जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-315/2011
त्रिदेव ट्रेडर्स द्वारा प्रोप्राइटर रामजी पाण्डेय पुत्र श्री राम मूरत पाण्डेय रायबरेली रोड बाईपास नाका तहसील जिला फैजाबाद .......... परिवादी
बनाम
1-स्टेट बैंक षाखा मोती नगर द्वारा षाखा प्रबन्धक, मोतीनगर फैजाबाद।
2-क्षेत्रीय प्रबन्धक स्टेट बैंक क्षेत्रीय कार्यालय सिविल लाइन्स फैजाबाद।
3-अनिल कुमार पाण्डेय पुत्र श्री राम बहोर पाण्डेय ग्राम खिरौनी तहसील सोहावल जिला
फैजाबाद .......... विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 12.02.2016
उद्घोषित द्वारा: श्रीमती माया देवी षाक्य, सदस्या
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध चेक सं0-037654 दिनाॅंकित 19-03-2010 धनराषि मु0 3,00,000=00 ब्याज सहित दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी त्रिदेव ट्रेडर्स उक्त का प्रोप्राइटर /्रस्वामी है जो उसकी व उसके परिवार की मात्र जीविका का एक मात्र साधन है। परिवादी को एक सी0 सी0 लिमिट विपक्षी बैंक की षाखा में चल रही है जिससे परिवादी उसका उपभोक्ता है। परिवादी को विपक्षी संख्या 3 श्री अनिल कुमार पाण्डेय ने बकाया रकम की अदायगी हेतु एक चेक दिनंाक 19-03-2010 चेक संख्या 037654 रूपये 3,00,000/- मात्र सेन्ट्रल बैंक सोहावल फैजाबाद का दिया था जिसे परिवादी ने अपने उक्त सी0 सी0 खाता में दिनंाक 19-03-2010 को क्लीयरिंग हेतु जमा किया जिसकी जमा रसीद की काउन्टर प्रति संलग्न है। परिवादी के उक्त चेक जमा करने के बावत उक्त विपक्षी बैंक नेेेेेे बताया कि क्लीयरिंग एक सप्ताह में आ जाएगा जिसके बावत परिवादी उक्त विपक्षी बैंक से लगातार सम्पर्क करता रहा जिन्होनें बार-बार उसे यही आष्वासन दिया कि क्लीयरिंग आ जाएगी जिसके लिए परिवादी बैंक के तमाम चक्कर लगाता रहा। किन्तु उक्त चेक की रकम उसके खाता में जमा नहीं की गयी।
विपंक्षीगण को इस परिवाद की नोटिस तामील हुयी। विपक्षी नं0 1 ने अपना जवाबदावा पे्रशित किया। विपक्षी सं0 3 के विरूद्व एक पक्षीय किया गया। विपक्षी सं0 1 ने अपने जवाब में कहा है कि परिवादी ने विपक्षी उत्तरदाता की षाखा से सी0 सी0 लिमिट बनवाया। परिवादी के खाते में पैसा न जमा करने के कारण परिवादी का खाता अनियमित हो गया। बैंक द्वारा परिवादी तथा उसके गारेन्टर को वर्श 2000 में नोटिस भिजवाया। परिवादी नोटिस मिलने के पष्चात एक चेक जो विपक्षी संख्या 3 अनिल कुमार पाण्डेय द्वारा जारी किया गया रूपये 3,000,00/- का चेक था। यह चेक सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया षाखा सोहावल का था। इस चेक को क्लीयर कराने हेतु सेंन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया षाखा सोहावल को दिनंाक 21-03-2010 को भेज दिया जिसमें लिखकर आया कि (निधि कम है।) परिवादी को चेक वापस कर दिया, जिसकी छाया प्रति दाखिल है।
मै परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया।
परिवादी को रूपये 3,00,000/- का चेक विपक्षी संख्या 3 अनिल कुमार पाण्डेय ने दिनंाक 19-03-2010 चेक संख्या 037654 रूपये 3,00,000/- का सेंन्टल बैंक सोहावल का दिया। इस चेक को परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के यहां रूपये एकत्रित करने हेतु जमा किया। विपक्षी संख्या 3 अनिल कुमार पाण्डेय के खाते में रूपया अपर्याप्त है। चेक विपक्षी संख्या 1 के यहां वापस आ गयी। विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी को मूल चेक वापस नहीं किया, बल्कि चेक खो दिया। जिसकी पुश्टि दस्तावेजों व षपथ पत्र परिवादी के साक्ष्य से होती है। इस परिवाद में विपक्षी संख्या 1 ने अपनी सेवा में कमी की है। विपक्षी संख्या 1 परिवादी को चेक वापस कर देता तो विपक्षी संख्या 3 से पैसा वसूलने की कार्यवाही करता। परिवादी को चेक न मिलने से कार्यवाही नहीं किया है। परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या 1 के विरूद्व स्वीकार किये जाने योग्य है तथा विपक्षी संख्या 2 व 3 के विरूद्व खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद अंषतः स्वीकार तथा अंषतः खारिज किया जाता हैं। परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या 2 व 3 के विरूद्व खारिज किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 के विरूद्व स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 केा आदेषित किया जाता है कि चेक की धनराषि रूपये 3,00,000/- निर्णय एवं आदेष की तिथि से एक माह के अन्दर परिवादी को अदा कर देवें। यदि परिवादी को विपक्षी संख्या 1 उक्त दिये गये समय में उक्त धनराषि अदायगी नही करता है तो परिवाद योजित करने की तिथि से तारोज वसूली 12 प्रतिषत सालाना साधारण ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्त परिवादी विपक्षी संख्या 1 से रूपये 3000/- वाद व्यय तथा रूपये 5000/- मानसिक क्षतिपूर्ति भी पाने का अधिकारी होगा।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 12.02.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष