CHITRABHAN PATHAK filed a consumer case on 12 Aug 2021 against SBI in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/97R/2013 and the judgment uploaded on 16 Aug 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 97 सन् 2013
प्रस्तुति दिनांक 22.07.2013
निर्णय दिनांक 12.08.2021
चित्रभान पाठक उम्र तखo 72 साल पुत्र स्वo काशीनाथ पाठक निवासी ग्राम- पठखौली, परगना- निजामाबाद, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया सिटी ब्रान्च आजमगढ़ द्वारा शाखा प्रबन्धक स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया सिटी ब्रान्च आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने अपने खेत का विक्रय करके कुछ अधिक धनराशि प्राप्त करने के लिए एफ.डी. का खाता खुलवाया। परिवादी के एफ.डी. में वर्ष 2010-11 में अनियमित इनकम टैक्स की कटौतियां कर ली गयीं, जिससे परिवादी को भारी क्षति का नुकसान उठाना पड़ा। परिवादी किसी भी प्रकार से टी.डी.एस. की कटौती के दायरे में नहीं आता है। परिवादी के उपरोक्त एफ.डी. पर फॉर्म 16ए पर दिनांक 31.05.2011 को वर्ष 2010-11 की इनकम टैक्स कटौतियों की सूचना उपलब्ध कराई गयी थी। जो मुo 5,751/- रुपए टोटल टैक्स डिपाजिटेड थी। अतः टी.डी.एस. कटौती की धनराशि 5,751/- रुपए को नियमानुसार रिटर्न कराने के लिए परिवादी ने दिनांक 07.07.2011 को ही आयकर कार्यालय आजमगढ़ में फॉर्म नं. 16ए को प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करके जमा कर दिया था। उक्त बैंक द्वारा पुनः वर्ष 2010-11 का टी.डी.एस. कटौती की सूचना फॉर्म नं. 16ए पर परिवादी को दिनांक 04.03.2013 को दी गयी। जो मुo 13,065/- रुपए टोटल टैक्स डिपाजिटेड थी। उक्त बैंक ने पुनः दिनांक 04.03.2013 को वर्ष 2010.11 में की गयी अधिक टी.डी.एस. कटौती का धनराशि 13065-5751=7314 को नियमानुसार रिटर्न कराने हेतु आयकर कार्यालय आजमगढ़ में परिवादी ने प्रार्थना पत्र देना चाहा तो कार्यालय से यह कहते हुए कि लेने से इन्कार कर दिया कि प्रार्थी को निर्देशित किया कि टी.डी.एस. इनकम टैक्स के रूप में 7,314/- की अधिक कटौती की गयी धनराशि को रिटर्न प्राप्त करने हेतु शाखा प्रबन्धक स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया सिटी ब्रान्च आजमगढ़ से मांग की जा सकती है क्योंकि वर्ष 2010-11 में ही पुनः 7,314/- रुपए की अधिक धनराशि की कटौती के रिटर्न की विधिक जिम्मेदारी स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया सिटी ब्रान्च आजमगढ़ की ही होती है। वर्ष 2010-11 की ही 31.05.2011 को दी गयी टी.डी.एस. कटौती की फार्म नं. 16ए पर सूचना और दिनांक 04.03.2013 को दी गयी सूचनाओं में भारी वित्तीय अन्तर है जो भारी वित्तीय अनियमितता दर्शाते हुए नुकसान पहुँचाया गया है। अतः वित्तीय वर्ष 2010-11 में ही परिवादी की फिक्स टर्म डिपाजिट पर बैंक द्वारा दो बार की गयी टी.डी.एस. कटौती में अधिक कटौती की धनराशि मुo 7,314/- रुपया को मय ब्याज विपक्षी से परिवादी को उपलब्ध कराया जाए तथा मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 25,000/- रुपया व अन्य अनुतोष दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1व5/2 फार्म नंo 16ए की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 8क विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने गलत उद्देश्यों के साथ परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। अतः निरस्त किया जाए। धोखा-धड़ी व फ्राड आदि के कथनों के साथ माo जिला फोरम के समक्ष वाद सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादी का प्रकरण उपभोक्ता अधिनियम की धारा-2(1)(जी) एवं धारा-2(1)(ओ) के अन्तर्गत नहीं आता है। अतः परिवाद पोषणीय नहीं है। परिवादी के सावधि जमा प्रपत्र विपक्षी की शाखा से निर्गत एवं प्रचलित है साथ ही यह सही है कि उसके सावधि जमा प्रपत्रों पर रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा जारी सर्कुलर एवं आयकर विभाग द्वारा जारी निर्देशों के तहत टी.डी.एस. की कटौती की गयी है। उक्त कटौतियों से बैंक का कुछ भी लेना-देना नहीं है। परिवादी समय-समय पर अपने खातों के विवरणों की मांग किया करता रहा जिसे उसे उपलब्ध कराया गया। परिवादी को परिवाद पोषणीय नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा स्टेटमेन्ट ऑफ एकाउन्ट की छायाप्रति कागज संख्या 16/1ता16/10 प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 22ग के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि सभी विशेष मियादी जमा खाता में प्राप्त होने वाले वार्षिक ब्याज पर 20% टी.डी.एस. की कटौती की जाती है। खाते में पैन कार्ड दर्ज होने पर यह कटौती 10% की जाती है। उपरोक्त प्रकार के खाते में मिलने वाले अधिकतम रूपए 10,000/-तक के वार्षिक ब्याज पर टी.डी.एस. की कटौती की जाती है। विशेष मियादी जमा खाते पर वर्ष में एक बार 31 मार्च को अथवा परिपक्वता तिथि पर टी.डी.एस. की कटौती की जाती है। खाते में पैन कार्ड दर्ज होने पर 10% टी.डी.एस. की कटौती की जाती है अन्यथा 20%। वरिष्ठ नागरिक खातेदारों को ब्याज पर लगने वाले टी.डी.एस. पर किसी प्रकार के छूट का प्रावधान नहीं है।
उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार टी.डी.एस. 10% काटा जाता है और पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि विपक्षी ने 10% टी.डी.एस. की ही कटौती किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 12.08.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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