Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/285

G D A - Complainant(s)

Versus

Satish Chandra Gupta - Opp.Party(s)

Vipul Gupta

06 Dec 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/285
( Date of Filing : 13 Feb 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. G D A
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Satish Chandra Gupta
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Dec 2024
Final Order / Judgement

  (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-285/2012

गाजियाबाद डेवलपमेंट अथारिटी बनाम सतीश चन्‍द्र गुप्‍ता पुत्र स्‍व0 रतन लाल गुप्‍ता

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक:  06.12.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद सं0-107/2009, सतीश चन्‍द्र गुप्‍ता बनाम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.01.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विपुल गुप्‍ता के सहायक श्री मनोज कुमार तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुधांशु चौहान के सहायक अधिवक्‍ता को सुना गया तथा परिवादी को व्‍यक्तिगत रूप से भी सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.    विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए भवन सं0-जी.के. 4/54 एमआईजी इन्‍द्रापुरम गाजियाबाद का विक्रय पत्र दो माह के अंदर निष्‍पादित करने का आदेश पारित किया है।

3.    परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा भवन का कुल मूल्‍य अंकन 5,48,900/-रू0 जमा कर दिया गया है, जिस पर कोई आपत्ति नहीं है। भवन का कब्‍जा भी परिवादी को सुपुर्द कर दिया गया, इसके साढ़े 5 वर्ष पश्‍चात भवन की कीमत अंकन 6,81,491/-रू0 कर दी गई, जिसे विद्वान जिला आयोग द्वारा अवैधानिक माना गया। चूंकि दिनांक 16.3.1996 में भवन का अंतिम मूल्‍य अंकन 5,48,900/-रू0 था और भवन  निर्मित  हो  चुका  था,  इसलिए इसके मूल्‍य में बढ़ोत्‍तरी का कोई

 

-2-

अवसर नहीं था। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णत: विधिसम्‍मत है, इसमें हस्‍तक्षेप अपेक्षित नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

4.    प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                        (सुशील कुमार)

  सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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