Rajasthan

Ajmer

CC/306/2014

HANUMAN SINGH - Complainant(s)

Versus

SBBJ - Opp.Party(s)

ADV.JOGENDRA SINGH

24 May 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/306/2014
 
1. HANUMAN SINGH
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SBBJ
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री हनुमान सिंह राठौड वयस्क पुत्र श्री श्रवण सिंह जी , जाति - राजपूत, निवासी-मोतीनगर,गोविन्दपुरा, सेंदड़ रोड, ब्यावर, जिला-अजमेर । 

                                                -         प्रार्थी

                            बनाम

षाखा प्रबन्धक, स्टेट बैंक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर, होटल विनोद, स्टेषन रोड, ब्यावर, जिला-अजमेर (राजस्थान)
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 306/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री जोगेन्द्र सिंह राठौड, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री जी.एल.अग्रवाल, अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 02.06.2016
 
 1.          प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि  उसका अप्रार्थी बैंक के यहां खाता संख्या 61023015870 संघारित है ।  उसने दिनंाक 26.09.2014 को अप्रार्थी बैंक की सतपुलिया, ब्यावर स्थित षाखा के मार्फत अपने उक्त खाते में रू. 15,500/- जमा कराए। अप्रार्थी बैंक ने इन्टरसिटी चार्जेज के नामे से उसके खाते में से रू. 31/-  अवैध रूप से काट लिए  इसके भुगतान हेतु उसने अप्रार्थी बैंक से कई बार निवेदन किया किन्तु काटी गई राषि का भुगतान नहीं करने पर उसने दिनंाक 27.09.2014 को नोटिस भी दिया किन्तु अप्रार्थी बैंक ने कोई कार्यवाही नहीं की । प्रार्थी ने इसे अप्रार्थी बैंक की सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया । 
2.    अप्रार्थी बैंक ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि  प्रार्थी से  प्रष्नगत रू. 31/- की राषि  परिपत्र क्रमांक पीएलजी/6/13-14  दिनंाक 25.1.2014 के आधार पर नोन होम षाखा में राषि जमा कराए  पर वसूल की गई है । अप्रार्थी बैंक ने उक्त राषि वसूल कर कोई सेवा में कमी नहीं की है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में श्री डी.सी.बटवाडा, वरिष्ठ प्रबन्धक का षपथपत्र पेष किया गया है । 
3.    प्रार्थी की बहस रही है कि उसका बैंक खाता अप्रार्थी षाखा ब्यावर में रहा है तथा  26.9.2014 को उक्त बैंक की  सतपुलिया  ब्यावर स्थिति षाखा के माध्यम से  रू. 15,500/-  जमा कराए जाने के बाद अवैधानिक रूप से उसके खाते से रू. 31/- काटे गए हैं । जबकि अप्रार्थी बैंक की दोनों  ही षाखाएं  ब्यावर में  विद्यमान हैं ।  कानूनन एक ही ष्षहर में विद्यमान अलग अलग ष्षाखाओं  में राषि जमा कराए जाने पर इन्टरसिटी चार्जेज के नाम पर कोई राषि नहीं काटी जा सकती । 
4.    अप्रार्थी बैंक ने इन तर्को का खण्डन किया व सतपुलिया ष्षाखा में प्रार्थी द्वारा  जमा कराई गई राषि पर नियमानुसार बैंक द्वारा निर्धारित  चार्जेज  लगाया जाना बताया व परिवाद खारिज किए जाने योग्य बताया ।
5.    हमने परस्पर तर्क सुने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक  अवलोकन कर लिया है । 
6.    यह स्वीकृत स्थिति रही है कि प्रार्थी का अप्रार्थी बैंक की षाखा  स्टेषन रोड में खाता है तथा उसके द्वारा दिनांक 26.9.2014 को अप्रार्थी बैंक की सतपुलिया ष्षाखा में रू. 15,500/- जमा करवाए जाने पर उसके खाते से  रू. 31/- इन्टरसिटी चार्जेज के रूप में काटे गए हैं । अप्रार्थी बैंक के अनुसार ऐसी कटौती प्रचलित परिपत्र क्रमांक च्स्ळध्6ध्13.14 दिनांक 25.1.2014  के अनुसार की गई  है ।  प्रार्थी क़ा का इस पर विरोध है  व तर्क प्रस्तुत किया गया कि इस परिपत्र को लागू किए जाने से पूर्व परिपत्र के नीचे दी गई गाईड लाईन्स  की अप्रार्थी बैंक द्वारा कोई पालना नहीं की गई, इसलिए काटी गई राषि अनुचित व अवैध है । यह भी स्वीकृत स्थिति है कि उक्त परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार यदि  नोन होम षाखा में नगद राषि जमा कराई जाती है तो प्रति हजार  रू 2/-  एवं न्यनूतम रू. 25/- चार्जेज लिए जाने का प्रावधान है ।  इस परिपत्र के नीचे अंकित दिषा निर्देषों के अनुसार  रिवाईज्ड चार्जेज लिए जाने का नोटिस,  बैंक द्वारा अपने नोटिस बोर्ड पर लगाया जाएगा तथा व्यापक प्रचार प्रसार हेतु ैबतवससमते / टी.वी. स्क्रीन जो कि ष्षाखा में लगाई जाती है, उन पर  प्रदर्षित किया जाएगा । अप्रार्थी बैंक की ओर से न तो  यह  बताया गया और ना ही सिद्व किया गया कि उनकी  षाखा में इस परिपत्र में दिए गए दिषा निर्देषों  एवं षर्तो की पालना की गई । उक्त बैंक ष्षाखा पर इस नोटिस को  प्रचार एवं प्रसार हेतु प्रदर्षित  किया ग्रया हो, ऐसा भी उनकी ओर से सिद्व नहीं किया गया है । जब तक इस प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती तब तक अप्रार्थी बैंक को यह अधिकार  नहीं है कि वह इस परिपत्र की आड़ में  उपभोक्ताओं के संव्यवहार में कोई कटौती करें । यदि ऐसा  प्रचार प्रसार किया गया होता तो सम्भवतः  प्रार्थी  उक्त सतपुलिया षाखा में राषि जमा करवाने से पूर्व उक्त कटौती पर विचार करता । 
7.    सार यह है कि  अप्रार्थी बैंक द्वारा काटी गई राषि रू. 31/-  गलत रूप से काटी गई है व  उनके इस कृत्य से  सेवा में कमी  पाई गई है, यह सिद्व है । परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
        ःः- आदेष:ः-
8.    (1)    अप्रार्थी बैंक प्रार्थी के खाते में से  काटी गई राषि रू. 31/-, जिस दिन से राषि काटी गई है, उस दिनांक से प्रार्थी के खाते में जमा करें । 
             (2)       प्रार्थी अप्रार्थी बैंक  से मानसिक क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 1501/- भी प्राप्त करने का  अधिकारी होगा । 
              (3)       क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी  बैंक     प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में जमा करें/अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 02.06.2015 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
           
 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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