वादी अनुपस्थित। विपक्षी सं 1 से 5 के अधिवक्ता उपस्थित।
विपक्षी सं0 1 से 5 के अधिवक्ता पूर्व में दाखिल लिखित बहस के पारा- 3, 4, 5 और 6 एवं अनुलग्नक –ए और बी की ओर हमलोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं और कहते हैं कि वादी और विपक्षी के बीच समझौता हो गया है तथा वादी को क्रेडिट कार्ड क्लीन अप दे दिया गया है लेकिन दिनांक 03.04.17 के आदेशानुसार वादी द्वारा आजतक स्थिति स्पष्ट नहीं किया गया है अतएव प्रस्तुत वाद में उचित आदेश पारित कर दिया जाय।
अभिलेख के अवलोकन से ज्ञात होता है कि वादी के अधिवक्ता द्वारा दिनांक 03.04.17 को विपक्षी सं0 1 से 5 द्वारा दिये गये उक्त बयान के आलोक में स्थिति स्पष्ट करने हेतु एक समय की माँग किया गया था , किन्तु वादी द्वारा आज तक गत आदेश का पालन नहीं किया गया है और आज पुकार पर न तो वादी उपस्थित हुये और ना ही उनकी ओर से कोई उचित पैरवी की गई।
विपक्षी सं0 1, से 5 के अधिवक्ता को सुना और अभिलेख एवं विपक्षी सं0 1 से 5 के द्वारा पूर्व में दाखिल लिखित बयान का अवलोकन किया।
विपक्षी सं0 1 से 5 द्वारा दाखिल लिखित जवाब के पारा -3, 4, 5 और 6 में निम्न तथ्य वर्णित है :-
“The subsequent development is that on 10.09.2014 a credit clean up letter was offered to the complainant that his account can be settled on the payment of Rs. 47,100/- in maximum four installments before 20.12.2014 against the total outstanding of Rs. 1,20,267.96.
It is stated that complainant accepted the offer and made payment as follows:-
Sl No. | Date of payment | No. of Installment | Amount |
1 | 17.09.14 | 1 | 11,775/- |
2 | 16.10.14 | 2 | 11.775/- |
3 | 18.11.14 | 3 | 11775/- |
4 | 26.12.14 | 4 | 11775/- |
It is further stated that related necessary account statement dated 10.10.14, 10.11.14, 10.01.15 and 10.02.15 are annexed herewith this petition for the better adjunction of the case.
It is evident that the complainant himself opted to settle the account with the Opposite parties and made payment as per the agreement and accordingly Opposite parties have zeroised the account and credit clean up has been done.
It is stated that when all the grievances of complainant has been zeroized, then there is no any significance and occasion to complainant to continue this matter till date. Therefore, the complainant is not entitled to get relief and the complaint filed by him is fit to be dismissed.”
उपरोक्त वर्णित परिस्थिति में विपक्षी सं0 1 से 5 के द्वारा दाखिल लिखित बहस के पारा 3, 4, 5 और 6 में वर्णित तथ्य एवं अनुलग्नक ए0 और बी के आलोक में तथा वादी द्वारा दिनांक 03.04.17 के आदेश के अनुलपालन में आजतक स्थिति स्पष्ट नहीं करने के कारण प्रस्तुत वाद खारिज किया जाता है ।