Rajasthan

Churu

563/2011

SHER SINGH - Complainant(s)

Versus

SBBJ SADULPUR - Opp.Party(s)

KANISHK SHARMA

20 Nov 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 563/2011
 
1. SHER SINGH
VPO CHANNA BADA GHANAU RAJGARH CHURU
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Shiv Shankar PRESIDENT
  Subash Chandra MEMBER
  Nasim Bano MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


प्रार्थी की ओर से श्री कनिष्क शर्मा अधिवक्ता उपस्थित। अप्रार्थी संख्या 1 की ओर से श्री अनुप सुरोलिया अधिवक्ता उपस्थित, अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से श्री पवन शर्मा अधिवक्ता उपस्थित, अप्रार्थी संख्या 3 की ओर से श्री काशीराम शर्मा अधिवक्ता उपस्थित। प्रार्थी अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद के तथ्यों केा दौहराते हुए तर्क दिया कि प्रार्थी का अप्रार्थी संख्या 1 के यहां किसान क्रेडिट खाता संख्या 61062383101 खुला हुआ है। उक्त खाते में भारत सरकार की स्कीम के तहत यह प्रावधान है कि जिस सीमा तक प्रार्थी ऋण आहरण करेगा वह राशि बीमित होगी और बीमा प्रीमियम बैंक स्वंय अपने स्तर पर काटकर प्रार्थी के खाते में डेबिट करेगा। ऋणी कृषकों की फसलों का बीमा अप्रार्थी संख्या 2 एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी द्वारा किया जायेगा। प्रार्थी ने रबी फसल 2009 में चना व जौ की फसल काश्त की। प्रार्थी द्वारा बोई गयी फसल अतिवृष्टि के कारण व पाला पड़ने के कारण क्षतिग्रस्त हो गयी जिस पर प्रार्थी ने अप्रार्थीगण से फसल क्लेम की मांग की। परन्तु बार-बार प्रार्थी को क्लेम का आश्वासन दिया जाता रहा। प्रार्थी द्वारा विधिक नोटिस भी रबी फसल 2009 हेतु दिया गया। परन्तु अप्रार्थीगण द्वारा कोई सन्तोष जनक जवाब नहीं दिया गया इसलिए प्रार्थी को यह सन्देह है कि अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा प्रार्थी का प्रीमियम भेजा ही नहीं गया। जबकि अप्रार्थी संख्या 1 का यह विधिक दायित्व था कि वह प्रार्थी के ऋण खाते से प्रीमियम काटकर अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भिजवाता। अप्रार्थीगण के कारण प्रार्थी अपनी फसल बीमा क्लेम राशि प्राप्त नहीं कर सका। अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य सेवादोष की श्रेणी में आता है। इसलिए प्रार्थी अधिवक्ता ने परिवाद स्वीकार करने का तर्क दिया। अप्रार्थी संख्या 1 अधिवक्ता ने अपनी बहस में प्रार्थी अधिवक्ता के तर्कों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा रबी फसल 2009 हेतु प्रार्थी के खाते से प्रीमियम राशि दिनांक 01.01.2009 को 402 रूपये काटी जाकर एग्रीकल्चर बीमा कम्पनी को भिजवायी गयी थी व खरीफ 2009 फसल हेतु प्रीमियम राशि प्रार्थी स्वंय के द्वारा मना करने पर नहीं भिजवायी गयी। अप्रार्थी बैंक
के पास रबी फसल हेतु कोई क्लेम नहीं आया। जबकि
खरीफ हेतु प्रार्थी की फसल का बीमा नहीं होने के कारण
प्रार्थी को भुगतान नहीं किया जा सका। प्रार्थी ने केवल
लालच से वशीभूत होकर यह परिवाद पेश किया है। प्रार्थी
ने ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया जिससे यह साबित
हो कि प्रार्थी की रबी फसल का नुकसान हुआ हो। उक्त
आधारो ं पर परिवाद खारिज करने का तर्क दिया। अप्रार्थी
संख्या 2 व 3 ने अपनी बहस में मुख्य तर्क यह दिया कि
प्रार्थी उनका उपभोक्ता नहीं है इसलिए प्रार्थी का परिवाद
अप्रार्थी संख्या 2 व 3 की हद तक खारिज किया जावे।
प्रार्थी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वंय
का शपथ-पत्र, गिरदावरी, विधिक नोटिस मय ए.डी., बैंक
स्टेटमेन्ट दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किये है।
अप्रार्थी सख्ंया 2 ने हनुमान जैन का शपथ-पत्र, पत्र
दिनांक 10.07.2009, दृष्टिबंधक करार, बैंक स्टेटमेन्ट
दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया है। पक्षकारान
की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यान पूर्वक अवलोकन
किया गया। मंच का निर्णय निम्न प्रकार है।
हमने उभय पक्षों के तर्कों पर मनन किया।
वर्तमान प्रकरण मे ं प्रार्थी अधिवक्ता का मुख्य तर्क यह रहा
है कि अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा रबी फसल 2009 का
प्रीमियम प्रार्थी के ऋण खाते से नहीं काटा जाकर बीमा
कम्पनी को नहीं भिजवाया गया। इस कारण प्रार्थी को
रबी फसल 2009 का बीमा क्लेम नहीं प्राप्त हो सका।
उक्त तर्कों के विरोध में अप्रार्थीगण अधिवक्ता ने इस मंच
का ध्यान बैंक स्टेटमेन्ट दिनांक 31.12.2008 से 19.10.
2011 की ओर दिलाया जिनका ध्यान पूर्वक अवलोकन
किया गया। उक्त दस्तावेज के अवलोकन से स्पष्ट है कि
दिनांक 01.01.2009 को प्रार्थी के ऋण खाता से 402
रूपये प्रीमियम काटा गया है। इसलिए प्रार्थी अधिवक्ता
का यह तर्क मानने योग्य नहीं है कि अप्रार्थी बैंक के द्वारा
प्रार्थी की रबी फसल 2009 हेतु प्रीमियम नहीं काटा गया।
अप्रार्थीगण अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत पत्र दिनांक 10.07.2009
के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी स्वंय के द्वारा खरीफ
फसल 2009 हेतु फसल का बीमा नहीं करने हेतु निवेदन
किया गया है।
अप्रार्थीगण अधिवक्ता ने द्वितीय तर्क यह दिया कि रबी 2009 फसल हेतु अप्रार्थी बैंक के पास कोई क्लेम नहीं आया। अप्रार्थीगण के उक्त तर्कों के विरोध में प्रार्थी को यह साबित करना है कि उसके द्वारा बिजान्त की गयी फसल रबी 2009 अतिवृष्टि व पाला पड़ने से खराब हो गयी। परन्तु प्रार्थी ने अपने परिवाद में उक्त तथ्य को साबित करने हेतु कोई भी दस्तावेज या साक्ष्य पत्रावली पर प्रस्तुत नहीं किया जिससे यह साबित हो कि प्रार्थी की फसल रबी 2009 अतिवृष्टि व पाला पड़ने से खराब हो गयी ना ही प्रार्थी ने ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत किया जिससे यह जाहिर हो कि प्रार्थी के अलावा अन्य किसी काश्तकार, जो प्रार्थी की तहसील में निवासी करता हो व उसका बीमा क्लेम आया हो। इसके अतिरिक्त प्रार्थी ने अपने परिवाद में विरोधाभाषी कथन किये है। मंच की राय में प्रार्थी अपने परिवाद को साबित करने में विफल रहा हैं। इसलिए प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्य है। अतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। पक्षकारान प्रकरण व्यय स्वंय अपना-अपना वहन करेंगे। पत्रावली फैसला शुमार होकर दाखिल दफ्तर हो।

 
 
[HON'BLE MR. Shiv Shankar]
PRESIDENT
 
[ Subash Chandra]
MEMBER
 
[ Nasim Bano]
MEMBER

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