जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री मिथलेश कुमार शर्मा - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 1233/12
नर्बदा देवी पत्नी स्व0 श्री महिपाल सिंह, जाति राजपूत, निवासी एफ/17, ग्रीन बाल विद्यालय के पास, व्यास काॅलोनी, शास्त्री नगर, जयपुर Û
परिवादिया
ं बनाम
शास्त्री नगर गैस सर्विस, पता 104, रामनगर शाॅपिंग सेन्टर, शास्त्री नगर, जयपुर 302016, जरिए प्रोपराईटर/ मालिक/ प्रबंधक/ अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री संदीप सैनी - परिवादिया
श्री अभिनन्दन जैन - विपक्षी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 22.11.12
आदेश दिनांक: 02.01.2015
परिवादिया की ओर से परिवाद इन तथ्यों का पेश किया गया है कि विपक्षी इण्डियन आॅयल काॅर्पोरेशन लिमिटेड कम्पनी का एक अधिकृत गैस वितरक है जो शास्त्रीनगर क्षेत्र में कम्पनी के गैस कनेक्शन देने व गैस सिलेण्डर बेचने का कारोबार करता है । विपक्षी 2012 के प्रारम्भ से ही परिवादिया को गैस सिलेण्डर नियमित रूप से डिलीवरी नहीं कर रहा है । दो माह से भी अधिक समय से गैस सिलेण्डर की डिलीवरी दे रहा है । दिनांक 27.07.2012 को मोबाईल मैसेज करके विपक्षी के यहां गैस बुक करवाई जिसका बुकिंग नंबर 239723 था लेकिन उक्त बुकिंग की डिलीवरी समय पर नहीं की गई और सिलेण्डर डिलीवर करने का गलत मैसेज दिया । इसी प्रकार दिनांक 04.09.2012 को भी बुुकिंग करवाई गई जिसकी डिलीवरी समय पर नहीं दी गई और यह भी परिवादिया का कथन है कि विपक्षी ने अपनी वेबसाईट पर गलत सूचना प्रेषित की है । विपक्षी परिवादिया के सिलेण्डर कालाबाजारी कर ऊॅंची कीमत पर बेचकर अनुचित लाभ कमा रहा है । विपक्षी द्वारा सेवादोष व अनुचित व्यापार प्रथा अपनाए जाने के कथन करते हुए परिवाद में वर्णित अनुतोष दिलवाए जाने की प्रार्थना की है ।
विपक्षी की ओर से उक्त परिवाद का उत्तर प्रस्तुत किया गया है जिसमें वर्णित किया गया है कि 04.02.2012, 03.03.2012, 12.04.2012, 11.05.2012, 03.06.2012, 12.07.2012, 14.08.2012, 23.09.2012, 06.11.2012, 24.11.2012 एवं 29.12.2012 को परिवादिया को सिलेण्डरों की आपूर्ति की गई है । विपक्षी की ओर से कोई अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस नहीं की गई है । परिवादिया द्वारा जब-जब सिलेण्डर बुक करवाया गया उसे प्रदान किया गया । विपक्षी की ओर से प्रार्थना की गई है कि परिवाद खारिज किया जावे।
उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना, पत्रावली का अवलोकन किया गया तथा परिवादिया की ओर से प्रस्तुत लिखित बहस का भी अवलोकन किया ।
विद्वान अधिवक्ता परिवादिया की दलील है कि जो तथ्य परिवाद में वर्णित किए गए हैं उनका समर्थन परिवादिया की ओर से प्रस्तुत शपथ-पत्र व दस्तावेजात से होता है और परिवाद के विभिन्न अंशों का हवाला देते हुए दस्तावेजात से परिवाद के तथ्य प्रमाणित होने की दलील देते हुए परिवाद स्वीकार करने की दलील दी है ।
विद्वान अधिवक्ता विपक्षी की दलील है कि जो तथ्य विपक्षी की ओर से जवाब में प्रस्तुत किए गए हैं उनका समर्थन उसकी ओर से प्रस्तुत दस्तावेजात से गैस वितरण के सम्बन्ध में होता है और प्रस्तुत दस्तावेजात के आधार पर परिवाद खारिज करने की दलील दी है ।
उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अवलोकन किया तो पाया कि परिवादिया ने अपने परिवाद के चरण सॅंख्या 3 में जरिए मोबाईल मैसेज दिनांक 27.07.2012 को गैस बुक करवाना कहा है लेकिन उसकी डिलीवरी कब दी गई इस तथ्य का कोई तर्क संगत उत्तर विपक्षी ने नहीं दिया है और परिवादिया द्वारा दिनांक 17.08.2012 को बिना सिलेण्डर दिए मोबाईल मैसेज भिजवाना विपक्षी कम्पनी का गैर जिम्मेदारान कृत्य दर्शाता है । इसी प्रकार चरण सॅंख्या 4 में दिनांक 04.09.2012 को मोबाईल मैसेज से बुक करवाए गए सिलेण्डर की डिलीवरी नहीं देना और दिनांक 14.09.2012 की वेबसाइट पर परिवादिया के नाम 5 सिलेण्डरों की डिलीवरी दर्शाना सेवादोष की श्रेणी में आता है ।
उपरोक्त तथ्यों के प्रतिवाद स्वरूप विपक्षी का यह दायित्व था कि सम्बन्धि वेबसाइट के तथ्यों को तर्क संगत दर्शाते हुए प्रदर्शित करता जो कि विपक्षी द्वारा नहीं किया गया है । ऐसी सूरत में परिवादिया द्वारा जो सशपथ तथ्य कहे हैं उन पर अविश्वास किए जाने का कोई आधार नहीं है ।
विपक्षी जो तथ्य लेकर आया है और उसमें जो डिलीवरी के विवरण दर्ज किए गए हैं वह परिवादिया की डायरी से मेल नहीं खाते हैं । उभय पक्षों की बहस में यह भी स्पष्ट हुआ कि गैस विक्रेता द्वारा डायरी उपलब्ध नहीं होने पर सिलेण्डर उपभोक्ता को नहीं दिया जाता है और भरा हुआ सिलेण्डर प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता को डायरी पर इन्द्राज करवाना आवश्यक होता है। ऐसी स्थिति में यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि जो इन्द्राजात विपक्षी कम्पनी के वितरक द्वारा डायरी में किए गए उस इंद्राज को महत्वपूर्ण माना जावे । विचाराधीन प्रकरण में यह स्पष्ट हुआ है कि विपक्षी ने जो विवरण भरे हुए सिलेण्डर का दर्शाया है उसका समर्थन विपक्षी के स्टेटमेंट से नहीं हुआ है और ऐसी परिस्थिति में परिवादिया के परिवाद में वर्णित तथ्यों का समर्थन शपथ-पत्र व परिवादिया द्वारा प्रस्तुत की गई उपभोक्ता डायरी से होने के कारण विपक्षी द्वारा परिवादिया को गैस वितरण में अनियमितता होना पाया जाता है जो कि सेवादोष की श्रेणी में आता है ।
अब देखना यह है कि परिवादिया क्या अनुतोष पाने का अधिकारी है ?
इस सम्बन्ध में परिवादिया ने जो तीन दिन में सिलेण्डर प्रदान करने का अनुतोष चाहा है वह उपलब्धता के अनुसार ही प्रदान किया जा सकता है । मंच द्वारा कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है । जहां तक वेबसाइट पर डाटा प्रेषित किए जाने का तथ्य है कम्पनी द्वारा यह कार्य पूर्व से किया जाना जवाब से प्रकट होता है । अत: परिवादिया का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश
अत: परिवादिया का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाकर विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादिया द्वारा बुक करवाए जाने के पश्चात उपलब्धता के अनुसार परिवादिया को कम्पनी के नियमों के अन्तर्गत सिलेण्डर उपलब्ध करवाएगा । इसके अलावा सेवादोष के कारण हुए मानसिक संताप के लिए परिवादिया को 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगा। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे ।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 02.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष