Ranveer Singh filed a consumer case on 15 Dec 2014 against SBBJ in the Sikar Consumer Court. The case no is CC/589/2013 and the judgment uploaded on 24 Mar 2015.
जिला फोरम उपभोक्ता विवाद निवारण, सीकर
परिवाद संख्या:589/13
अध्यक्ष महेन्द्र कुमार अग्रवाल
सदस्य कृष्ण कुमार शर्मा
सदस्या श्रीमती सुमन शर्मा
रणवीर सिंह पुत्र रामनिवास जात जाट निवासी ग्राम बिडोदी छोटी तह0 लक्ष्मणगढ जिला सीकर
-प्रार्थी /परिवादी
ब ना म
स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर शाखा लक्ष्मणगढ जिला सीकर राज0 जरिये प्रबंधक
- अप्रार्थी/प्रतिपक्षी
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986
:ः नि र्ण य:ः दिनांकः 2.2.15
परिवादी रणवीरसिंह पुत्र रामनिवास ने अप्रार्थी एसबीबीजे शाखा, लक्ष्मणगढ जिला सीकर के प्रबंधक के विरूद्व एक परिवाद धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 के अंतर्गत पेष किया ।
2. परिवादी द्वारा पेष किये गये परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अप्रार्थी बैंक के यहां एक पीपीएफ खाता संख्या 61089364198 व दूसरा बचत खाता संख्या 61039622139 खुलवा रखा है। परिवादी ने दि0 22.7.13 को 49000 रू. व दि0 23.7.13 को 49000 रू. कुल 98000 रू. अपने बचत खाते के स्थान पर पीपीएफ खाते में जमा करवा दिये । दिनांक 24.7.13 को परिवादी ने अप्रार्थी बैंक से संपर्क कर पीपीएफ खाते में जमा की गयी राषि 98000 रू. को बचत खाते में जमा करने के लिए कहा , इस पर अप्रार्थी बैंक ने गलत रूपसे पीपीएफ में जमा हो गयी राषि 98000 रू. को उसके बचत खाते में जमा करने का लिखित आदेष परिवादी द्वारा पेष किये गये प्रार्थना पत्र दिनांक 24.7.13 पर रिवर्स अलाउड के रिमार्क के साथ कर दिया । अप्रार्थी बैंक के अधिकारी के इस रिमार्क के पष्चात् भी अप्रार्थी बैंक ने परिवादी के पीपीएफ खाते में सहवन से जमा राषि कुल 98000 रू. को निकालकर उसके बचत खाते में जमा नही किया और बार बार टालमटोल करते रहे। तत्पष्चात् दिनांक 19.8.13 को स्पष्ट रूपसे इंकार कर सेवा में न्युनता कारित की है,इसलिये अप्रार्थी बैंक को यह आदेषित किया जाये कि परिवादी के बचत खाते की जगह पीपीएफ खाते में जमा हो गयी राषि 98000 रू. उसके पीपीएफ खाते से निकालकर उसके बचत खाते में जमा करें और परिवादी को मानसिक संताप व परिवाद व्यय की क्षतिपूर्ति राषि दिलायी जाये।
3. अप्रार्थी बैंक की ओर से अपने जवाब में परिवादी का अपनी शाखा में बचत खाता व पीपीएफ खाता होने के संबंध में कोई विवाद नही किया गया है और यह कहा गया कि परिवादी ने अपने परिवाद में स्वयं यह कथन किया है कि उसने दिनांक 22.7.13 को 49000 रू. व दिनांक 23.7.13 को 49000 रू. कुल 98000 रू. भूलवष बचत खाते की जगह पीपीएफ खाते में जमा करा दिये । कंेद्र सरकार का यह नियम है कि यदि किसी कर्मचारी द्वारा पीपीएफ खाते में एक बार राषि जमा कर दी जाती है तो कर्मचारी के पीपीएफ खाते से 6 वर्ष तक राषि निकाली नही जा सकती तथा बैंकिंग व्यवस्था के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने पीपीएफ खाते में अप्रार्थी की किसी भी शाखा में रू. जमा करवा सकता है और बैंक का ऐसा कोई नियम नही है कि पीपीएफ खाते में चालान से ही यह रकम जमा की जाती हो,इसलिये परिवादी का यह परिवाद आधारहीन होने के कारण खारिज किया जाये।
4. हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का सावधानीपूर्वक अवलोकन किया।
5. इस संबंध में कोई विवाद नही है कि परिवादी का अप्रार्थी बैंक की शाखा में पीपीएफ खाता संख्या 61089364198 व बचत खाता संख्या 61039622139 है। परिवादी अपने परिवाद में भी यह बात स्पष्ट रूपसे कह कर आया है कि दि0 22.7.13 को 49000 रू. व दि0 23.7.13 को 49000 रू. कुल 98000 रू. भूलवष उसने बचत खाते की जगह पीपीएफ खाते में जमा करा दिये , तत्पष्चात् इस राषि को पीपीएफ खाते से बचत खाते में जमा करने के लिए कहा गया तो उस पर बैंक अधिकारी द्वारा रिवर्स अलाउड का आदेष कर दिया ,उसके पष्चात् भी बैंक के द्वारा इस राषि को पीपीएफ खाते से निकालकर उसके बचत खाते में जमा नही करवायी जिससे वह अपनी इस राषि का उपयोग नही कर सका ।
6. जब परिवादी द्वारा बचत खाते के स्थान पर स्वयं पीपीएफ खाते में दिनांक 22.7.13 को 49000 रू. व दिनांक 23.7.13 को 49000 रू. कुल 98000 रू. जमा करवाये
गये हैं और बैंक द्वारा उसके पीपीएफ खाते में जमा किये गये है तो यह नही कहा जा सकता कि बैंक के द्वारा किसी भी प्रकार की सेवा में कोई न्युनता कारित की गयी है।
7. अब जहां तक इस बात का प्रष्न है कि परिवादी के द्वारा बैंक में दिनांक 24.7.13 को प्रार्थना पत्र इस आषय का प्रस्तुत करने पर बैंक अधिकारी के द्वारा रिवर्स अलाउड का आदेष पारित किये जाने के उपरांत भी बैंक द्वारा उसके पीपीएफ खाते से यह राषि निकालकर बचत खाते में जमा नही करवायी गयी है,हमारी राय में बैंक प्रबंधन बैंक के नियमों के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य है । अप्रार्थी बैंक की ओर से पीपीएफ खाते से संबंधित दिषानिर्देष पेष किये गये हैं जिसमें यह बताया गया है कि पीपीएफ योजना एक राजकीय योजना है जो कंेद्र सरकार द्वारा पब्लिक प्रोविडेंट फंड अधि0,1968 के तहत जारी की गयी है। इसके अंतर्गत एक बार पैसा जमा करवाये जाने पर उपभोक्ता के द्वारा 6 वर्ष से पूर्व पैसे का विड्र्ाल नही किया जा सकता है और 6 से 15 वर्ष के बीच वह जमा की गयी राषि में से आधी राषि निकाल सकता है । बैंक प्रबंधन द्वारा परिवादी के पीपीएफ खाते में से यह राषि निकालकर उसके बचत खाते में नियमानुसार जमा नही करवायी जा सकती । यदि किसी बैंक अधिकारी द्वारा भूलवष या नियमों के विरूद्व परिवादी के प्रार्थना पत्र पर कोई आदेष एमाउंट रिवर्सल का कर दिया जाता है तो भी बैंक प्रबंधन, अधिकारी के इस आदेष से नियमों के विरूद्व कार्य करने के लिए बाध्य नही है परंतु यह बात उल्लेखनीय है कि यदि बैंक अधिकारी द्वारा ऐसा काई आदेष किया जाता है तो वह या तो उसकी अज्ञानता का परिचायक है अथवा उसे बैंक नियमों की जानकारी नही है जिसके विरूद्व बैंक नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए सक्षम है।
8. चूंकि बैंक द्वारा परिवादी के साथ किसी प्रकार की सेवा में न्युनता नही की गयी है और परिवादी के रूपये उसके द्वारा जमा करवाये गये पीपीएफ खाते में जमा है,इसलिये परिवादी का यह परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नही है । परिणामस्वरूप परिवादी का परिवाद सारहीन होने से खारिज किये जाने योग्य है।
:: आ दे श ::
परिवादी का यह परिवाद विरूद्व अप्रार्थी बैंक एसबीबीजे सारहीन होने के कारण खारिज किया जाता है। परिस्थितियों को देखते हुए खर्चा पक्षकार अपना अपना स्वयं वहन करें।
निर्णय आज दिनांक 02.02.15 को सुनाया गया।
श्रीमती सुमन शर्मा कृष्ण कुमार शर्मा महेंद्र कुमार अग्रवाल
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