राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-537/2021
1- रमेश चन्द्र वार्ष्णेय (मृतक) प्रतिस्थापित उत्तराधिकारीगण
1/1 श्री संजीव कुमार पुत्र स्व0 रमेश चन्द्र वार्ष्णेय, निवासी मोहल्ला कच्ची गढ़ी अतरौली अलीगढ़।
1/2 श्री सुधीर कुमार पुत्र स्व0 रमेश चन्द्र वार्ष्णेय, निवासी मोहल्ला कच्ची गढ़ी अतरौली अलीगढ़।
2- राजीव वार्ष्णेय उर्मिला आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज रामघाट रोड तहसील अतरौली थाना अतरौली कोतवाली, जिला अलीगढ़।
........... अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 व 2
बनाम
1- सतीश चन्द्र शर्मा पुत्र श्री पन्ना लाल शर्मा, निवासी गॉव सिखरना कलॉ थाना छर्रा पोस्ट छर्रा, तहसील अतरौली जिला अलीगढ़।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी
2- जिलाधिकारी अलीगढ़।
3- पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ (ग्रामीण)
4- जिला उद्यान अधिकारी, जवाहर भवन, तहसील कोल सिविल लाइन अलीगढ़।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री संजय कुमार श्रीवास्तव
प्रत्यर्थी सं0-1 के अधिवक्ता : श्री नवीन कुमार तिवारी
प्रत्यर्थी सं0-2 ता 4 के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 21.5.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ विपक्षी सं0-1 व 2 द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-147/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 31.7.2018 के विरूद्ध योजित की गई है।
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अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री संजय कुमार श्रीवास्तव तथा प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री नवीन कुमार तिवारी को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन व परीक्षण किया गया। अन्य प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत अपील के साथ जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद में की गई कार्यवाही से सम्बन्धित आदेश फलक की टंकित प्रति भी प्रस्तुत की, जो पत्रावली पर उपलब्ध है। दौरान बहस अपीलार्थी के अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि वास्तव में अपीलार्थी/विपक्षी को जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उपरोक्त परिवाद की सुनवाई की कोई जानकारी अथवा नोटिस प्राप्त नहीं करायी गयी, एक तरफ रूप से परिवाद निर्णीत किया गया जिससे व्यथित होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
मेरे द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश फलक का परीक्षण किया गया जिसमें यद्यपि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा दिनांक 01.3.2016 को कोरम पूर्ण होने का उल्लेख करते हुए अगली तिथि दिनांक 15.3.2016 नियत की गई तथा यह भी उल्लिखित किया गया कि वादी द्वारा विपक्षी पर तामील प्रमाण पत्र दाखिल किया गया। अगली निश्चित तिथि पर भी कोरम पूर्ण न होने पर अगली तिथि दिनांक 30.3.2016 नियत की गई, जिस तिथि पर निम्न आदेश उल्लिखित पाया गया:-
"वाद पुकारा गया। परिवादी के अधिवक्ता उपस्थित आए। विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विपक्षीगण के विरूद्ध वाद की कार्यवाही एक तरफा की जाएगी रजिस्ट्री से तामील प्राप्त मानी जावे। वाद वास्ते एक तरफा साक्ष्य/बहस दिनांक 22.4.2016 को पेश हो।"
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आदेश फलक की फोटो प्रति भी अपील पत्रावली के साथ संलग्नित है। मेरे विचार से इस मामले में बिना किसी गुणदोष पर विचार करते हुए प्रस्तुत अपील अंतिम रूप से निर्णीत करते हुए पक्षकारों को एक अवसर सुनवाई का प्रदान किया जाना न्यायहित में आवश्यक है, तद्नुसार अपील निस्तारित की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-147/2015 में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 31.7.2018 अपास्त किया जाता है तथा जिला उपभोक्ता आयोग को आदेशित किया जाता है कि वे परिवाद सं0-147/2015 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर अगली निश्चित तिथि दिनांक 26.7.2024 को उपरोक्त परिवाद को गुणदोष के आधार पर अंतिम रूप से निस्तारित किया जावे।
यहॉ यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि उपरोक्त दिनांक 26.7.2024 को पक्षकार अनुपस्थित रहेंगे तब भी गुणदोष के आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को अंतिम रूप से निर्णीत किया जावेगा।
इस आदेश की प्रति उभय पक्ष के अधिवक्तागण द्वारा विविध प्रार्थना पत्र के साथ जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख 02 सप्ताह की अवधि में प्रस्तुत की जावेगी।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि को मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह, वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2., कोर्ट नं0-1