Rajasthan

Sawai Madhopur

270/2014

Shyam Bhargav - Complainant(s)

Versus

SBBJ Indra Colony - Opp.Party(s)

19 Feb 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 270/2014
 
1. Shyam Bhargav
Housing Board Sawai Madhopur
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                                           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सवाई माधोपुर
समक्ष:-    श्री कैलाश चन्द्र शर्मा, अध्यक्ष
              श्री सौभाग्यमल जैन, सदस्य
         
परिवाद सं0:-270/2014                                                             परिवाद प्रस्तुति दिनांकः- 19.5.2014
श्रीमती श्याम भार्गव पत्नि स्व. श्री ओमप्रकाश ब्राम्हण आयु 75 साल, निवासी-मकान नम्बर 1/51 राजस्थान हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी सवाई माधोपुर                                  
                                                                                                                       परिवादी
विरुद्ध
1.    शाखा प्रबन्धक स्टेट बैंक आफ बीकानेर एण्ड जयपुर शाखा इन्द्रा काॅलोनी सवाई माधोपुर।
2.    वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक पंजाब नेशनल बैंक रणथम्भोर सर्किल सवाई माधोपुर
                                                                                                                 विपक्षीगण
उपस्थिति:-
1.    श्री गोविन्द कुमार दीक्षित अधिवकतापरिवादी
2.    श्री आबिद अली अधिवकता विपक्षी संख्या 1
3.    श्री एस के गुप्ता अधिवक्ता विपक्षी संख्या 2
द्वारा सौभाग्यमल जैन (सदस्य)                                                             दिनांक:-  19 फरवरी, 2015
                                                                  नि  र्ण  य
    परिवादिया ने यह परिवाद संक्षेप में इन तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादिया के पति ओमप्रकाश भार्गव जिनकी मृत्यु     दिनांक20.9.2013 को हो चुकी है। परिवादिया के पति ने दिनांक 1.7.13 को विपक्षी संख्या 2 के एटीएम से 4500 रूपये की राशि निकालनी चाही परन्तु एटीएम से राशि नहीं निकली। दिनाक 2.7.13 को विपक्षी संख्या 1 को तुरन्त लिखित में शिकायत की तथा विप्क्षी संख्या 2 का एटीएम होने की वजह से उसके यहंा जाने को कहा। शिकायत लेने से विपक्षी संख्या 2 ने मना कर दिया। परिवादिया के पति को विपक्षीगण इधर से उधर घुमाते रहे। जो विपक्षीगण का सेवा दोष है। परिवादिया ने मंच के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर 4500 रूपये मय ब्याज व क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय दिलाने की प्रार्थना की।
    विपक्षी संख्या 1 ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर निवेदन किया परिवादिया द्वारा प्रस्तुत एटीएम पर्ची में रिस्पोन्स कोड 000 दर्शाया है। जो कि कम्प्यूटर जनित पर्चाी है। पैसा एटीएम मशीन से निर्गत किये गये है और लेन देन सफल रहा है। यह विवाद केवल दीवानी न्यायालय द्वारा ही तय किया जा सकता है। विपक्षी बैंक ने परिवादिया के खाते में दिनांक 24.6.2014 को 4500 रूपये जमा करवा दिये गये है जो बैंक स्टेटमेन्ट की प्रति से सिद्व होते है। अतः उक्त परिवाद विपक्षी संख्या 1 के विरूद्व खारिज किये जाने का निवेदन किया।
    विपक्षी संख्या 2 ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर कथन किया है कि परिवादिया उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आती है। दिनांक 1.7.13 को एटीएम द्वारा 4500 रूपये का आहरण किया गया है। ट््रांजेक्शन सफल होने पर 4500 रूपये का आहरण कम्प्यूटर द्वारा बताया गया है।  सिस्टम आॅटोमेटिक कम्प्यूटराइज्ड है। परिवादी के खाते से राशि डेबिट की गई है। उस दिन नो-एक्सेज केस बताये गये है। माननीय उपभोक्ता मंच को मामले की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
    परिवादियाने परिवाद के समर्थनमें स्वयं का शपथपत्र एव दस्तावेजी साक्ष्य में पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, व एटीएम की पर्ची व प्रार्थना पत्र व बैंक स्टेटमेन्ट की पर्ची आदि पेश किये है। विपक्षी संख्या 1 व 2 ने कोई दस्तावेजी साक्ष्य पेश नहीं की है।
    बहस उभय पक्षकारान की सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
    प्रस्तुत प्रकरण में विपक्षी संख्या 1 ने अपने जवाब के पैरा संख्या 9 में परिवादिया के बैंक एकाउण्ट में दिनांक 24.6.2014 को 4500 रूपये जमा कराया जाना बताया गया है। तथा परिवादिया ने दौराने बहस पास बुक की फोटो प्रति व बेंक स्टेटमेन्ट पेश किया है जिसमें भी परिवादिया के खाते में 4500 रूपये जमा किये जा चुके है। चॅूकि परिवादिया ने मंच के समक्ष दिनांक 19.5.14 को परिवाद पेश किया है और परिवादिया के बैंक एकाउण्ट में विपक्षी संख्या 1 ने दिनांक 24.6.14 को 4500 रूपये जमा कराये है जिससे विपक्षी संख्या 1 का दोष सिद्व साबित होना पाया जाता है। अतः हम परिवादिया को विपक्षी संख्या 1 से परिवाद व्यय के रूप में 2000 रूपये दिलाया जाना  उचित समझते है। 
आदेश
    अतः परिवाद परिवादिया विरूद्व विपक्षी संख्या 1 के स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवाद व्यय के रूप में परिवादिया को 2000 रूपये जरिये डी डी या चैक के रिहायशी पते पर जरिये रजिस्टर्ड डाक से निर्णय की तिथी से एक माह में प्रेषित करें। विपक्षी संख्या 2 के विरूद्व परिवाद निरस्त किया जाता है। 

सौभाग्यमल जैन                                                                                       कैलाश चन्द्र शर्मा
    सदस्य                                                                                                   अध्यक्ष
    
                                      निर्णय आज दिनांक 19ण्02ण्2015 को खुले मंच में सुनाया गया।

सौभाग्यमल जैन                                                                                      कैलाश चन्द्र शर्मा
सदस्य                                                                                                         अध्यक्ष 

 

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