Uttar Pradesh

Fatehpur

MA/14/2023

PRABHA SINGH - Complainant(s)

Versus

SBI GEN. INS. CO. LTD. THROUGH BRANCH MANAGER - Opp.Party(s)

PRABHAKAR DIXIT

11 Apr 2023

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSALCOMMISSION
FATEHPUR
 
Miscellaneous Application No. MA/14/2023
In
 
 
PRABHA SINGH
Vs.
SBI GEN. INS. CO. LTD. THROUGH BRANCH MANAGER
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RAM NARESH MAURYA PRESIDENT
 HON'BLE MRS. PADMINI ANAND MEMBER
 HON'BLE MR. RAKESH KUMAR SINGH MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 11 Apr 2023
Order

           पत्रावली पेश हुयी उभय पक्ष उपस्थित हैं। ग्राह्यता के बिन्दु पर उभय पक्षों को सुना गया. पत्रावली का अवलोकन किया गया।

          प्रकीर्ण वाद दर्ज हो।

           परिवादिनी प्रभा सिंह ने अपने पति स्व० विष्णुसेवक सिंह की मृत्यु दिनांक 14.02.2019 की रात्रि 9.30 बजे हो जाने के कारण विपक्षी के विरूद्ध मु0 50,00,000/- रू० बीमा धनराशि दिलाये जाने की याचना की है। कहा गया है कि चेक नं०-000041 बैंक खाता सं0-22980200000012 बैंक आफ बड़ौदा दरियामऊ के चालू खाते से दिनांक 03.02.2019 को प्रीमियम का भुगतान विपक्षी बीमा कम्पनी के खाते में प्रस्ताव के साथ किया गया था। इसकी धनराशि मु0 2773/- रू० अदा करके बीमा हुए थे। परिवादिनी नामिनी है इसलिये बीमा का लाभ मु0 50,00,000/- रू० दिलाया जाय।

           इस सम्बन्ध में विपक्षी की ओर से उपस्थित होकर आपत्ति प्रस्तुत की गयी और कहा गया कि दावा कालबाधित है। बीमा पालिसी के अन्तर्गत नहीं है, कोई पालिसी नहीं है इसलिये धोखाधड़ी पर आधारित है. अतः याचिका निरस्त की जाय।

            परिवादिनी की ओर से कागज सं0-9 प्रार्थना पत्र मियाद अधिनियम से बाधित होने पर छूट के लिये भी दिया गया है। कहा गया है कि परिवाद सं0-29/21 दिनांक 24.02.2021 को दाखिल किया गया था क्योंकि क्षेत्राधिकार के बाहर होने के कारण परिवाद वापस ले लिया गया था।

            आपत्ति करते हुए विपक्षी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि दावा कालबाधित है। पूर्व में दाखिल परिवाद को वापस लिया गया। वह भी कालबाधित था क्योंकि दुर्घटना दिनांक 14.02.2019 को हुयी है और दावा दिनांक 24.02.2021 को दाखिल किया गया है। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि दावा कालबाधित नहीं है। आयोग के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत नहीं आ रहा था इसलिये वापस ले लिया गया था।

            प्रस्तुत मामले में दिनांक 14.02.2019 को मृत्यु होना कहा गया है और दिनांक 03.02.2019 को मु० 2773/- रू0 का चेक प्रीमियम के लिये जारी किया जाना कहा गया है। पत्रावली पर उपरोक्त चेक दिनांकित 03.02.2019 की फोटोप्रति है, जो कि एस0बी0आई0 जनरल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड के नाम से जारी है। उपरोक्त चेक की धनराशि के नगदीकरण के सम्बन्ध में कागज सं0-5/6 दाखिल किया गया है जिसके अनुसार 2 चेक दिनांक 01.05.2019 को नगदीकृत हुए हैं। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि मृत्यु की तिथि 14.02.2019 को विपक्षी बीमा कम्पनी के खाते में प्रीमियम वसूल होकर नहीं गया था। इसी लिये कोई बीमा पालिसी भी जारी नहीं की गयी। इसके अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि विष्णुसेवक सिंह व्यवसायी थे। उपरोक्त चेक पर उसके हस्ताक्षर जो किये गये हैं वह पूर्ण रूप से "विष्णु सेवक सिंह" लिखा गया है जबकि प्रस्ताव में अंग्रेजी में संक्षिप्त हस्ताक्षर “V.S. Singh" लिखा गया है, जो संदेह की पुष्टि करता है कि मृत्यु के पश्चात् प्रस्ताव तैयार किया गया है।

          जहाँतक मियाद अधिनियम के अन्तर्गत दावा बाधित होने का प्रश्न है निश्चित रूप से पूर्व में दाखिल दावा और प्रस्तुत दावा 2 वर्ष के बाद प्रस्तुत किये गये हैं जिसका कोई युक्तियुक्त स्पष्टीकरण नहीं है इसलिये मियाद से क्षमा किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। अतः प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा-5 मियाद अधिनियम निरस्त किया जाता है एवं प्रकीर्ण बाद ग्राहयता के स्तर पर ही निरस्त किया जाता है। जो न्याय शुल्क का डिमाण्ड ड्राफ्ट अदा किया गया है उसे वापस किया जाय।

         पत्रावली दाखिल दफ्तर की जाय।

 
 
[HON'BLE MR. RAM NARESH MAURYA]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. PADMINI ANAND]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. RAKESH KUMAR SINGH]
MEMBER
 

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