chandra kumar singh filed a consumer case on 04 Oct 2017 against SBI in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/180/2015 and the judgment uploaded on 27 Feb 2018.
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-180/2015
चन्द्र कुमार सिंह पुत्र श्री पंचम सिंह निवासी मकान नं0-49 एल.आई.जी. बर्रा-4, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
भारतीय स्टेट बैंक आॅफ द्वारा षाखा प्रबन्धक लाजपत नगर पो0 लाजपत नगर, जनपद कानपुर नगर-208005
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 18.04.2015
निर्णय तिथिः 21.02.2018
पुरूशोत्तम सिंह, सदस्य द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी से परिवादी को कुल रू0 90,600.00 बतौर क्षतिपूर्ति व परिवाद पत्र के प्रस्तर-9, 10 व 11 में उल्लिखित सभी खर्चे दिलाये जायें तथा मोटर साइकिल नं0-यू0पी0-78 वाई-1871 का पंजीयन प्रमाण पत्र के नवीनीकरण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने एक किता मोटर साइकिल नं0-यू0पी0-78 वाई-1871 क्रय करने हेतु दिनांक 23.11.99 को विपक्षी बैंक से ऋण प्राप्त किया था। परिवादी अपनी प्रष्नगत मोटर साइकिल घर में खड़ी किए हुए है तथा उसका नवीनीकरण नहीं करवा पा रहा है, क्योंकि आर.टी.ओ. कार्यालय में संपूर्ण किष्त अदायगी के बावत विपक्षी द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत नही किया गया है। विपक्षी की, संपूर्ण किष्त मय ब्याज समय के अंदर प्राप्त होने के उपरांत स्वतः आर0टी0ओ0 विभाग या परिवादी को अनापत्ति प्रमाण पत्र भिजवा देना चाहिए था, परन्तु विपक्षी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन नहीं किया है। परिवादी ने उक्त मोटर साइकिल के बावत समस्त
............2
...2...
किष्तें विपक्षी बैंक को अदा कर दिया है और दो वर्शों से बराबर विपक्षी बैंक से संपर्क कर रहा है, परन्तु विपक्षी पासबुक खो जाने व बचत खाता संख्या की जानकारी न होने के कारण अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने में टाल-मटोल कर रहा है। जबकि विपक्षी अपना रिकार्ड देखकर अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर सकता है। परन्तु विपक्षी ऐसा न करके, परिवादी की क्षति कारित कर रहा है। परिवादी के विरूद्ध यदि विपक्षी के यहां कोई बकाया धनराषि है, तो उसका रिकार्ड विपक्षी के यहां होना चाहिए तथा उक्त वाहन सम्बन्धी वर्तमान में कोई देय अंकित नहीं है, तो विपक्षी परिवादी के पक्ष में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर सकता है। परिवादी के पास मोटर साइकिल का पंजीयन प्रमाण पत्र जिस पर हाईपोथिकेषन अंकित है की तिथि देखकर व अपने दस्तावेजों को देखकर अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सकता है। परिवादी की मोटर साइकिल नवम्बर 2014 से घर पर खड़ी है, जिसका पंजीयन प्रमाण पत्र का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है और आवागमन में असुविधा उत्पन्न हो रही है और मानसिक परेषानी का सामना करना पड़ रहा है। परिवादी बराबर विपक्षी से आग्रह करता रहा, किन्तु विपक्षी जानबूझकर असत्य आष्वासन देता रहा। विपक्षी की षाखा में बार- बार आने जाने में परिवादी का रू0 10000.00 दो वर्शों में खर्च हुआ है। परिवादी की मोटर साइकिल घर पर खड़ी रहने से, खराब होने व आवागमन न कर सकने के कारण कामकाज में प्रतिकूल असर पड़ने की वजह से लगभग रू0 80,000.00 की क्षति परिवादी को कारित हुई है। बावजूद विधिक नोटिस दिनांक 19.01.15 विपक्षी द्वारा काई कार्यवाही नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 08.03.16 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
...........3
...3...
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 17.04.15 व 06.02.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्नक कागज सं0-4/2 लगायत् 4/4 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6.परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने एवं प्रस्तुत लिखित बहस तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी की ओर से अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। विपक्षी की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलेाक में फोरम इस का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से विपक्षी से प्रष्नगत वाहन का अनापत्ति प्रमाण पत्र दिलाये जाने हेतु तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है-उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
...........4
...4...
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को प्रष्नगत मोटर साइकिल नं0-यू0पी0-78 वाई-1871 से सम्बन्धित अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
Consumer Court Lawyer
Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.