(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
संख्या-196/2010
Allahabad Bank, Kharuawan (Dhorawal)
Versus
Satyendra Nath Misra son of Late Rajeshwari
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अवधेश शुक्ला, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री इफ्तेखार हसन, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :19.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-60/2006, सत्येन्द्र नाथ मिश्रा बनाम शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक में विद्वान जिला आयोग, सोनभद्र द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 03.02.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- पत्रावली तथा निर्णय के अवलोकन से से ज्ञात होता है कि परिवादी द्वारा कृषि ऋण प्राप्त किया गया था, जिसका बीमा बैंक के माध्यम से एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के माध्यम से कराया गया था, परंतु परिवाद प्रस्तुत करते समय बीमा कम्पनी को पक्षकार नहीं बनाया गया तथा बीमा होने के पश्चात फसल में क्षति होने पर क्षतिपूर्ति का उत्तरदायित्व बीमा कम्पनी का है, इसलिए बीमा कम्पनी को पक्षकार न बनाये जाने के अभाव में पारित किया गया निर्णय/आदेश शून्य है। तदनुसार निर्णय/आदेश अपास्त होने योग्य है। प्रकरण प्रतिप्रेषित किया जाना उचित है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-60/2006 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 03.02.2009 अपास्त जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-60/2006 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर परिवादी को यह अवसर देने के पश्चात के बाद बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाया जाए तथा बीमा कम्पनी का लिखित कथन एवं साक्ष्य प्राप्त करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
पक्षकार दिनांक 07.03.2025 को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित हों। इसी तिथि को परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में इस आशय का संशोधन आवेदन प्रस्तुत किया जाए कि बीमा कम्पनी को पक्षकार बनाया जाये।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2