(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1913/2010
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम सतीश कश्यप पुत्र श्री सुखराम तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 04.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0-692/2005, सतीश कश्यप बनाम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कं0लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, द्वितीय लखनऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 7.9.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्ता सुश्री रेहाना खान तथा प्रत्यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता श्री संजय कुमार वर्मा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद एक पक्षीय रूप से स्वीकार करते हुए बीमित जीप का मूल्य अंकन 4,42,772/-रू0 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश बीमा कंपनी के विरूद्ध पारित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी ने स्वरोजगार के उद्देश्य से वाहन सं0-ए.सी. 54 ई. 16199 विपक्षी सं0-2 से ऋण लेकर क्रय किया था, जिसका बीमा विपक्षी सं0-1 से कराया गया था और बीमा की अवधि दिनांक 23.5.2006 तक थी। दिनांक 29.5.2005 को परिवादी के मकान के सामने से रात्रि 8.00 बजे वाहन चोरी हो गया, जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस को दी गई तथा विपक्षीगण को भी सूचना दी गई, परन्तु बीमा धन अदा नहीं किया गया, इसलिए उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत किया गया।
4. विद्वान जिला आयोग ने अपने निर्णय/आदेश में अंकित नहीं किया है कि बीमा कंपनी को सूचना प्रेषित की गई और तामील के बावजूद वह
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उपस्थित नहीं हुई, जबकि अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्ता का मुख्य तर्क यह है कि यथार्थ में उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई, उन्हें लिखित कथन प्रस्तुत करने का कोई अवसर नहीं दिया गया।
5. अत: चूंकि विद्वान जिला आयोग ने भी अपने निर्णय/आदेश में यह अंकित नहीं किया है कि विपक्षी सं0-1, बीमा कंपनी पर समन की पर्याप्त तामील हुई है, परन्तु कोई उपस्थित नहीं हुआ, इसलिए एकतरफा सुनवाई की गई। अत: यह निर्णय/आदेश अपास्त होने और प्रस्तुत प्रकरण पुन: निस्तारण हेतु प्रतिप्रेषित किये जाने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश 07.09.2009 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण संबंधित जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग प्रश्नगत परिवाद को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे तथा उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष पर निस्तारण, यथासंभव 03 माह में करना, सुनिश्चित करे।
उभय पक्ष दिनांक 14.02.2025 को विद्वान जिला आयोग, द्वितीय लखनऊ के समक्ष उपस्थित हों।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2