Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/601/13

AZAD AHMAD - Complainant(s)

Versus

SBI. - Opp.Party(s)

RAJ KISHORE KATIYAR

02 May 2016

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/601/13
 
1. AZAD AHMAD
AZIT GANJ BABUPURWA KANPUR NAGAR
...........Complainant(s)
Versus
1. SBI.
SWAROOP NAGAR KANPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-601/2013
1.    आजाद अहमद पुत्र श्री षहजाद अहमद
2.    श्रीमती खुषनुमा पत्नी श्री आजाद अहमद
निवासीगण मकान नं0-130/288 बी0 हाल मुकाम 130/319ए, अजीतगंज बाबूपुरवा जिला, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादीगण
बनाम
स्टेट बैंक आफ इण्डिया षाखा स्वरूप नगर, कानपुर नगर द्वारा षाखा प्रबन्धक स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया स्वरूप नगर, कानपुर नगर।
                             ...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 28.11.2013
निर्णय की तिथिः 20.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादीगण को विपक्षी से रू0 7,00,000.00 दिलाया जाये तथा खर्चा मुकद्मा दिलाया जाये, परिवादीगण से ज्यादा वसूली गयी धनराषि मय 18 प्रतिषत ब्याज दिलाया जाये, परिवादीगण द्वारा लोन धनराषि अदा करने के कारण लोन खाता समाप्त किया जाये तथा यह भी आदेष पारित किया जाये कि विपक्षी प्रष्नगत भवन की नीलामी न करें।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादीगण का कथन यह है कि परिवादीगण ने अपने भवन संख्या-130/319ए स्थित अजीतगंज बाबूपुरवा कानपुर नगर को विपक्षी के यहां बंधक रखकर गृह निर्माण हेतु रू0 6,00,000.00 का लोन दिनांक 01.10.02 को लिया था, जिसमें परिवादीगण को 180 माह में रू0 6630.00 प्रतिमाह किष्त के रूप में अदा करनी थी, जिसका ब्याज 8 प्रतिषत प्रतिवर्श निर्धारित किया गया था। उक्त लोन में परिवादीगण की जमानत  अकील अहमद,  यूनुस  अहमद व 
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अख्तर अहमद पुत्रगण षहजाद अहमद निवासीगण 130/288 बी0 अजीतगंज बाबूपुरवा कानपुर नगर व अजय कुमार मिश्रा निवासी 124/46 जे0 ब्लाक गोविन्द नगर कानपुर नगर ने ली थी। इस बावत पक्षकारों के मध्य एक एग्रीमेंट लिखा गया था, जिसमें यह अंकित किया गया था कि यदि लोन लेने वाले परिवादीगण लोन अदा नहीं कर पाते हैं, तो यह लोन धनराषि जमानतगीर से वसूल कर ली जायेगी। परिवादीगण द्वारा कुछ दिनों तक लोन धनराषि विधिक रूप से अदा की जाती रही, लेकिन मां के बीमार होने व उनकी मृत्यु होने के कारण, लोन की अदायगी न कर सके। मां का स्वर्गवास हो जाने के पष्चात परिवादीगण ने रू0 6630.00 के स्थान पर रू0 10,000.00 प्रतिमाह अदा करना चालू कर दिया, जिसको वह विधिवत् जमा करता चला आ रहा है। परिवादी द्वारा अब तक रू0 7,34,000.00 जमा किया जा चुका है, जिसकी रसीदें उसके पास हैं। परिवादीगण ने रू0 6,00,000.00 कर्ज के रूप में लिया था। उसके बदले परिवादी द्वारा रू0 7,34,000.00 जमा किया जा चुका है। फिर भी विपक्षी के कथनानुसार अभी रू0 7,00,000.00 बकाया हैं। जिस कारण विपक्षी विवादित बंधकषुदा सम्पत्ति का कब्जा व दखल लेने की योजना बना रहा है। परिवादी सपरिवार उसी विवादित मकान में रह रहा है। यदि उनसे कब्जा जबरिया ले लिया गया तो परिवादीगण बेघर हो जायेगे। विपक्षी से ली गयी लोन की धनराषि 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज दर थी, जिसको वे 14 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से वसूल रहे हैं। यह विपक्षी की सेवा में कमी का परिणाम है। विपक्षी की सेवाओं की कमी के कारण परिवादीगण को अभी तक करीब रू0 7,00,000.00 का नुकसान हो चुका है, जिसकी भरपाई करने की जिम्मेदारी विपक्षी की है। विपक्षी ने समाचार पत्र में भी प्रकाषन करवा दिया है कि उसने प्रष्नगत सम्पत्ति का कब्जा व दखल ले लिया है। परिवादी द्वारा विपक्षी के कार्यालय में दिनंाक 29.11.13 से जुलाई, 2015 तक रू0 10000.00 मासिक किष्त के हिसाब से रू0 8,90,0000.00 जमा किया जा चुका है। फिर भी परिवादीगण को, विपक्षी आपत्ति रहित प्रमाण पत्र नहीं जारी कर रहे हैं।  परिवादीगण ने विपक्षी से 
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केवल रू0 6,00,000.00 का लोन दिनांक 01.10.02 में लिया था, जो कि दिनांक 01.01.13 तक मय ब्याज रू0 1,19,340.00 देना अनुवांछित था। फिर भी परिवादीगण से पूर्व रू0 8,90,000.00 जमा कर चुके हैं। अतः परिवादीगण द्वारा संपूर्ण लोन धनराषि अदा करने के बाद लोन खाता समाप्त किये जाने का आदेष पारित किया जाना अति आवष्यक है। अतः विवष होकर परिवादीगण को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 17.11.14 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादीगण ने अपने कथन के समर्थन में आजाद अहमद का षपथपत्र दिनांकित 25.11.13, 15.12.14 व 01.03.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में प्रार्थनापत्र दिनांकित 17.06.16 के साथ, दिनांक 13.06.03 से 08.06.16 तक जमा की गयी कुल 109 किष्तों का विवरण एवं दिनांक 07.01.14 से 08.06.16 तक जमा की गयी किष्तों से सम्बन्धित बैंक द्वारा जारी रसीदों की प्रतियां तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.    फोरम द्वारा परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया। 
    परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादीगण द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य के       रूप में प्रार्थनापत्र दिनांकित 17.06.16 के साथ संलग्न दिनांक 13.06.03 से  
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08.06.16 तक जमा की गयी कुल 109 किष्तों का विवरण एवं दिनांक          07.01.14 से 08.06.16 तक जमा की गयी किष्तों से सम्बन्धित बैंक द्वारा जारी रसीदों की प्रतियां प्रस्तुत की गयी है। विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं। 
    पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादीगण के द्वारा स्वयं यह स्वीकार किया गया है कि उसकी मां की बीमारी तथा उसकी मां की मृत्यु होने के कारण वह बीच में डिफाल्टर हो गया था, किन्तु विपक्षी द्वारा परिवादीगण से उसके पष्चात लगातार तथा अब तक किष्तें ली जाती रही हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि विपक्षी द्वारा परिवादीगण के द्वारा समय से किष्तें न जमा करने के लिए उन्हें क्षमा किया जा चुका है।
    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से व एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि परिवादीगण द्वारा अद्यावधिक जमा की गयी समस्त धनराषि को परिवादी द्वारा विपक्षी को देय कुल धनराषि में से समायोजित करने के पष्चात, षेश धनराषि परिवादीगण से विपक्षी प्राप्त करके परिवादीगण का ऋण खाता समाप्त करें तथा प्रष्नगत भवन की नीलामी न करे और अद्ेयता प्रमाण पत्र परिवादीगण को उपलब्ध करायें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए अदा करेंगे। जहां तक परिवादीगण की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादीगण द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये 
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जाने के कारण परिवादीगण द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।    
ःःःआदेषःःः
6.     परिवादीगण का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादीगण द्वारा अद्यावधिक जमा की गयी समस्त धनराषि को, परिवादीगण द्वारा विपक्षी को देय कुल धनराषि में से समायोजित करने के पष्चात, षेश धनराषि परिवादीगण से विपक्षी प्राप्त करके परिवादीगण का ऋण खाता समाप्त करें तथा प्रष्नगत भवन की नीलामी न करे और अद्ेयता प्रमाण पत्र परिवादीगण को उपलब्ध करायें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER

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