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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 178 सन् 2015
प्रस्तुति दिनांक 05.10.2015
निर्णय दिनांक 08.04.2019
राजनाथ राम पुत्र स्वo श्री चन्द्रजीत राम मुहल्ला- सर्फुद्दीनपुर पोस्ट व तहसील- सदर, शहर व जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)- 276001.....................................................................परिवादी।
बनाम
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा शाखा प्रबन्धक भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा रैदोपुर, पोस्ट- सदर, शहर व जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)।
...................................................................................विपक्षी।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि खाता संख्या 01292011312, 01292045985, 0129201131200, 01590011312, 0159001131200, 01292011131201 व 01090045985 सन्दर्भित खाता संख्या 01190011312 के अलावां खाता खोला जाना तथा उनके बन्द हो जाने के विषय में विपक्षी द्वारा दिनांक 06.03.2014 की वांछित सूचना के सन्दर्भ में दिनांक 29.05.2014 को बताया गया। विपक्षी द्वारा यह भी बताया गया कि मियादी खाता संख्या 01292045985 की अवशेष राशि रुपया 37,744/- दिनांक 23.04.2007 को आपके चालू खाते में जमा कर दी गयी है। विपक्षी द्वारा पूर्व में उसके समक्ष प्रेषित/प्रस्तुत किए गए पत्रों द्वारा खाता संख्या 01090045985, 01190011312, 10954891112, पी.क्यू./39, 103/11312 के बन्द हो जाने की स्थिति में उसमें शेष धनराशि के सन्दर्भ का चेक देने हेतु विभिन्न तिथियों में प्रार्थना पत्र दिए गए, जिसका संज्ञान विपक्षी द्वारा नहीं लिया गया। विपक्षी द्वारा शिकायतकर्ता के खाता संख्या 0129201131201 के सन्दर्भ का बैंकर्स चेक संख्या 704106 रुपया P.T.O.
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9084/- का दिनांक 18.07.2014 को दिया, लेकिन विपक्षी द्वारा बन्द खातों में बताया गया कि परिवादी के यहां पता लगाया तो पता चला कि अकाउन्ट नम्बर 01090045985 में बन्द होते समय रुपया 104532/- शेष था तथा अकाउन्ट नम्बर 103/11312 में बन्द होते समय 22074/- शेष था तथा खाता संख्या पी.क्यू./39 में बन्द होते समय 38798/- शेष था तथा खाता संख्या 01292011312 में 31965/- शेष था। यह जानकारी मुख्य रूप से विपक्षी को दी गयी। खाता संख्या 0129201131201 के सन्दर्भ में बकाया धनराशि का बैंकर्स चेक संख्या 704106 दिनांक 18.07.2014 को प्राप्त कराया गया। शेष रकम को नहीं बताया गया। अतः विपक्षी द्वारा इन खातों का भुगतान कराया जाए तथा 2,00,000/- रुपये मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति हेतु दिलवाया जाए।
परिवाद द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 6/1 लगायत 6/6 बैंक अधिकारियों को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/7 सूचना के प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/8 बैंक द्वारा जारी सूचना की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र में किए गए अभिकथनों से इन्कार किया है। शेष कथन में कहा है कि परिवाद पत्र में वर्णित कोई भी खाता इस समय मौजूद नहीं है।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी की ओर से कागज संख्या 13 स्पेशल टर्म डिपोजिट्स (पर्सनल) की छायाप्रति, कागज संख्या 13/2 अकाउन्ट का विवरण की छायाप्रति, कागज संख्या 13/3 ता 13/6 करेन्ट P.T.O.
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अकाउन्ट का विवरण, कागज संख्या 13/7 एन.पी. अकाउन्ट का विवरण तथा कागज संख्या 13/8 टर्म डिपोडिट्स (पर्सनल) का विवरण प्रस्तुत की गयी है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवाद पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि कुल 09 वाद कारण का दावा एक ही में कर दिया गया है, जो कानूनी रूप से अवैध है और यह पोषणीय नहीं है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से दावा खारिज किए जाने योग्य पाया जाता है।
आदेश
दावा खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 08.04.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)