Rajasthan

Jaipur-I

CC/487/2014

SAKIL MOH. - Complainant(s)

Versus

SATYAM ELECTRONICS - Opp.Party(s)

TAHIR KHAN

20 Aug 2014

ORDER

                                               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 487/2014
शकील अहमद कुरैशी पुत्र श्री सईद मोहम्मद कुरैशी, निवासी 247, राजीव नगर, एन.बी.सी.फैक्ट्री के सामने, खातीपुरा रोड़, जयपुर Û

                                              परिवादी
               ं     बनाम

1.    सत्यम इलेक्ट्रोनिक्स, एस-3, जयन्ती बाजार, एम.आई.रोड़, जयपुर जरिए प्रोपराईटर Û
2.    मैसर्स तिरूपति इन्फोटेक, जयपुर जी-72, बी-ब्लाॅक, गणपति प्लाजा, पीजा हट के पास, एम.आई.रोड़, जयपुर जरिए मालिक मोहसनि खान Û
3.    माइक्रोमेक्स इन्फोमेशन लि0, माईक्रोेमेक्स हाउस, 90-बी, गुडगाॅंव, सेक्टर-18, गुडगाॅंव 122015 जरिए मैनेजर Û

              विपक्षी
    अधिवक्तागण :-
   श्री लियाकत खान - परिवादी
                                                                        परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 26.03.14

                                                                                      आदेश     दिनांक: 14.05.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 17.06.2013 को विपक्षी सॅंख्या 1 से 12800/- रूपए में माईक्रोमेक्स ए-116 केनवास एच डी सुपरफोन क्रय किा था । परिवादी का कथन है कि मोबाईल में खरीदने के कुछ दिन पश्चात ही एप्लीकेशन आदि चलने में प्रोब्लम आने लगी तथा स्क्रीन के रंग अचानक डल और धुंधले होने लगे व स्क्रीन मात्र ग्रीन/परपल शेड में दिखाने लगी जिस पर विपक्षी सॅंख्या 1 से सम्पर्क किया तो उसने अधिकृत सर्विस सेंटर पर सम्पर्क करने के लिए कहा, जिस पर दिनांक 19.07.2013 को परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 2 के यहां सम्पर्क किया व मोबाईल में आई समस्या के बारे में बताया तो उसने मोबाईल को जमा कर लिया व सोफटवेयर अपडेट करने पर उक्त समस्या का निदान हो जाने का आश्वास दिया तथा जाॅबशीट दिनांकित 19.07.2013 जारी कर दी गई । परिवादी का कथन है कि सोफटवेयर अपडेट करने के पश्चात भी मोबाईल में आई समस्या का निदान नहीं हुआ जिस पर दिनांक 20.02.2013 को विपक्षी सॅंख्या 3 को ई-मेल प्रेषित किया जिसका जवाब दिनांक 24.07.2013 को दिया गया कि परिवादी पुन: अपना मोबाईल सर्विस सेंटर पर जमा करावे व जाॅबशीट की स्केन काॅपी व मोबाईल का ई एम ई आई नंबर कम्पनी को प्रेषित करे । जिस पर परिवादी ने पुन: मोबाईल विपक्षी सॅंख्या 2 सर्विस सेंटर पर दिनांक 12.08.2013 को जमा करवा दिया । परिवादी जब मोबाईल लेने गया तो दिनांक 21.08.2013 को आने के लिए कहा और 21.08.13 को जाने पर कुछ काम बाकी रहना कहकर अगले दिन बुलाया । परिवादी का कथन है कि वह दिनंाक 22.08.2013 को गया तो एक नई जाॅबशीट जारी कर दी गई । परिवादी ने दिनांक 24.08.2013 को जरिए ई-मेल विपक्षी सॅंख्या 3 को दिनंाक 12.08.2013 व 22.08.2013 की जाॅबशीट की काॅपी भी भेजी जिस पर विपक्षी ने दिनंाक 28.08.2013 को मोबाईल की समस्या को ठीक करने का आश्वासन दिया और इसके बाद दिनांक 01.09.2013 को विपक्षी सॅंख्या 3 का मैसेज आया कि मोबाईल ठीक हो गया है कलेक्टर कर लें परन्तु दिनांक 01.09.2013 को ही विपक्षी सॅंख्या 2 के सर्विस सेंटर से फोन आया कि मोबाईल अभी ठीक नहीं हुआ है। परिवादी 07.09.2013 को विपक्षी सॅंख्या 2 के सर्विस सेंटर पर मोबाईल लेने गया तो उसे यह कहते हुए मोबाईल दिया गया कि ठीक हो गया है परन्तु यूज करने पर पुरानी समस्या ठीक नहीं होना पाया इस पर पुन: विपक्षी सॅंख्या 2 से सम्पर्क किया तो उसके मालिक व एक्सपर्ट ने बताया कि हमसे जो हो सकता था हमने कर दिया अब हम इसे ठीक नहीं कर सकते क्योंकि आपके मोबाईल में फ्लेक्स साॅफ्टवेयर, मदरबोर्ड एवं सेंसर बोर्ड में प्रारम्भ से ही मैन्यूफेक्चरिंग डिफेक्ट रहा है जो किसी प्रकार से ठीक नहीं हो सकता है इस कारण मोबाईल वापिस ले जाओ । परिवादी का कथन है कि दिनांक 30.11.2013 को विपक्षीगण को विधिक नोटिस भेजा गया परन्तु उसका कोई जवाब विपक्षीगण ने नहीं दिया । परिवादी का कथन है कि विपक्षीगण ने सेवादोष कारित किया है जिससे उसे मानसिक एवं आर्थिक क्षति हुई है । परिवादी ने मोबाईल की कीमत ब्याज सहित, मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए 21000/- रूपए, परिवाद व्यय 21000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ना ही बहस की गई है ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
परिवादी ने परिवाद पत्र के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, मोबाईल क्रय करने का बिल, विपक्षी सर्विस सेंटर की जाॅबशीट की फोटोकाॅपी, विपक्षी कम्पनी को भेजने गए ई-मेल की काॅपी, अधिवक्ता नोटिस की काॅपी प्रस्तुत की है।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षीगण की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का मंच के समक्ष कोई आधार नहीं है ।
प्रस्तुत साक्ष्य से परिवादी यह प्रमाणित कर सका है कि उसने विपक्षी सॅंख्या 3 का निर्मित जो मोबाईल क्रय किया था उसमें प्रारम्भ से ही समस्या थी जिसके लिए विपक्षी सॅंख्या 2 के यहां उसे ठीक करने के लिए डाला गया परन्तु उसे ठीक नहीं किया गया और अंत में विपक्षी सॅंख्या 2 के मालिक व एक्सपर्ट ने यह कहा कि हमसे जो हो सकता था हमने कर दिया अब हम इसे ठीक नहीं कर सकते क्योंकि आपके मोबाईल में फ्लेक्स साॅफ्टवेयर, मदरबोर्ड एवं सेंसर बोर्ड में प्रारम्भ से ही मैन्यूफेक्चरिंग डिफेक्ट रहा है जो किसी प्रकार से ठीक नहीं हो सकता है इस कारण मोबाईल वापिस ले जाओ । परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 2 के मालिक व एक्सपर्ट के द्वारा उक्त कथन कहे जाने का जो तथ्य मंच के समक्ष रखा है इसका विपक्षी सॅंख्या 2 या किसी भी विपक्षी की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में स्वयं विपक्षी सॅंख्या 2 के कहे अनुसार, खण्डन के अभाव में, यह साबित हो जाता है कि मोबाईल में फ्लेक्स साॅफ्टवेयर, मदरबोर्ड एवं सेंसर बोर्ड में प्रारम्भ से ही मैन्यूफेक्चरिंग डिफेक्ट रहा है जो किसी प्रकार से ठीक नहीं हो सकता था और इस प्रकार मैन्युफेक्चरिंग डिफेक्ट युक्त मोबाईल क्रय कर और फिर उसे नहीं बदलकर विपक्षीगण ने अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाते हुए सेवादोष कारित किया है जिससे परिवादी को आर्थिक हानि के साथ-साथ मानिसक संताप होना स्वभाविक है जिसके लिए वह मुआवजा प्राप्त करने का अधिकारी है।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि  विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होतेे हुए  आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी के मोबाईल हैण्डसेट को बदलकर परिवादी को उसी प्रकार का नया मोबाईल हैण्डसेट देंगे अन्यथा उसकी कीमत 12800/- रूपए अक्षरे बारह हजार आठ सौ रूपए 17.06.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित अदा करेंगे । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेंगे। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  
निर्णय आज दिनांक 14.05.2015 को लिखाकर सुनाया गया।


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)    (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष      

 

 

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