जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जैसलमेर(राज0)
1. अध्यक्ष ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य ः श्री मनोहर सिंह नरावत।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 03.05.2012
मूल परिवाद संख्या:- 33/2012
श्री सत्यनारायण पुत्र श्री उदयसिंह, जाति- चारण,
निवासी- आवास संख्या 5/183 इगानप. पुरानी काॅलोनी जैसलमेर व जिला जैसलमेर
............परिवादी।
बनाम
1ण् शाखा प्रबंधक स्टेट बैक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर रामगढ़
2ण् शाखा प्रबंधक स्टेट बैक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर षिव रोड़ जैसलमेर
3ण् शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैक स्टेषन रोड़ जैसलमेर
.............अप्रार्थीगण।
प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित/-
1. श्री मूलाराम चैधरी, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2. अप्रार्थी सं. 1 व 2 की ओर से श्री विमलेष कुमार पुरोहित अधिवक्ता उपस्थित।
3. अप्रार्थी सं. 3 की ओर से श्री जी.के.सोनी अधिवक्ता उपस्थित।
ः- निर्णय -ः दिनांक 08.06.2015
1. परिवादी का सक्षिप्त मे परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी सहायक अभियंता खण्ड द्वितीय इन्दिरा गाॅधी नगर परियोजना कार्यालय रामगढ़ मे मेट के पद पर कार्यरत है तथा परिवादी का बचत खाॅता एसबीबीजे शाखा रामगढ़ मे खुलवाया हुआ है तथा एटीएम भी रामगढ़ शाखा से जारी करवाया हुआ है। वर्तमान मे उसका बचत खाता जैसलमेर मे हस्तान्तरित करवा लिया था तथा वेतन भी एसबीबीजे जैसलमेर मे जमा होता है प्रार्थी अपना वेतन प्राप्त करने के लिये दिनांक 04.02.2012 को प्रातः 10.00 बजे रेलवे स्टेषन जैसलमेर स्थित एसबीबीजे के एटीएम पर गया लेकिन वहा पर मषीन खराब थी जिस कारण वह उसी दिन प्रातः 10.30 से 11.00 बजे गाॅधी काॅलोनी स्थित एसबीआई के एटीएम पर पहुचा तथा एटीएम से वेतन प्राप्त करना चाहा तो एटीएम से कोई रेसपोन्स नही मिला तथा न ही पर्ची मिली। उसके बाद वह पुनः जैसलमेर रेलवे स्टेषन एटीएम पर गया तो उसने 10,000 रू निकालने के लिये एटीएम कार्ड लगाया तो एटीएम मषीन द्वारा खाते मे प्राप्त राषि नही होने का सिंगनल देकर भुगतान करने से इन्कार कर दिया तब प्रार्थी को ज्ञात हुआ कि उसके बचत खाता से 10,000 रू कम हो चूके है। तब वह 11.30 बजे अप्रार्थी सं. 2 के कार्यालय मे पहुचा व प्रबधंक को मौखिक मे सारी जानकारी दी तो उन्हौने 12 घटे के भीतर राषि वापिस जमा होने का आष्वासन दिया दुसरे दिन दिनांक 05.02.2012 को अप्रार्थी सं. 2 ने अप्रार्थी सं. 1 के यहा षिकायत करने का कहा जिस पर उसने अप्रार्थी सं. 1 के यहा षिकायत की इसके बावजूद भी अप्रार्थीगण द्वारा कोई संतोषजनक जवाब न देकर राषि पुनः खातें मे जमा न कर सेवा दोष कारित किया है तथा राषि दिलाने व हर्जा खर्चा दिलाये जाने का निवेदन किया।
2. अप्रार्थीगण की तरफ से जवाब पेष कर प्रकट किया गया हैं कि दिनाकं 04.02.2012 को परिवादी ने एस.बी.आई के एटीएम मषीन से 10ः-50 बजे 10000 रूपये निकाल लिए जो एस.बी.आई के एटीएम की लाॅग प्रति, एटीएम पर्ची प्रति व प्रमाण पत्र जो प्रेषित किया गया कि उस दिन कोई अधिक राषि नहीं पाई गई तथा उसे 10000 हजार रूप्ये सफलता पूर्वक प्राप्त हो चूके है। उससे यह साबित है परिवादी ने यह परिवाद असत्य आधारांे पर प्रेषित किया हैं जो परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने का निवेदन किया
3. हमने विद्वान अभिभाषक एवं पक्षकारान की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4. विद्वान अभिभाषकगण पक्षकारान द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1. क्या परिवादिया एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2. क्या विपक्षीगण का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3. अनुतोष क्या होगा ?
5.बिन्दु संख्या 1:- जिसे साबित करने का संम्पूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनीयम के प्रावधानों के तहत पोषाणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में अप्रार्थी सं. 1व2 एसबीबीजे ने तो स्वीकार किया है कि प्रार्थीया का खाता सं. 51062169943 अप्रार्थी सं. 1 बैक मे है उसका एटीएम बैक से जारी किया हुआ है तथा खाता अप्रार्थी सख्यां 2 जैसलमेर के यहा स्थानान्तरित करा लिया था। अतः अप्रार्थी सं. 1व2 परिवादि का उपभोक्ता है बैक की आपस मे कई प्रकार की संविदाए है जिसमे एक सविदा यह भी है कि एक बैक का एटीएम दूसरे बैक मे खाता एटीएम कार्ड मे प्रयोग कर सकता है ओर इसी व्यवस्था के अन्तर्गत परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1व2 के खाते के एटीएम का प्रयोग अप्रार्थी सं. 3 एस.बी.आई के एटीएम पर किया है। यह स्थिति विपक्षीगण की स्वीकृत स्थिति है इसलिये परिवादी विपक्ष सं. 3 का भी उपभोक्ता हो जाता है।इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आती है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
6.बिन्दु संख्या 2:- जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षीगण का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटी के दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ? विद्वान परिवादी अभिभाषक की दलील है कि परिवादी प्रथम बार दिनांक 04.02.2012 को प्रातः10 बजे जैसलमेर रेलवे स्टेषन स्थित एस.बी.बी.जे के एटीएम पर गया परन्तु वहा मषीन खराब मिली तथा उक्त दिनांक को ही 10.30-11 बजे के मध्य गाॅधी काॅलोनी स्थ्ति एस.बी.आई के एटीएम पर पहुॅचा एटीएम से वेतन निकालने का प्रयत्न किया लेकिन एटीएम से कोई रेसपान्स नहीं मिला न ही कोई पर्ची मिली उनकी यह भी दलील हैं कि जब परिवादी जैसलमेर रेलवे स्टेषन पर गया तथा 10 हजार रूप्ये निकालने के लिए एटीएम कार्ड लगाया तो प्रर्याप्त राषि नहीं होना का तथ्य आया तब परिवादी को ज्ञात हुआ कि उसके बचत खाता मे से 10 हजार रूपये पहले ही निकल चुके हैं। जबकि परिवादी को इस प्रकार की राषि प्राप्त नहीं हुई इसकी षिकायत भी परिवादी ने अप्रार्थीगण के यहा की तथा अप्रार्थीगण द्वारा कोई सन्तोष प्रद जवाब नहीं देने पर बेंकिग लोकपाल को भी इसकी षिकायत की गई लेकिन परिवादी का रूपया वापिस नहीं मिला। अतः अप्रार्थीगण का यह कृत्य सेवा दोष की श्रेणी मे आता है उनकी यह भी दलील है कि परिवादी ने अपने सषपथ बयानों मे इस बात की ताईद की है तथा परिवादी ने इसकी षिकायत तुरन्त की थीे। जिससे यह प्रकट होता हैं कि परिवादी को एटीएम से 10 हजार रूपये प्राप्त नहीं हुये इतना ही नहीं उसने बैंकिग लोकपाल को इसकी षिकायत की यदि परिवादी को रूपया प्राप्त हो जाता तो इतनी छोटी रकम के लिए बार बार प्रयत्न नहीं करता उनकी यह भी दलील हैं कि सीसीटीवी फुटेज उस दिन के मागे गए थे लेकिन अप्रार्थीगण की तरफ से पेष नहीं किये गए। परिवादी को मषीन से कोई पर्ची नहीं मिली मषीन खराब थी। इस कारण भी अप्राथीगण का कार्य सेवा दोष की त्रुटि में आता है।
7. अप्रार्थीगण विद्वान अभिभाषक की दलील हैं कि परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1.रामगढ शाखा में जब षिकायत की तो उस पर जाॅच करवाई गई और एस.बी.आई बैंक से एटीएम के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त की गई चूकि परिवादी द्वारा व्यवहार एस.बी.आई के एटीएम से दिनाकं 04.02.2012 किया गया था। इस लिए एस.बी.आई बैंक जैसलमेर द्वारा अप्राथी सं. 1व2 को अवगत करवाया गया की उनके गांधी काॅलोनी जैसलमेर स्थिति एटीएम सं. ै10।003877004 द्वारा दिनांक 04.02.2012 को सुबह 10.50 बजे एस.बी.बी.जे के खाता सं.51062169943 से सफलात पूर्वक रूपये 10 हजार परिवादी ने प्राप्त किये है। इसके समर्थन मे दिनाकं 04.02.2012 लाग की प्रति, एटीएम पर्ची की प्रति व प्रमाण पत्र पेष किये गये। जिसमे परिवादी को अवगत करा दिया था। अतः परिवादी के उक्त खाते से सफलतापूर्वक राषि 10 हजार रूपये प्राप्त की कोई सेवा दोष कारीत नहीं किया नहीं मषीन में कोई त्रुटि नहीं थी उनकी यह भी दलील है कि बैंकिग लोकपाल द्वारा भी इसकी जाॅंच की गई उसमे भी ज्त्।छै।ब्ज्प्व्छ ैन्ब्ब्म्थ्न्स् होना पाया गया जिसको अप्रार्थीगण ने अपने शपथपत्र,दस्तावेज साक्ष्य से साबित किया। उनकी यह भी दलील है कि सीसीटीवी फुटजे जो परिवादी ने चाहे थे वो काफी देरी के बाद लम्बी अवधी के बाद चाहने से पूर्व नष्ट किये जाने के कारण उपलब्ध नहीं हो सकते अत फुटेज पेष नहीं होने पर विपरीत कयाष या अर्थ नहीं निकाला जा सकता हैं अत परिवादी का परिवाद खरिज किये जाने कि प्रार्थना की
8. उक्त पक्षों के तर्को पर मनन किया गया पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर हमारी राय इस प्रकार है कि परिवादी सत्यनारायण ने अपनी मौखिक साक्ष्य में यह प्रकट किया हैं कि दिनांक 04.02.2012 को प्रातः 10.30-11 बजे के मध्य गांधी कालोनी स्थित एस.बी.आई के एटीएम पर पहुचा तथा एटीएम से वेतन निकालने का प्रयत्न किया परन्तु इस एटीएम से कोई रेस्पोन्स नहीं मिला लेकिन मेरे बचत खाते में से 10000 रूपये निकल चुके थे। इस प्रकार भुगतान न होने पर भी उसके खाते से 10000 रूपये कम कर दिये गये जिसके कारण उसको 10000 रूपये का नुकसान अप्रार्थीगण की लापरवाही के कारण हुआ जो वह प्राप्त करने का अधिकारी है। इसके खण्डन में अप्रार्थीगण ने अपने शपथ साक्ष्य में यह बताया है कि दिनांक 04.02.2012 को परिवादी ने गांधी कालोनी जैसलमेर स्थित एस.बी.आई के एटीएम से 10.50 बजे 10000 रूपये प्राप्त किये इसके सम्बन्ध में उक्त दिनांक 04.02.2012 के एटीएम के लाग की प्रति एटीएम पर्ची की प्रति व प्रमाण पत्र प्रेषित कर यह प्रकट किया है कि परिवादी ने 04.02.2012 को एस.बी.आई के गांधी कालोनी जैसलमेर स्थित एटीएम से सुबह 10.50 बजे सफलतापूर्वक दस हजार रूपये की राषि प्राप्त की। इस सम्बन्ध में अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत एटीएम लाग प्रति से यह प्रकट है कि परिवादी ने अपने खाता सं. 51062169943 से एस.बी.आई गांधी कालोनी के एटीएम सं. ै10।003877004 से दिनांक 04.02.2012 को सुबह 10.50 बजे एस.बी.बी.जे के एटीएम से 10000 रूपये निकाल लिये थे। क्योकि परिवादी द्वारा ही बैंक के एटीएम में डाला जाकर ब्वकम छनउइमत बताये जाने पर ही राषि निकाली जा सकती हैं जो निकाली गई। तथा एटीएम पर्ची स्लिप जो अप्रार्थीगण द्वारा पेष की गई है। उससे भी यह स्पष्ट रूप से प्रमाण्ति है कि परिवादी के खाते मे से 10000 रूपये की राषि दिनाकं 04.02.2012 को सुबह 10.50 बजे एटीएम गांधी कालोनी जैसलमेर से ूपकतवसस हुए है। तथा शेष उसके खाते में 10000 रूपये निकालने के पश्चात 7819.45 रूपये रहे। तथा उक्त स्लिप रोल की प्रति क्रमाानुसार है। तथा अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत दिनांक 09.05.2012के पत्रानुसार छव ब्ंेी म्गबमेे थ्वनदक ब्मतजपपिबंजम के अनुसार उस दिन दिनांक 04.02.2012 से 05.02.2012 तक को राषि अधिक नहीं मिली अत एटीएम लाग भारतीय स्टेट बैंक शाखा जैसलमेर से प्राप्त छव ब्ंेी म्गबमेे के प्रमाण पत्र तथा स्वीच सेन्टर रिपोर्ट जिसमें दिनाकं 04.02.2012 को ज्त्।छै।ब्ज्प्व्छ ैन्ब्ब्म्थ्न्स् रहना बताया है। और श्रच् स्वह में इसका लेन देन सफल होने का त्मेचवदेम ब्वकम 000 दर्षाया गया हैं अतः अप्रार्थीगण की मौखिक साक्ष्य का समर्थन प्रस्तुत दस्तावेजात से भी होता है अत अप्रार्थीगण की खण्डनीय साक्ष्य को न मानने का कारण हमारे समक्ष नहीं हैं ं अतः अप्रार्थीगण ने कोई सेवा दोष कारित नहीं किया हैं । अतः बिन्दू सं. 2 अप्राथीगण के पक्ष मे निस्तारित किया जाता है।
9. बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 2 अप्रार्थीगण के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है जो अस्वीकार कर खारीज किया जाता है ।
ः-ः आदेष:-ः
परिणामतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्व अस्वीकार किया जाकर खारीज किया जाता है । पक्षकारान अपना -अपना खर्चा स्वयं वहन करेंगें ।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।
आदेष आज दिनांक 08.06.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।