Jamnalal prajapati filed a consumer case on 12 Mar 2015 against Satish kirana store in the Kota Consumer Court. The case no is CC/15/2012 and the judgment uploaded on 25 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
पीठासीन:श्रीएम अनवर आलम,अध्यक्ष,श्रीमति हेमलताभार्गव सदस्या।
प्रकरण संख्या-15/2012
जमनालाल प्रजापति पुत्र माधोलाल प्रजापति, जाति प्रजापति निवासी ग्राम हरिजी का निमोदा, तहसील दीगोद, जिला कोटा, राजस्थान। -परिवादी।
बनाम
01. सतीष किराना स्टोर, मथुरा वाले दीगोद, जिला कोटा राजस्थान।
02. हितेष एजेन्सी, किषोरपुरा गेट के पास, रेतवाली, कोटा राजस्थान, (सुपर डिस्ट्रीब्यूटर एवं निर्माता राजश्री चाय) -विपक्षीगण।
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1 श्री अरूण ऐनिया, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 विपक्षी सं.1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं ।
3. अप्रार्थी सं. 2 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
निर्णय दिनांक 12-03-2015
(1) प्रस्तुत परिवाद दिनांक 03-11-2011 को परिवादी ने इन अभिकथनों के साथ पेष किया है कि उसने विपक्षी सं. 1 से 15.06.2011 को 1 किलोग्राम राज श्री चाय का पैकिट खरीदा, उसमें ईनामी कूपन के अनुसार स्कीम थी, उस स्कीम के अनुसार चाय की थाली के अंदर एक स्क्रेच कूपन निकलना था, जिसे स्क्रेच करने के बाद उसमें कलर टी वी अंकित होने पर, उस कूपन को लेकर विपक्षी सं. 1 के पास गया, जिसने कलर टी वी देने से इंकार कर दिया और कहा कि टी वी देने की जिम्मेदारी हितेष एजेन्सी (विपक्षी सं. 2) की है। इस प्रकार विपक्षीगण ने सेवामें कमी की है। अतः परिवाद पेष कर प्रार्थना की गई है कि विपक्षीगण से कलर टी वी, मानसिक क्षति पूर्ति व खर्चा मुकदमा दिलवाया जावे।
(2) विपक्षी संख्या 1 ने जवाब पेश कर स्पष्ट किया है कि परिवादी को कभी कोई स्कीम प्रस्तावित नहीं की और परिवाद में उल्लेखित शेष तथ्यों को मूल रूप से अस्वीकार करते हुये परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज करने की प्रार्थना की गई।
(3) परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का शपथ-पत्र तथा दस्तावेजात में प्रदर्श-1 लगायत प्रदर्श-2, प्रस्तुत किये हैं तथा जवाब के समर्थन में विपक्षी सं.1 की और किसी का शपथ-पत्र अथवा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया ।
(4) विपक्षी सं.1 के खिलाफ दिनांक 08.11.12 को एक पक्षीय कार्यवाही की गई है।
(5) उपस्थित पक्षों की बहस सुनी गई। प्रस्तुत मामले में मुख्य विचारणीय बिन्दु यह है कि -
(अ) क्या परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?
(ब) क्या विपक्षीगण ने सेवा दोष किया है ?
(स) अनुतोष ?
(6) उपस्थित पक्षों द्वारा प्रस्तुत तर्कों, शपथपत्रों, दस्तावेजात एवं पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामले में विपक्षी ने अपने जवाब में विपक्षी सं. 1 ने परिवादी को राज श्री चाय विक्रय करने के तथ्य को अस्वीकार नहीं किया तथा परिवादी द्वारा प्रस्तुत बिल प्रदर्श-1 के अवलोकन से परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता होना साबित है। अतः परिवादी र्निविवाद रूप से विपक्षीगण का उपभोक्ता है।
(7) प्रस्तुत मामलें में परिवादी द्वारा प्रस्तुत राज श्री कंपनी का कूपन प्रदर्श-2 के अवलोकन से स्वतः स्पष्ट होता है कि इसमंे जो कलर टी वी की पर्ची चिपकाई गई है, वह अलग से चिपकाई गई है। इसके नीचे मूल कूपन में कलर टी वी लिखा हुआ नहीं है अपितु आलमंड ड्रोप हेयर आयल लिखा हुआ है। अतः विपक्षीगण परिवादी को परिवाद में उल्लेखित कलर टी वी देने के लिये बाध्य नहीं है। परिवादी अपना परिवादी अपना परिवाद सिद्ध करने में सफल नही हुआ है। उपरोक्त विवेचन के आधार पर हमारे विनम्र मत में विपक्षीगण का कोई सेवा दोष नही है। अतः परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
(8) परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
(9) परिणामतः परिवादी जमनालाल का परिवाद खारिज किया जाता है। खर्चा मुकदमा पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,कोटा। मंच, कोटा।
(10) निर्णय आज दिनंाक 12-03-2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
(श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषश
मंच,कोटा। मंच, कोटा।
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