जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जैसलमेर(राज0)
1. अध्यक्ष ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य ः श्री मनोहर सिंह नरावत।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 02.12.2014
मूल परिवाद संख्या:- 56/2014
श्रीमति दिप्ती पुरोहित पत्नि श्री जितेन्द्र कुमार, जाति- पुरोहित,
निवासी- सालम सागर तालाब, पोकरण जिला जैसलमेर
............परिवादीया।
बनाम
1. श्रीमान मैनेजिंग डायरेक्टर (एम.डी.) एस बी आई जनरल इंष्योरेंस कम्पनी पता- 02/2 ए यूनिवरसेल इंष्योरेंस बिल्डि़ग आसिफ अली रोड़ नई दिल्ली 110002।
2. श्रीमान मैनेजिंग, एस बी आई जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड़, नारायणनम्, 2 दक फलोर 178 चैपासनी रोड बोम्बे मोटर्स के पास, जोधपुर। .............अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित/-
1. श्री अब्दूल रहमान, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2. श्री मूरलीधर जोषी अधिवक्ता अप्रार्थीगण की ओर से।
ः- निर्णय -ः दिनांक 29.10.2015
1. परिवादीया का सक्षिप्त मे परिवाद इस प्रकार है कि परिवादीया के रिकों इडस्ट्रीयल एरिया पोकरण के प्लाॅट नम्बर जी 77 मे फैक्टी एम.एस.जाली के लिए गोदाम पर टीन सेट लगाया गया था जिसका बीमा अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहा कराया गया जिसकी पाॅलिसी नम्बर 00000001486468 है जिसकी अवधि दिनांक 10.01.2014 से 09.01.2015 तक वैद्य थी। दिनांक 18.04.2014 को शाम करीब 7 बजे आये तुफान से टीन सेट क्षतिग्रस्त हो गया जिसके हर्जाना का क्लैम विधिवत रूप से अप्रार्थीगण के यहा पेष किया। जिसके पश्चात् अप्रार्थीगण द्वारा सर्वेयर भेजे गये तथा आवष्यक जाॅच व दस्तावेज मागें गये जिसकी प्रार्थीया ने वाछित कार्यवाही पूर्ण की सम्पूर्ण दस्तावेज रिपोर्ट व काॅटेषन के आधार पर कुल 1,86,000 रू खर्च हुए लेकिन अप्रार्थीगण ने बिना वजह समस्त राषि काटकर केवल 40,000 रू का क्लैम पास किया अप्रार्थीगण ने माप दण्डो की अवहेलना कर नियम विरूद्व कटोती की जो अप्रार्थीगण का सेवा दोष हैै।
अतः परिवाद पेष कर क्लैम राषि 1,86,000 रू मय 18 प्रतिषत वार्षिक ब्याज व मानसिक हर्जाना 10,000 व परिवाद व्यय 3,000 रू दिलाये जाने की प्रार्थना की।
2. अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपना जबाब पेष कर गोदाम के बीमित होने का कथन स्वीकार किया व क्षतिग्रस्त टीन सेट का क्लैम परिवादिया द्वारा पेष करना स्वीकार किया तथा कहा कि कम्पनी के सर्वेयर द्वारा मौका मुआयना किया गया तथा सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार परिवादी के नुकसान का 40,467 रू सही आकलन किया है। उक्त 40,467 रू परिवादिया स्वयं ने लेने से मना कर दिया है इस कारण अप्रार्थीगण ने अपनी सेवाओं मे कोई त्रुटि नही की है। अतः परिवादिया का परिवाद मय हर्जो खर्चो के खारिज किये जाने का निवेदन किया।
3. हमने विद्वान अभिभाषकगण पक्षकारान की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4. विद्वान अभिभाषकगण पक्षकारान द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1. क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2. क्या अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3. अनुतोष क्या होगा ?
5. बिन्दु संख्या 1:- जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादीया पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आते है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आते हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनीयम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादिया ने अपने प्लाॅट के गोदाम पर टीन सेड़ का बीमा अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहा 3,779 रू अदा कर कराया जिसके पाॅलिसी नम्बर 00000001486468 है तथा बीमित अवधि 10.01.2014 से 09.01.2015 तक है। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादीया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादीया के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
6. बिन्दु संख्या 2:- जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादीया पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षीगण का उक्त कृत्य एक सेवा दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ? परिवादीया के विद्वान अभिभाषक की दलील है कि परिवादीया दिनांक 18.04.2014 को शाम करीब 7.00 बजे आये तुफान मे टीन सेड़ क्षतिग्रस्त हो गया जिसके हर्जाने का क्लैम अप्रार्थी के यहा पेष किया गया लेकिन अप्रार्थीगण के 1,86,000 के नुकसान पेटे केवल 40,000 रू परिवादिया को देना माना लैकिन परिवादिया ने राषि कम होने के कारण उसे स्वीकार नही किया। उनकी यह भी दलील है कि अप्रार्थीगण के सर्वेयर ने नुकसान दिनांक 18.06.2014 ळंसअंदप्रमक ैीममजे 10ष्’4ष्ए5 च्बेण् का 70,000 रू का आकलन किया लेकिन दिनांक 03.07.2014 को रिपोर्ट बनाकर परिवादी को केवल 7,000 रू का नुकसान माना अतः अप्रार्थीगण की रिपोर्ट विरोधाभाषी है उनकी यह भी दलील है कि ठमंउ च्पचम 5ष्ण् जो कि क्षतिग्रस्त हुए थे लेकिन अप्रार्थीगण ने उसको कोई मुआवजा नही दिया जबकि परिवादीया ने उक्त डै च्पचम 5ष् के क्षतिग्रस्त होने बाबत् फोटो पेष किये जिसमे पाईपों का डेमेंज होना स्पष्ट रूप से साबित है लेकिन अप्रार्थीगण ने इस बाबत् कोई ध्यान नही दिया ओर इस मद मे जो परिवादीया की राषि 47,520 रू खर्च हुए उसका कोई आकलन नही किया । विद्वान परिवादीया अभिभाषक की यह भी दलील है कि म्गबमेे ब्संनेम मे जो 10ए000 रूपये कम किये है वह विधिसम्मत नही है तथा इस बाबत् अप्रार्थीगण का कोई स्पष्टीकरण भी नही है। उनकी यह भी दलील है कि अप्रार्थीगण द्वारा लेबर राषि का जो आकलन 45,000 रू किया गया है वह कम है। अतः परिवादीया को पूरा क्लैम 1,86,000 रू ब्याज सहित व मानसिक हर्जाना व परिवाद व्यय अप्रार्थीगण से दिलाये जाने की प्रार्थना की।
7. इसका प्रबल विरोध करते हुए विद्वान अप्रार्थी बीमा कम्पनी के अभिभाषक की दलील है कि सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थीया को उसके नुकसान पेटे 40,467 रू बनते थे। जो प्रार्थीया को अदा करने के लिए तैयार है लेकिन परिवादिया स्वयं यह राषि लेने से मना कर रही है इस करण उसका कोई सेवा दोष नही है। इनकी यह भी दलील है कि डै च्पचम 5ष् का निर्धारण इसलिए नही किया गया क्योकि मौके पर पाईप क्षतिग्रस्त नही पाए गये तथा परिवादिया द्वारा इस बाबत् कोई संतोषपद् जवाब नही दिया गया इसलिए यह राषि परिवादिया प्राप्त करने की अधिकारी नही है। उनकी यह भी दलील है कि डै च्पचम 5ष् की राषि 47,520 रू बतायी गयी है उसको भी प्रार्थीया ने साबित नही किया है न ही लडावत इंजिनियरिग वक्र्स का इस बाबत् कोई शपथ-पत्र है तथा यह पैसा लडावत इंजिनियरिग वक्र्स को अदा किया हो ऐसी भी कोई रसीद नही है। इस कारण डै च्पचम 5ष् की क्षति 47,520 रू की हुई हो साबित नही है। उनकी यह भी दलील है कि सर्वेयर रिपोर्ट दिनांक 18.06.2014 को प्रथम बार सर्वे कर रिपोर्ट की ।ैैम्ैैम्क् स्व्ैै के सीरियल नम्बर 10 के क्र.स 01 मे ळंसअंदप्रमक ैीममजे 10ष्’4ष्ए5 च्बे/ त्ेण्1400त्र70ए000ण् टाईप गलती से दर्ज हो जाने से 94,710 रू का क्लैम भेजा जबकि वास्तविक तथ्य यह है कि सीरियल नम्बर 1 मे ळंसअंदप्रमक ैीममजे 10ष्’4ष्ए5 च्बे/ त्ेण्1400त्र7ए000ण् रू केवल मात्र होते है। जिसका संषोधन पुरी क्लैम सीट मे होने से स्वतं बदलाव आ जाना स्वाभाविक है। उनकी यह भी दलील है कि परिवादिया को 45,000 रू स्ंइवनत - त्मचंपत त्मउवअंस - त्मपिजपदह व िकंउंहमक के अलग से दिये गये है। इस प्रकार सर्वे मे आयी कुल क्षति मे ैंसअंहमए म्गबमेे ब्संनेमए टंजमए क्मचतमेेपवद आदि को काटकर 40,467 रू दिये गये है। जो परिवादिया स्वयं ने लेने से इनकार किया है। इस कारण अप्रार्थी बीमा कम्पनी का कोई सेवा दोष नही है। इसलिए परिवादिया का परिवाद मय हर्जे खर्चे के खारिज किया जावें।
8. उभयपक्षों के तर्को पर मनन किया गया व पत्रावली का ध्यानपूर्वक परिषिलन किया गया हमने अप्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत सर्वेयर की ।ैैम्ैैम्क् स्व्ैै त्मचवतज दिनांक 03.07.2014 का अवलोकन किया गया उसमे ळंसअंदप्रमक ैीममजे 10ष्’4ष्ए5 च्बे/ त्ेण्1400त्र7ए000ण् रू जो बनते है वह अप्रार्थीगण ने सही आकलन किया है। त्रुटिवष 70,000 रू टाईपिग मिस्टेक से अंकित होना प्रकट है। जहा तक अप्रार्थीगण द्वारा म्गबमेे ब्संनेम की राषि 10,000 रू जो काटी गयी है वह भी बीमा शर्तो के अनुसार होने के कारण विधि सम्वत् हैै। क्योकि परिवादिया द्वारा पेष बीमा पाॅलिसी के ैज्।छक्।त्क् थ्प्त्म् - ैच्म्ब्प्।स् च्म्त्प्स्ै प्छैन्त्।छब्म्.च्व्स्प्ब्ल् ैब्भ्म्क्न्स्म् मे डमजमतपंस क्ंउंहम ब्संपउे रू प् िजीम जवजंस ेनउ पदेनतम व िंसस चवसपबपमे ंज वद सवबंजपवद पे ;दवज ंचचसपबंइसम जव क्ूमससपदहेद्ध न्च जव 10 ब्तवतमे 5: व िबसंपउ ंउवनदज ेनइरमबज जव ं उपदपउनउ व ित्नचममे 10ए000 अतः यह राषि भी बीमा शर्तो के अनुसार काटी गई है जो उचित है जहा तक लेबर चार्ज का प्रष्न है। सर्वेयर की सर्वे रिपोर्ट दिनांक 03.07.2014 मे इस मद मे परिवादिया को 45,000 रू दिये गये है। जिसमे स्ंइवनत - त्मचंपत त्मउवअंस - त्मपिजपदह व िकंउंहमक ेीमक 150ष्’20ष्ए3000ेुण्जिण्/ त्ेण्15त्र45ए000 त्नचममे माना है। वह उचित है क्योकि परिवादिया ने जो लेबर का कोटेषन पेष किया है उसको न तो साबित कराया है न ही उसका कोई भुगतान रकम का बिल दिया है न ही लेबर राषि प्राप्त करने वाले का शपथ-पत्र है अतः परिवादिया ने इतनी राषि का भुगतान किया हो यह साबित नही है जबकि अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट मे यह माना है कि 45,000 रू स्ंइवनत - त्मचंपत त्मउवअंस - त्मपिजपदह व िकंउंहमक मे खर्च हुए अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा इस मद मे दी गई राषि उचित है।
9. जहा तक परिवादिया का यह कथन कि उसके ठमंउ च्पचम 5ष्ण् जो डेमेज हुए थे उनकी राषि का आकलन अप्रार्थी द्वारा नही किया गया इस सम्बंध मे अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत सर्वेयर की सर्वे रिपोर्ट दिनांक 03.07.2014 का अवलोकन करे तो ।ेेमेेमक सवेे के सीरियल नम्बर 6 मे ठमंउ च्पचम 5ष्ण् जो बताये गये है। लेकिन उसकी कोई क्षति की राषि का आकलन नही किया गया है उसका कारण यह बताया है कि डै च्पचम 5ष् मे कोई क्षति नही पाई गयी थी ओर बीमा धारक ने कोई संतोषपद् जवाब नही दिया लेकिन परिवादिया ने अपने पत्र दिनांक 24.06.2014 जो सर्वेयर को भेजा गया उसमे डै च्पचम 5ष् च्संजम के क्षतिग्रस्त होने बाबत् बात बतायी है ओर मौके के फोटोग्राफ भी भेजे गये थे लेकिन इस पर सर्वेयर ने कोई विचार नही किया गया। परिवादिया ने पत्र दिनांक 24.06.2014 की प्रति पत्रावली मे पेष की है तथा डै च्पचम 5ष् के फोटोग्राफ जो सर्वेयर को भेजे गये थे उनकी काॅपी भी पत्रावली मे पेष की गई है। इस बाबत् अप्रार्थीगण की कोई खण्डनीय साक्ष्य नही है। कि इन फोटोग्राफ को क्यो नही माना जावें। तथा मौके के फोटोग्राफ का अवलोकन करे तो उसमे टीन सेड़ के स्टेक्चर के रूप मे ठमंउ च्पचम 5ष् काम मे लिया जाना दर्षित है। जो दिनांक 18.04.2014 को शाम 7.00 बजे तुफान आने से टीन सेड़ के क्षतिग्रस्त होने के कारण मौके पर ठमंउ च्पचम 5ष् टूटे हुए है। जो मौके के पेष किये गये फोटोग्राफ से स्पष्ट रूप से साबित है जहा तक इनकी क्षतिपूर्ति राषि के बाबत् प्रष्न है परिवादिया ने यह राषि 47,500 रू बतायी है। लेकिन इस राषि को प्रार्थीया ने साबित नही कराया है। न ही लडावत इंजिनियरिग वक्र्स का कोई शपथ-पत्र पेष किया है न ही इस राषि की कोई प्राप्ति रसीद पेष की गई है। लेकिन मौके के फोटोग्राफ जो परिवादिया द्वारा पत्रावली मे पेष किये गये है। उनमे डै च्पचम 5ष् से सम्बधित फोटोग्राफ का अवलोकन करे तो उसमे डै च्पचम 5ष् टूटे हुए दर्षित है तथा उनका रिपेरिग किया हुआ है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए परिवादिया को अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा 20,000 रू की राषि इस मद मे अप्रार्थी बीमा कम्पनी के द्वारा नही दी गयी है जो अप्रार्थीगण का सेवा दोष है।
फलतः बिन्दु संख्या 2 आंषिक रूप से परिवादिया के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
10. बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 2 आंषिक रूप से परिवादिया के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादीया का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है जो स्वीकार किया जाता है । जहां तक क्लेम की राषि का प्रष्न है परिवादीया अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा पूर्व मे स्वीकृत क्लैम राषि 40,467 रू के अलावा 20,000 रू मे से जो नियमानुसार साल्वेज, डेपरिसियेसन काटने के पश्चात् अप्रार्थीगण से प्राप्त करने का अधिकारी है। अतः उक्त समस्त राषि पर परिवादिया परिवाद दायर होने की तिथि दिनांक 02.12.2014 से 9 प्रतिषत वार्षिक दर से वसूली तक ब्याज पाने के हकदार है। साथ ही परिवादी को मानसिक वेदना के लिए 2000/- रूपये अक्षरे रू. दो हजार तथा परिवाद व्यय के 1000 रू अक्षरे रू एक हजार मात्र दिलाया जाना उचित है।
ः-ः आदेष:-ः
परिणामतः प्रार्थीया का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्व आंषिक रूप सेे स्वीकार किया जाकर अप्रार्थीगण को आदेषित किया जाता है कि वे आज से 2 माह के भीतर भीतर परिवादीया को पूर्व मे स्वीकृत क्लैम राषि 40,467 रू के अलावा 20,000 रू मे से नियमानुसार साल्वेज,डेपरिसियेसन काटने के पश्चात् उक्त समस्त राषि एवं उस पर परिवाद प्रस्तत करने की तिथि दिनांक 02.12.2014 से 9 प्रतिषत वार्षिक दर से तावसूली तक ब्याज अदा करे साथ ही मानसिक वेदना के लिए 2,000 /- रूपये अक्षरे रू. दो हजार तथा परिवाद व्यय के 1000 रू अक्षरे रू एक हजार रूपये भी दो माह के भीतर अदा करे ।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।
आदेश आज दिनांक 29.10.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।