जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 185/2012
दिलीप पुत्र गोरधन जांगिड, जाति-जांगिड, निवासी-224 किसान छात्रावास के पास , करणी काॅलोनी, नागौर, जिला-नागौर (राजस्थान)। -परिवादी
बनाम
1. प्रबन्धक, साथी रियलटर्स प्रा. लिमिटेड कार्पोरेट कार्यालय, मंसूर अली बिल्डिंग, प्रथम तल, अजमेर रोड, नागौर, जिला- नागौर।
2. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, साथी रियलटर्स प्रा. लिमिटेड, रजि. कार्यालय 16/801, ईस्ट एण्ड अपार्टमेन्ट, मयूर विहार, प्रथम फेस, नई दिल्ली-110096
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।
2. श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री प्रेमराज गेहलोत, अधिवक्ता वास्ते परिवादी।
2. अप्रार्थी संख्या एक व दो के विरूद्ध एकतरफा।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे श दि0 24.03.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अप्रार्थीगण संख्या एक व दो के यहां ग्राम सारणवास, तहसील-नागौर में एक प्लाॅट बुक करवाया। अप्रार्थी कम्पनी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली व हरियाणा के यहां रजिस्टर्ड है, जो कि विभिन्न शहरों में प्लाॅट तथा मकान बनाकर उनकी बुकिंग का काम करती है। कम्पनी प्लाॅट काटकर एवं मकान बनाकर विक्रय करती है। कम्पनी ने प्रार्थी को प्लाॅट संख्या 173 बताते हुए बुकिंग पेटे 75000/- रूपये (पिचेतर हजार रूपये) अप्रार्थी संख्या एक के यहां जमा करवाये। प्लाॅट की कुल कीमत 125000/- रूपये (एक लाख पच्चीस हजार रूपये) तय की गई। बुकिंग पेटे 75000/- रूपये जमा कराने पर अप्रार्थीगण ने प्रार्थी को अलाॅटमेंट लेटर जारी किया। परन्तुु कब्जा आज तक नहीं दिया और रजिस्ट्री करवाने से साफ इन्कार कर दिया। प्रार्थी को उसका उक्त ग्राम के खेत खसरा नम्बर 178, 183 व 194 साकेत लग्जरी टाउनशिप काॅलोनी, जो कि सारणवास रोड पर राधास्वामी सत्संग ब्यास के पास स्थित है, प्लाॅट नम्बर 173 पर कब्जा दिलाया जावे एवं रजिस्ट्री कराई जावे और हर्जा-खर्चा दिलाया जावे।
2. बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया गया। अप्रार्थीगण ने प्रार्थी के परिवाद पत्र एवं पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजात का बावजूद बाद तामिल कोई खण्डन करने का साहस नहीं जुटाया है, क्योंकि अनुपस्थित रहे हैं। अतः प्रार्थी के परिवाद-पत्र, शपथ-पत्र एवं पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजात पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है।
आदेश
3. आदेश दिया जाता है कि अप्रार्थीगण, प्रार्थी को एक माह के अंदर बुकिंग शुद्दा प्लाॅट संख्या 173 का कब्जा सुपुर्द करें एवं उसकी रजिस्ट्री करवाएं। प्रार्थी को 5000/- परिवाद व्यय एवं 5000/- मानसिक क्षतिपूर्ति के भी अदा करें। कब्जा मिलने एवं रजिस्ट्री होने पर प्रार्थी, अप्रार्थीगण को शेष रकम अदा करें।
आदेश आज दिनांक 24.03.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।
।बलवीर खुडखुडिया। ।बृजलाल मीणा। ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य अध्यक्ष सदस्या