Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/635/13

NEW TRIPATHI - Complainant(s)

Versus

SBI - Opp.Party(s)

04 Mar 2017

ORDER

 

                                                             जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या    
                
    

उपभोक्ता वाद संख्या-635/2013

 


अमित त्रिपाठी प्रो0 मे0 न्यू त्रिपाठी फूड्स प्रोडक्टस निवासी मकान नं0-613 एम-1 सिद्धार्थ नगर ब्रम्हपुरी गूबा गार्डन कल्यानपुर कानपुर नगर
                                  ................परिवादी
बनाम
एस0बी0आई0 जनरल इंष्योरेन्स कंपनी द्वारा मैनेजर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया एस0एम0ई0 सिटी क्रेडिट सेंटर जोनल आफिस दि माल कानपुर।
                           ...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 06.01.2014
निर्णय तिथिः 28.04.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी से परिवादी को बतौर क्षतिपूर्ति रू0 3,14,500.00 तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी बीमा कंपनी से अपने प्रतिश्ठान में न्यू त्रिपाठी फूड्स प्रोडक्टस उपरोक्त को अपनी बीमा पॉलिसी के तहत बीमित किया था। जिसका बीमा सं0-0000000000645033 था, जो कि दिनांक 07.01.13 से 06.01.14 तक प्रभावी था। उक्त पॉलिसी ैजवबा चमतजंपदपदह जव पदेनतमक ज्तंकम से रू0 5,50,000.00 तक बीमित होगा। परिवादी के गोदाम में दिनांक 12.03.13 को अचानक षार्ट सर्किट से आग लग गयी थी, जिसमें परिवादी का रू0 3,14,500.00 का नुकसान हुआ था। घटना की सूचना अविलम्ब विपक्षी के कार्यालय में क्लेम नं0-74539 प्रेशित कर दी थी। विपक्षी द्वारा एक अन्य जांच एजेंसी ैज्ञ।।क् ैनतअमलवत ।करनेजमते च्अजण् स्जकण् से मौके पर जांच करवायी गयी। उक्त तथ्यों पर जांच रिपोर्ट दी गयी कि, श्ॅंततंदजमक  जींज  जीम  मसमबजतपबंस  पदेजंससंजपवद  पे  उंपदजंपदमक 
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चमतपवकपबंससल ंदक कमअवपक वि ंदल सववेम ूपतपदह ंदक पउचतवचमत ेवबामजे ंदक बवददमबजपवदेश्. पूरी तरह गलत है। परिवादी के प्रतिश्ठान में बिजली की वायरिंग पूरी तरह से इंसूलेटेड है एवं कोई लूज वायरिंग नहीं है। पुनः पॉलिसी स्टाक ट्रेडिंग के लिए है तथा गोदाम में रखे सामान के लिए भी है न कि मात्र एम0एम0सी0जी0 की ट्रेडिंग के लिए। आग लगने का कारण प्रोडक्षन से नहीं है बल्कि हाई एण्ड लो वोल्टेज के कारण षार्ट सर्किट से है। उपरोक्त जांच एजेंसी के आधारपर विपक्षी ने अपने पत्र दिनांकित 25.07.13 के माध्यम से परिवादी का क्लेम निरस्त कर दिया, जो कि गलत एवं अवैधानिक है। विपक्षी द्वारा बावजूद विधिक नोटिस परिवादी की क्षतिपूर्ति नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी का संव्यवहार व्यापारिक है, इसलिए परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-2 (1)(डी) से बाधित है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में जानबूझकर कवर्ड स्थान को विषेश रूप से स्पश्ट नहीं किया गया है और कवर्ड परिसर को मात्र स्टोरेज के उद्देष्य से प्रयोग में लाया जाना बता कर मात्र एक स्टोर की प्रकृति बतायी गयी है। वास्तव में प्रष्नगत परिसर में निर्माण कार्य होता था, जो कि पॉलिसी की षर्तों से कवर्ड नहीं होता है। इसके अतिरिक्त स्वयं परिवादी द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि आग लगने की दुर्घटना हाई और लो वोल्टेज के कारण विद्युत आपूर्ति में अस्थिरता का होना है। वास्तव में परिवादी द्वारा वास्तविक तथ्यों को छिपाकर परिवाद प्रस्तुत किया गया है, जो कि प्राथमिकी, अग्नि षमन विभाग की रिपोर्ट एवं केस्को की रिपोर्ट से साबित हो सकता था। इस प्रकार स्वयं परिवादी द्वारा पॉलिसी की षर्तों का उल्लंघन किया गया है और अपने प्रष्नगत परिसर में विद्युत स्थान की मरम्मत/रख-रखाव ठीक प्रकार से नहीं किया गया है। विपक्षी द्वारा प्रष्नगत घटना की सूचना प्राप्त
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होते ही डध्े ैंक ैनतअमतलवते - स्वे ।करनेजमते च्अजण् स्जकण् से सर्वे कराया गया। सर्वेयर कंपनी जो कि एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है, के द्वारा परिवादी से दिनांक 01.04.12 से 12.03.13 के मध्य क्रय की गयी स्टाक से सम्बन्धित वस्तुओं की इनवाइस मांगी गयी, जिनको प्रष्नगत परिसर में परिवादी द्वारा स्टोर किया जाना बताया गया है, विक्रय पुस्तिका, सामान की डिलवरी, इनवाइस, मूल स्टाक रजिस्टर की प्रति, उपरोक्त अवधि की बैलेंस सीट व लाभ और हानि एकाउन्ट की प्रति बावत वित्तीय वर्श 2011-12, दुर्घटना से सम्बन्धित करायी गयी प्राथमिकी की प्रति, अग्नि षमन विभाग द्वारा दी गयी रिपोर्ट और दिनांक 01.04.12 से 12.03.13 के मध्य विद्युत बिल की मांग की गयी, जो कि सर्वेयर कंपनी को कभी उपलब्ध नहीं कराये गये। जिससे स्पश्ट होता है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद झूठे एवं बनावटी आधारों पर मात्र क्लेम प्राप्त करने की मंषा से योजित किया गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 06.12.13, 18.10.14 एवं 04.11.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न, कागज सं0-1 लगायत् 20 व कागज सं0-2/1 लगायत् 2/21 दाखिल किया है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.    विपक्षी ने अपने कथन के समर्थन में संदेष सराफ सीनियर मैनेजर ध्रुव सक्सेना का षपथपत्र दिनांकित 05.01.15 तथा श्री अखिल कुमार अधिकृत अधिकारी का षपथपत्र दिनांकित 31.05.16 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
8.    उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-5 व 6 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत  किये गये हैं।  पक्षकारों की 
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ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में निम्नलिखित विचारणीय बिन्दु बनते हैंः-
1.    क्या परिवादी के प्रतिश्ठान में बिजली की वायरिंग पूरी तरह से इन्सूलेटेड है और कोई लूज वायरिंग नहीं है, यदि हां तो प्रभाव?
2.    क्या परिवादी के प्रतिश्ठान में व्यापारिक कार्य होता है, इसलिए परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-2 (1)(डी) से बाधित है, यदि हां तो प्रभाव?
3.    क्या परिवादी विपक्षी की ओर से नियुक्त स्वतंत्र सर्वेयर को उसके द्वारा वांछित प्रष्नगत अभिलेख नहीं दिये गये, यदि हां तो प्रभाव?

विचारणीय बिन्दु संख्या-1ः- 
9.    उपरोक्त वाद बिन्दु सिद्ध करने का भार परिवादी पर है। परिवादी की ओर से यह कथन किया गया है कि परिवादी के प्रष्नगत प्रतिश्ठान में बिजली की वायरिंग पूरी तरह से इन्सूलेटेड है एवं कोई लूज वायरिंग नहीं है। जबकि विपक्षी की ओर से यह कथन किया गया है कि घटना की सूचना प्राप्त होते ही विपक्षी द्वारा डध्े ैंक ैनतअमतलवते - स्वे ।करनेजमते च्अजण् स्जकण् से सर्वे कराया गया। सर्वेयर कंपनी जो कि एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है। परिवादी की ओर से दाखिल कागज सं0-2/18 डध्े ैंक ैनतअमतलवते - स्वे ।करनेजमते च्अजण् स्जकण् जो कि उपरोक्त कंपनी की जांच रिपोर्ट है। उक्त रिपोर्ट के अनुसार परिवादी के परिसर में लूज वायरिंग और अनुपयुक्त साकेट और कनेक्षन का होना बताया गया है। परिवादी द्वारा उक्त जांच एजेंसी के द्वारा दी गयी जांच रिपोर्ट के विरूद्ध किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी की जांच रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत की गयी है। अतः विपक्षीगण के द्वारा स्वतंत्र जांच एजेंसी से करायी गयी उपरोक्त जांच को परिवादी की ओर से मात्र षपथपत्रीय साक्ष्य प्रस्तुत करने के आधार पर असंगत करार देना न्यायसंगत नहीं है।
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    अतः उपरोक्त वाद बिन्दु परिवादी के विरूद्ध तथा विपक्षी के पक्ष में निर्णीत किया जाता है। 
विचारणीय बिन्दु संख्या-2
10.    यह वाद बिन्दु सिद्ध करने का भार विपक्षी का है। विपक्षी की ओर से यह कथन किया गया है कि वास्तव में परिवादी के परिसर में निर्माण कार्य होता है, जो कि पॉलिसी की षर्तों से कवर नहीं होता है। किन्तु विपक्षीगण की ओर से यह स्पश्ट नहीं किया गया है कि प्रष्नगत परिसर में किस चीज का निर्माण कार्य होता था। विपक्षी के द्वारा अपने उपरोक्त कथन के समर्थन में कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। 
    अतः उपरोक्त वाद बिन्दु परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षी के विरूद्ध निर्णीत किया जाता है
विचारणीय बिन्दु संख्या-3
11.    यह वाद बिन्दु सिद्ध करने का भार विपक्षी का है। विपक्षी की ओर से यह कथन किया गया है कि सर्वेयर कंपनी जो कि एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है, के द्वारा परिवादी से दिनांक 01.04.12 से 12.03.13 के मध्य क्रय की गयी स्टाक से सम्बन्धित वस्तुओं की इनवाइस मांगी गयी, जिनको प्रष्नगत परिसर में परिवादी द्वारा स्टोर किया जाना बताया गया है, विक्रय पुस्तिका, सामान की डिलवरी, इनवाइस, मूल स्टाक रजिस्टर की प्रति, उपरोक्त अवधि की बैलेंस सीट व लाभ और हानि एकाउन्ट की प्रति बावत वित्तीय वर्श 2011-12, दुर्घटना से सम्बन्धित करायी गयी प्राथमिकी की प्रति, अग्नि षमन विभाग द्वारा दी गयी रिपोर्ट और दिनांक 01.04.12 से 12.03.13 के मध्य विद्युत बिल की मांग की गयी, जो कि सर्वेयर कंपनी को कभी उपलब्ध नहीं कराये गये। विपक्षी के द्वारा अपने उपरोक्त कथन के समर्थन में षपथपत्र प्रस्तुत करके यह कहा गया है कि स्वतंत्र जांच एजेंसी के द्वारा वांछित उपरोक्त प्रपत्र परिवादी के द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। परिवादी की ओर से विपक्षी की ओर से किये गये उपरोक्त कथन के विरूद्ध कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। 
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    अतः उपरोक्त वाद बिन्दु परिवादी के विरूद्ध तथा विपक्षी के पक्ष में निर्णीत किया जाता है।

12.    उपरोक्तानुसार वाद बिन्दु सं0-1 व 3 में दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
13.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज कया जाता हैं उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।

   (पुरूशोत्तम सिंह)      ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
     कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।

  (पुरूशोत्तम सिंह)       ( सुधा यादव )         (डा0 आर0एन0 सिंह)
     वरि0सदस्य           सदस्या                   अध्यक्ष
 जिला उपभोक्ता विवाद    जिला उपभोक्ता विवाद        जिला उपभोक्ता विवाद       
     प्रतितोश फोरम          प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर।           कानपुर नगर                 कानपुर नगर।
 

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