त में विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया। 
        उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
       पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हुआ है कि परिवादी ने विपक्षी से दिनांक 26.08.2013 को सोनी कम्पनी का एल.ई.डी संख्या 32KLV32R402 कीमती 28405/-रूपये, विपक्षी से खरीदा था। जिसकी विपक्षी द्वारा परिवादी को एक वर्ष की गारंटी दी गई। बिल की फोटो प्रति परिवाद पत्र में संलग्न है। परिवादी के कथनानुसार उक्त एल.ई.डी टी.वी. लगाया जाने पर नहीं चला तो मैकेनिक नेे चैक किया तथा बताया कि एल.ई.डी की ग्लास सिक्रीन में क्रेक है। परिवादी ने बीकानेर से विपक्षी को षिकायत की तो विपक्षी ने कहा झुंझुनू लेकर आवो। परिवादी दिनांक 07.01.2014 को उक्त एल.ई.डी झुंझुनू लेकर विपक्षी के पास आया तो विपक्षी ने रख 


लिया तथा दिनांक 23.02.2014 तक विपक्षी के पास ही रहा । विपक्षी ने एल.ई.डी बदलकर देने अथवा रिपेयर करने से मना किस आधार पर कर दिया। विपक्षी ने  वारंटी अवधि में एल.ई.डी रिपेयर किये जाने केेे 15,000/-रूपये का खर्चा किस आधार पर देय होना बताया, इस संबंध में विपक्षी की ओर से कोई युक्तियुक्त कारण नहीं बताया गया है। 
      विपक्षी का बहस के दौरान यह तर्क होना कि उसके मिस्त्री द्वारा चैक करने पर उक्त एल.ई.डी टी.वी.में किसी प्रकार का निर्माण दोष नहीं पाया गया बल्कि परिवादी द्वारा रफ हैंडलिंग, बिना प्रोपर पैकेजिंग के झुंझुनू से बीकानेर परिवहन करते हुये किसी दबाव या अन्य अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा लगवाये जाने से स्क्रीन क्षतिग्रस्त हुई है, जो वारंटी की शर्तो के अधीन नहीं है। 
       हम विद्वान् अधिवक्ता विपक्षी के इस तर्क से सहमत नहीं है क्योंकि इस संबंध में विपक्षी की ओर से न तो मैकेनिक की कोई रिर्पोट पत्रावली में पेष की गई है तथा न ही ऐसा कोई युक्तियुक्त आधार बताया गया है कि रफ हैंडलिग व बिना प्रोपर पैकेजिंग के कारण परिवहन करते हुये या अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा लगाये जाने के कारण स्क्रीन क्षति ग्रस्त हुई हो। इसलिये विपक्षी के उक्त कथन पर विष्वास किये जाने का कोई कारण नहीं है। अतः विपक्षी का उक्त कृत्य विपक्षी की सेवा में कमी को दर्षाता है।
परिणामतः परिवादी का परिवादपत्र स्वीकार किया जाकर परिवादी को निर्देषित किया जाता है कि वह अपना एल.ई.डी टी.वी. रसीद लेकर विपक्षी को सुपुर्द करे तथा विपक्षी को यह आदेषित किया जाता है कि परिवादी द्वारा अपना एल.ई.डी टी.वी.  प्रस्तुत करने पर प्राप्ति रसीद परिवादी को देवे तथा रसीद प्राप्ति की तिथि से परिवादी को एल.ई.डी टी.वी. 15 दिवस में ठीक करवाकर देवे अथवा एल.ई.डी टी.वी. नया बदलकर देवे अथवा एल.ई.डी टी.वी. की कीमत राषि 28405/-रूपये, जो विपक्षी ने प्राप्त की थी, वह एक माह में परिवादी को लौटाई जावे। अन्यथा उक्त राषि पर परिवादी संस्थित परिवाद पत्र दिनांक 24.04.2014 से ता वसूली 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी है। इस प्रकार से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।       
      आदेश आज दिनांक 15.02.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


    

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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