Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/205/2014

JASHWANT SINGH - Complainant(s)

Versus

SBI - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR RAI

10 Jul 2019

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 205 सन् 2014

प्रस्तुति दिनांक 13.11.2014

                                                                                       निर्णय दिनांक 10.07.2019         

जशवन्त सिंह पुत्र स्वo धरमदेव सिंह, ग्राम व पोस्ट- समेंदा, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़, उत्तर प्रदेश।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. एस.बी.आई. जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटड 101-201-301 नटराज जंक्शन ऑफ वेस्टर्न एक्प्रेस हाईवे एण्ड अन्धेरी कुर्ला रोड अन्धेरी ईस्ट/मुम्बई पिन- 400069
  2. एस.बी.आई. जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड दूसरा फ्लोर के’एस. त्रिदेवी टू राना प्रताप मार्ग हजरतगंज सेक्ट्रेट लखनऊ 226001 उत्तर प्रदेश
  3. इण्टरमेडियरी एस.पी.आई. इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया 14 ब्रान्च आजमगढ़ 276001 जरिये ब्रान्च मैनेजर।

      ..................................................................................... विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि परिवादी यू.पी.50एस. 1090 महिन्द्रा ट्रैक्टर जिसका चेचिस नंबर एन.पी.एल.टी. 5648 इंजन नंबर एन.पी.एल.टी. 5648 का पंजीकृत स्वामी है। परिवादी के ट्रैक्टर का बीमा वित्त पोषित बैंक एस.बी.आई. आजमगढ़ ने स्वयं विपक्षी नं. 01 व 02 के प्रतिनिधि विपक्षी संख्या 03 से दिनांक 30.12.2013 को सम्पूर्ण उत्तरदायित्व प्रीमियम के तहत एक मुश्त रुपये 4,491/- का लोन एकाउन्ट से निकाल करके बीमा कराया जिसकी वैधता दिनांक 30.12.2013 से दिनांक 29.12.2014 तक प्रभावी थी। दिनांक 10.05.2014 को सुबह 11.30 बजे कृष्ण कुमार सिंह ट्रैक्टर ले के जा रहे थे। गांव के मोड़ पर एक व्यक्ति को बचाने में पलट गया और ट्रैक्टर के चारों चक्का ऊपर हो गया। चालक को को नीचे से खींचकर निकाला गया। चालक को गम्भीर चोटें आयीं जिसका उन्होंने इलाज कराया। उक्त दुर्घटना में ट्रैक्टर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। परिवादी द्वारा उक्त घटना की सूचना उसी दिन विपक्षीगण को उपलब्ध कराए गए टोल फ्री नम्बर पर दिया गया तो विपक्षीगण के सर्वेयर श्री जी.सी. श्रीवास्तव                                                                   P.T.O.

 

 

 

 

 

2

घटनास्थल पर आये और क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर का अवलोकन कर कई फोटोग्राफ लिये तथा क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर को महिन्द्रा ट्रैक्टर एजेन्सी रोडवेज आजमगढ़ पर मरम्मत एवं क्षति के स्टीमेट हेतु ले जाने की सलाह दिए जिनके कथनानुसार ट्रैक्टर को महिन्द्रा एजेन्सी आजमगढ़ खींचकर ले जाया गया। सर्वेयर के कथनानुसार परिवादी के ट्रैक्टर के क्षतिग्रस्त पार्ट्स को एजेन्सी के मैकेनिक द्वारा खोलकर क्षतिग्रस्त पार्ट्स को सूचीबद्ध किया गया। उक्त पार्ट्स का एजेन्सी द्वारा मूल्य निर्धारित कर अपने यहां एवं अन्य वर्कशॉपों में पेन्ट, पम्प आदि का कार्य कराया गया। सभी वर्कशॉप द्वारा परिवादी को नए पार्ट्स एवं रिपेयरिंग चार्ज के कैशमेमों मुo 1,27,006/- मरम्मत में प्रदान किया गया। परिवादी ने श्री जी.सी. श्रीवास्तव सर्वेयर विपक्षीगण के द्वारा मांगे गए स्टीमेट, कैशमेमों, एफ.आई.आर. आदि प्रपत्रों को देने के बाद भुगतान का इंतजार करता रहा। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में घटना घटित होने के साढ़े चार माह बाद विपक्षीगण ने दावे का निस्तारण करके 9,671/- रुपये परिवादी को दिनांक 26.09.2014 को दिया। जो गलत था। अतः परिवादी के महिन्द्रा ट्रैक्टर के पार्ट्स एवं मरम्मत खर्च मुo 1,27,006/- रुपये मय 09% ब्याज की दर से अदा करने का आदेश दिया जाए और मानसिक शारीरिक कष्ट के लिए 70,000/- रुपये दिया जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 6 एस.बी.आई. जनरल इन्श्योरेन्स, कागज संख्या 15ग परमिट, कागज संख्या 15/7 ता 15/11 नेशनल ट्रैक्टर की रसीद, कागज संख्या 15/12 बलिया ट्रैक्टर की रसीद, कागज संख्या 15/14 एम.के. मेटल इन्टरप्राइजेज की रसीद, कागज संख्या 15/15 सलीम स्प्रे पेन्टिंग वर्क्स की रसीद, कागज संख्या 15/16 सन्त मोटर रिपेयरिंग वर्क्स की रसीद प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षीगण द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि विपक्षीगण के विरूद्ध कोई भी वादकारण उत्पन्न नहीं हुआ। विपक्षगण परिवादी को बेहतर सेवा प्रदान किया और उनके द्वारा सेवा में कोई भी कमी नहीं की गयी। परिवादी द्वारा मांगे गए धनराशि अवास्तविक है। इस मामले में सर्वेयर जी.सी. श्रीवास्तव को भेजा गया। जिन्होंने स्पेयर पार्ट्स का 6,771/- रुपये तथा लेबर चार्ज 5,000/- रुपये, साल्वेज वैल्यू 100/- रुपये एक्सेस 2000/- रुपये, नेट लॉस 9,771/- रुपये प्रदर्शित किया गया। सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद उपरोक्त धनराशि परिवादी को दे दी गयी है। अब परिवादी का परिवाद                                                       P.T.O.

 

 

 

 

 

 

3

प्रस्तुत करने का कोई अधिकार नहीं है।

विपक्षीगण द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 18/1 फाइनल सर्वे रिपोर्ट, कागज संख्या 18/4 एसेसमेन्ट, कागज संख्या 18/5 सेटलमेन्ट बाउचर प्रस्तुत किया गया है।

परिवादी की बहस को सुना। विपक्षी अनुपस्थित। परिवादी द्वारा ट्रैक्टर की क्षति कुल 1,27,006/- रुपये प्रदर्शित किया गया है। जबकि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को केवल 9,671/- रुपये अदा किया गया है। यद्यपि सर्वेयर की रिपोर्ट जब तक कि इसमें कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जाता तब तक मान्य होती है। इस परिवाद में परिवादी ने जो रसीदें प्रस्तुत किया उन रसीदों को जोड़ने के पश्चात् परिवादी का कुल 1,27,006/- रुपये की क्षति हुई है और सर्वेयन ने केवल 9,671/- रुपये ही क्षति दिखाया है। इस प्रकार परिवादी द्वारा प्रस्तुत रसीदों तथा सर्वेयर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का सम्यक अनुशीलन के पश्चात् यह कहा जा सकता है कि सर्वेयर ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत किया है वह गलत है। चूंकि रसीदों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि परिवादी को 1,27,006/- रुपये की क्षति हुई है। अतः विपक्षीगण उसे अदा करने के लिए उत्तरदायी है। विपक्षीगण उपरोक्त धनराशि में से परिवादी को दिए गए धनराशि 9,671/- रुपये काटने के लिए अधिकृत है।

उपरोक्त विवेचन से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।    

आदेश

परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को अलग-अलग तथा संयुक्त रूप से आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को ट्रैक्टर की हुई क्षति 1,27,006/- रुपये (एक लाख सत्ताईस हजार छः रुपये) 30 दिन के अन्दर अदा करें। परिवाद दाखिला के तिथि से उपरोक्त धनराशि पर 09% वार्षिक ब्याज देय होगा। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को दिए गए धनराशि 9,671/- रुपये विपक्षीगण सम्पूर्ण धनराशि में से काट सकते हैं। परिवादी को विपक्षीगण 10,000/- रुपये शारीरिक व मानसिक कष्ट के लिए भी अदा करें।   

 

 

 

                                              राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                     (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

        दिनांक 10.07.2019

                                    यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में    सुनाया गया।

 

                                          राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                            (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

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