जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-147/2006
सुभाष चन्द्र मालवीय पुत्र श्री मनीराम मालवीय निवासी लालबाग शहर व जिला फैजाबाद .................परिवादी
बनाम
सौरभ कम्नूकेशन मोतीबाग फैजाबाद ................. विपक्षी
निर्णय दिनाॅंक 26.05.2015
निर्णय
उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध नोकिया मोबाइल सेट के हैंग होने व खराब होने के सम्बन्ध में योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है, कि परिवादी ने एक मोबाइल सेट माॅडल नोकिया 3230 मु0 13,050=00 में दि0 01.01.2006 को विपक्षी से क्रय किया। उक्त मोबाइल दि0 19.02.2006 को खराब हो गया, जिसे मरम्मत हेतु विपक्षी को दिया गया और उन्होंने उक्त सेट बनवाकर दि0 24.02.2006 को वापस किया। फिर भी खराबी दूर नहीं हुई फिर दि0 20.03.2006 को दुरूस्त करने हेतु विपक्षी को दिया गया, जो दि0 14.04.2006 को वापस किया गया, परन्तु मोबाइल सही नहीं हुआ। परिवादी ने विपक्षी से उक्त सेट बदलने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने बदलने से इन्कार कर दिया और पुनः ठीक कराने से भी मना कर दिया। मोबाइल खराब हो जाने के कारण
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परिवादी की बड़ी क्षति हुई और उसके तमाम फोन न आने से उसका नौकरी में भी दिक्कत उठानी पड़ी।
विपक्षी ने परिवादी के परिवाद को इन्कार किया है और अपने जवाबदावे में कहा कि परिवादी ने दि0 01.01.2006 को एक नोकिया मोबाइल सेट माॅडल 3230 आई.एम.ई.आईनं0-357099/00/223609/0 मु0 13,050=00 में विपक्षी से क्रय किया। खरीदने के समय उक्त मोबाइल सेट पूर्ण रूप से सही था। परिवादी मोबाइल सेट क्रय किये जाने के पश्चात् उक्त सेट के हैंग कर जाने की शिकायत करने पर विपक्षी ने उक्त सेट ठीक कराने हेतु नोकिया केयर भेजा तथा ठीक होकर आने पर परिवादी को वापस कर दिया। पुनः उक्त सेट की शिकायत आने पर अन्ततः दि0 14.4.2006 को विपक्षी ने उसी माॅडल का एक दूसरा नया सेट जिसका आई.एम.ई.आई.नं.-355694/00/792279/3 है विपक्षी को दे दिया तथा उक्त नया मोबाइल सेट प्राप्त करने के पश्चात् परिवादी ने कभी कोई शिकायत नहीं किया। यहाॅं यह भी उल्लेखनीय है कि विपक्षी द्वारा परिवादी द्वारा पूर्व में खरीदे गये मोबाइल सेट की दी गयी रसीद पर ही नया सेट का आई.एम.ई.आई.नं0-355694/00/792279/3 लिख दिया गया था तथा पहले का आई.एम.ई.आई.नं0-357099/00/223609/0 काट दिया गया था।
मैं परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। परिवादी ने सौरभ कम्यूनिकेशन के यहाॅं से नोकिया 3230 मु0 13050=00 क्रय रसीद दि0 01.01.2006 की प्रेषित किया है, जिसमें आई.एम.ई.आई. नं0-357099/00/223609/0के स्थान पर दूसरा सेट नं0-355694/00/792279/3 दिया। पहले वाले सेट को काट करके नया नम्बर तथा अपना हस्ताक्षर दि0 14.04.2006 को बनाया। परिवादी ने अपने परिवाद में आई.एम.ई.आई. नम्बर नहीं लिखा है जबकि विपक्षी का कथन है कि पुराने वाले नोकिया माॅडल के आधार पर ही नया मोबाइल सेट की माॅंग करते हैं जबकि बदल करके नया मोबाइल सेट दिया जा चुका है। परिवादी ने अपने परिवाद में कौन सी आई.एम.ई.आई. नम्बर खराब हुआ ह,ै इसका उल्लेख नहीं किया है तथा नये आई.एम.ई.आई. नम्बर का भी उल्लेख नहीं किया है। केवल नोकिया 3230 मु0 13050=00 का अंकन किया है, जो दि0 01.01.2006 को क्रय किया गया था। बदल करके जो नया आई.एम.ई.आई. नं0-355694/00/792279/3 दि0 14.04.2006 को दिया गया। इसके सम्बन्ध में कुछ नहीं कहा। इस प्रकार परिवादी
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अपना परिवाद विपक्षी के विरूद्ध साबित करने में असफल रहा है। परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 26.05.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) ( चन्द्र पाल )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष